महाकाल की तर्ज पर बने मां बूढ़ी खेरमाई मंदिर कॉरिडोर..सकल हिन्दू समाज ने भरी हुंकार...
विकास की कलम/जबलपुर
जबलपुर के सबसे प्राचीन और संस्कारधानी वासियों के आस्था का प्रमुख केंद्र कहलाने वाले मा बुढी खेरमाई (मां धूमावती) प्रांगण को कॉरीडोर में विकसित करने एवं दमोहनाका मुख्य सड़क से जोड़ने की मांग को लेकर आज जबलपुर शहर के सकल हिन्दू समाज , सनातनी बंधुओं और भक्त गणों ने एकजुट हो कर इस मांग को पूरा किए जाने के लिए मुख्यमंत्री महोदय से लेकर शहर के जिम्मेदार अधिकारियों तक सभी के नाम एक ज्ञापन प्रेषित किया है।
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आपको बता दे की हनुमान ताल क्षेत्र चारखम्बा स्थित यह अति प्राचीन मंदिर 1500 साल पुराना है ।जो कि शहर वासियों की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है। मंदिर प्रांगण 3.5 एकड़ में फैला हुआ है। लेकिन धीरे-धीरे यहां अन्य धर्म के लोगों की बसाहट बढ़ने लगी और लगातार मंदिर प्रांगण में अतिक्रमण होने लगा। एक समय था जब यह क्षेत्र हिन्दू धर्मावलंबियों का गढ़ था। लेकिन धीरे धीरे यहां से हिन्दू परिवारों का पलायन होने लगा । जिसका एकमात्र कारण यहां लगातार हो रहे अतिक्रमण को बताया गया है।
बताया जा रहा है कि मंदिर के आसपास पूर्व में 50 से अधिक मंदिर थे जो कि अब नष्ट कर दिए गए हैं। श्रद्धालुओं ने मांग की है कि महाकाल कॉरिडोर और विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर जबलपुर में भी मां धूमावती बूढी खेरमाई मंदिर कॉरिडोर बनाया जाए और इसे दमोह नाका चौराहे से जोड़ दिया जाए। मुख्य मार्ग का चौड़ी करण करते हुए अतिक्रमण को दूर किया जाए। जिससे कि आने वाले समय में धार्मिक आयोजनों के लिए शहर भर के श्रद्धालुओं को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े साथी क्षेत्र में हो रही आपराधिक गतिविधियों पर भी लगाम लगाई जा सके।