एमपी में नवजात बच्ची का पहला एयरलिफ्ट
RBSK बना स्वास्थ्य सूत्रधार।देखिए महा कवरेज़।
विकास की कलम जबलपुर।
मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार 3 दिन की बच्ची को सरकारी खर्च पर एयरलिफ्ट कराते हुए जबलपुर से मुंबई उच्च उपचार के लिए भेजा जा रहा है। और यह सब जबलपुर के स्वास्थ्य विभाग और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के कर्मठ अधिकारियों के कारण ही मुमकिन हो पाया है।
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आपको बता दें कि जबलपुर के सिहोरा तहसील में रहने वाले दहिया परिवार को दो दिन पूर्व जुड़वा बच्चे हुए थे जिसमें से एक पुत्र तो स्वस्थ था लेकिन पुत्री गंभीर हृदय रोग से ग्रसित थी। 3 दिन की इस बच्ची को हृदय से संबंधित इतनी गहन बीमारी थी कि जिसका इलाज जबलपुर शहर तो क्या मध्यप्रदेश में भी संभव नहीं था। यही कारण था कि परिवार की खुशियां अचानक ही मायूसी में तब्दील होती नजर आ रही थी।। इसी दौरान दहिया परिवार को जबलपुर के जिला अस्पताल में संचालित आरबीएसके कार्यालय की जानकारी मिली जहां पर विशेष रूप से ऐसे ही जन्मजात बीमारियों के उपचार के लिए सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का संचालन किया जाता।
बिना देर करते हुए दहिया परिवार ने आरबीएस के मैनेजर सुभाष शुक्ला से संपर्क किया और फिर छुट्टी वाले दिन आरबीएस के मैनेजर ने अपना दफ्तर खुलवाकर वरिष्ठ अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए बच्ची के उपचार के लिए सारे कागजात तैयार करवाई।
आरबीएसके की टीम की तत्परता की बदौलत ही गुरुवार की सुबह डुमना विमानतल से 3 दिन की बच्ची को एयर एंबुलेंस के जरिए मुंबई के नारायणा अस्पताल में ले जाया जा रहा है। नवजात बच्ची के साथ उसके पिता सत्येंद्र दहिया भी विमान से मुंबई जा रहे हैं विकास की कलम से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों के सहयोग से उनकी बच्ची का उपचार करवाने की राह आसान हो पाई है। इस दौरान उन्होंने विकास की कलम कभी धन्यवाद देते हुए कहा के उनकी खबरों के माध्यम से समय-समय पर सरकारी योजनाओं की जानकारी आमजन को मिलती है जिससे वह लाभान्वित होते हैं।
आरबीएसके टीम से श्रेया अवस्थी ने बताया कि बेहद कम समय में सभी दस्तावेजों को दुरुस्त करना काफी मुश्किल भरा काम होता है जहां पर जबलपुर से लेकर मुंबई तक एवं एयरपोर्ट के भी सारे दस्तावेज दुरुस्त करने पड़ते हैं लेकिन अधिकारियों की त्वरित प्रतिक्रिया के चलते यह सारा काम बेहद आसान हो गया। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर विनीता उप्पल ने बताया कि एयर लिफ्ट की प्रक्रिया काफी पेचीदा होती है जिसके लिए उच्च स्तर तक समन्वय स्थापित कर हर स्तर पर जानकारी एकत्र करना पड़ता है।
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आपको बता दें कि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के संयुक्त समन्वय पर लगातार आमजन को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराए जाने का कार्य निरंतर जारी है। डुमना विमानतल पर उपस्थित सिहोरा विधायक संतोष बडकरे ने जानकारी देते हुए बताया की बच्ची का संपूर्ण उपचार मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के अंतर्गत किया जाएगा वहीं बच्ची को पीएम श्री योजना के तहत एयरलिफ्ट कराया जा रहा है
अब चूंकि बच्ची को विमान के जरिए मुंबई रवाना कर दिया गया है लिहाजा पिछले 24 घंटे से लगातार युद्ध स्तर पर कार्य कर रहेक्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं जबलपुर डॉ संजय मिश्रा और आरबीएसके मैनेजर सुभाष शुक्ला ने राहत की सांस ली है। डॉ संजय मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि निश्चित ही यह एक चैलेंजिंग टास्क था लेकिन टीम वर्क ने इसे बेहद कम समय में मुमकिन का दिखाए उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों का धन्यवाद दिया है।
बहरहाल बच्ची मुंबई तो रवाना कर दी गई है। लेकिन आरबीएसके जबलपुर की टीम एक बार फिर से अपने काम में जुट गई है। बताया जा रहा है कि मुंबई के अस्पताल से लगातार समन्वय स्थापित कर बच्ची के उपचार में आने वाली हर छोटी और बड़ी जानकारी साझा की जा रही है। ताकि मुंबई में बच्ची के उपचार में किसी भी प्रकार की अड़चन न आ सके । आशा जताई जा रही है कि जल्द ही बच्ची पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच जाएगी। और परिवार एक बार फिर से खुशी का जश्न मनाएगा।
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