Vikas ki kalam

धन्य हो..R.D.V.V रिजल्ट तो ले ही लो..पेपर भले बाद में दे देना..



धन्य हो..R.D.V.V
रिजल्ट तो ले ही लो..पेपर भले बाद में दे देना..







विकास की कलम/जबलपुर 

जबलपुर जिले में एक ऐसा अनोखा कारनामा देखने को मिला है जहां पर संभाग की जानी पहचानी यूनिवर्सिटी ने विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को लाजवाब तोहफा देते हुए बिना पेपर दिए ही रिजल्ट की सौगात दे दी है..

यह हम नहीं कहते बल्कि.. इस बात की पुष्टि विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड हुए रिजल्ट और टाइम टेबल खुद ब खुद कर रहे हैं..
सूत्र बताते हैं कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में अपने आप को बेहतर से भी बेहतर साबित करने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने ऐसी हड़बड़ी दिखाई की अधूरी परीक्षा के बीच में ही परिणाम घोषित कर दिए। और वह यह भूल गया कि अभी उसके द्वारा कुछ परीक्षाएं कराया जाना शेष है।




दरअसल विश्वविद्यालय द्वारा दिनांक 27 अप्रैल को बीबीए प्रथम वर्ष के परीक्षा परिणामों की घोषणा की गई थी। लेकिन सबसे खास बात यह है शिक्षण सत्र में जल्द परिणाम घोषित करने की वाह वाही लूटने के चक्कर में विश्वविद्यालय प्रबंधन यह बात भी भूल गया कि उन्हें अभी बीबीए प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों का ओपेन इलेक्टिव विषय के अंतर्गत डाटा एनालिसिस एवं विजुलाइजेशन थ्रू स्प्रेडशीट पेपर का एक्जाम कराना है ।

बावजूद इसके विश्वविद्यालय द्वारा बीबीए प्रथम वर्ष का परिणाम 27 अप्रैल को वेबसाइट पर जारी किया। इतना ही नहीं उसके बाद वेबसाइट पर 28 अप्रैल को परीक्षा का रिवाइज टाइम टेबल भी विश्वविद्यालय की बेवसाइट पर जारी हो गया। अब इस पूरे कारनामे को लेकर विद्यार्थियों की स्थिति सांप- छछूंदर जैसी हो चुकी है। उन्हें विश्वविद्यालय की यह नई परिपाटी हजम ही नहीं हो रही है। वे डिसाइड ही नहीं कर पा रहे हैं कि अब यूनिवर्सिटी में पहले पेपर होगा या पहले ही रिजल्ट थमा दिया जाएगा।

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विश्वसनीय सूत्रों ने यह भी बताया कि जैसे ही विश्वविद्यालय को अपनी गलती का एहसास हुआ आनन फानन में सोमवार को उपकुलसचिव परीक्षा के हस्ताक्षर वाला आदेश जारी कर यह परीक्षा तीन मई को प्रातः 7 से 10 बजे तक कराने का निर्णय लिया गया है। वेबसाइट पर भी इस आदेश की कॉपी अपलोड की गई है।

लेकिन इससे पहले की विश्वविद्यालय प्रबंधन की नींद की खुमारी उतर पाती, उनसे गलतियों पर गलतियां होती जा रही थी । यही कारण है कि जब होश आया तो उन्हें पता चला कि उनके द्वारा बीबीए होटल मैनेजमेंट का वोकेशनल विषय के अंतर्गत न्यूट्रीशन एवं डायबिटिक विषय की पेपर तो लिया ही नहीं गया था।

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खैर जब जागो तब सवेरा की तर्ज पर विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर नई परीक्षा तिथि के फरमान अपलोड किए गए हैं। जिनके तहत यूनिवर्सिटी अब आने वाली 3 मई को प्रातः 7 से 10 बजे तक परीक्षा का आयोजन कर रही है। जबकि बीबीए होटल मैनेजमेंट के सभी एग्जाम 25 अप्रैल को पूर्ण हो चुके हैं।


सोने पर सुहागा तो तब हुआ जब ऊंघते अनमने से विश्वविद्यालय को याद आया कि भले ही उसने बीबीए द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं भी 26 अप्रैल को पूर्ण करा दी थी लेकिन..ओपेन इलेक्टिव विषय के अंतर्गत रूरल बैंकिंग ऑफ इंडिया और वोकेशनल विषय के अंतर्गत डेस्कटाप पब्लिशिंग पेपर की परीक्षा तो ली ही नहीं गई। फिर क्या था। अपनी कच्ची नींद से जागते हुए विश्वविद्यालय प्रबंधन बोला कि यह वाला एग्जाम भी 3 तारीख को कर लेंगे।


गलती से मिस्टेक तो हो गई है लेकिन जिम्मेदारी लेगा कौन..?


अब सवाल यह खड़ा होता है कि गलती तो हो गई लेकिन अब इसका ठीकरा किसके सर फूटेगा। बात साफ है कि या तो मामले को दबा दिया जाएगा या फिर किसी अधीन से कर्मचारियों के ऊपर पूरे पाप की गठरी लादते हुए। उसे उसके छोटे पद का भुगतान करवा दिया जाएगा। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के गलियारे फूस फ़ुसाते हुए अब यह चर्चा कर रहे हैं कि अब इस कारिस्तानी की जिम्मेदारी कौन लेगा।


क्योंकि कुर्सी पर बैठे जिम्मेदारों ने तो इससे पल्ला साफ झाड़ दिया है उनका कहना है कि ऐसा कोई भी आदेश विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा जारी नहीं किया गया है एवं सभी विद्यार्थियों के समय पर एग्जाम कराए गए हैं। रही बात वेबसाइट पर अपलोड आदेशों की तो यह किसने अपलोड किए हैं और किसके कहने पर अपलोड किए हैं यहजांच का विषय है ।कुलसचिव आरके।बघेल ने पहले तो मामले की जानकारी होने से इंकार किया । बाद में कहा कि गलती से यह आदेश अपलोड हुआ है, ऐसी कोई परीक्षा नहीं हो रही है।

खैर गलती तो हो गई है और अब उसे छुपाने से कोई फायदा नहीं क्योंकि एक झूठ को छुपाने के लिए हजारों झूठ बोलने पड़ते हैं। अब देखना यह होगा कि विश्वविद्यालय प्रबंधन अपनी साख को बचाने के लिए इस पूरे मामले को किस तरह से संज्ञान में लेता है। लेकिन एक बात तो साफ है कि इस पूरे कारनामे के बीच अगर कोई सबसे ज्यादा परेशान हुआ है तो वह है विद्यार्थी... जिसे अब यह समझ में नहीं आ रहा है कि एग्जाम होंगे भी या नहीं..या फिर नहीं हुए एक्जाम को जर्नल प्रमोशन देते हुए हर किसी को पास कर दिया जाएगा..

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