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बिहार आओगे तो.. जान से मार देंगे, चुनाव प्रचार पर सांसद रवि किशन को मिली धमकी


बिहार आओगे तो.. जान से मार देंगे,
चुनाव प्रचार पर सांसद रवि किशन को मिली धमकी





विकास की कलम/एजेंसी,गोरखपुर,|

मुझे हाल ही में जान से मारने की धमकी दी गई और मुझे और मेरी माता के खिलाफ अभद्र अपशब्द बोले गए हैं। कुछ लोगों द्वारा मुझे जान से मारने की धमकी देते हुए मेरे आराध्य प्रभु श्री राम के खिलाफ भी अपशब्द बोले गए हैं। विरोधियों का यह प्रहार केवल मुझ पर व्यक्तिगत प्रहार नहीं बल्कि हमारी धार्मिक आस्थाओं पर भी सीधा करारा प्रहार है। 
सांसद रवि किशन (उत्तर प्रदेश, गोरखपुर)


उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा है कि विरोधी चुनाव में बुरी तरह हार रहे हैं और इस हताशा में मुझे और मेरी मां को अपशब्द बोले गए। रवि किशन ने धमकी देने वालों को चुनौती देते हुए कहा कि वे अपना प्रचार नहीं रोकेंगे और दोबारा बिहार जाएंगे।




भाजपा सांसद रवि किशन को बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान जान से मारने की धमकी दी गई। इस पर रविकिशन ने कहा कि विरोधी चुनाव में बुरी तरह हार रहे है इस कारण मुझे और मेरी मां को अपशब्द बोले गए है। लेकिन मैं धमकी देने वालों से डरने वाला नहीं हूं और मैं फिर से बिहार आ रहा हूं।
उन्होंने विरोधियों पर पलटवार करते हुए कहा कि "जेकर नाथ भोलेनाथ उ अनाथ कैसे होई, इससे पहले, सांसद रवि किशन ने बताया कि उन्हें फोन पर अपशब्द बोले गए और जान से मारने की धमकी दी गई।




उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मुझे हाल ही में जान से मारने की धमकी दी गई और मुझे और मेरी माता के खिलाफ अभद्र अपशब्द बोले गए हैं। कुछ लोगों द्वारा मुझे जान से मारने की धमकी देते हुए मेरे आराध्य प्रभु श्री राम के खिलाफ भी अपशब्द बोले गए हैं। विरोधियों का यह प्रहार केवल मेरा व्यक्तिगत प्रहार नहीं बल्कि धार्मिक आस्थाओं पर भी सीधा करारा प्रहार है।




भाजपा सांसद रवि किशन ने लिखा कि इस तरह की हरकतें समाज में अराजकता और असंतोष फैलाने की साजिश है जिसे मुंहतोड़ जवाब देना बेहद जरूरी है। जिनका जवाब लोकतांत्रिक और वैचारिक मजबूती से दिया जाएगा। मैं स्पष्ट कहना चाहता हूं कि न मैं इन धमकियों से डरता हूं, न झुकूंगा।


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रवि किशन ने आगे लिखा, जनसेवा, राष्ट्र वाद और धर्म के पथ पर चलना मेरे लिए कोई राजनीतिक रणनीति नहीं, बल्कि जीवन का संकल्प है। मैं इस मार्ग पर हर परिस्थिति में अडिग रहूंगा, चाहे इसके लिए मुझे किसी भी कीमत का सामना क्यों न करना पड़े। यह मार्ग कठिन है, पर मुझे इसी में अपना जीवन सार्थक दिखाई देता है। मेरे लिए यह संघर्ष आत्मसम्मान, आस्था और कर्तव्य की रक्षा का प्रतीक है और मैं अंत तक दृढ़ रहूंगा।



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