भारत और फ्रांस एकजुट होकर देंगे आतंकवाद का मुंह तोड़ जवाब।
विकास की कलम / नई दिल्ली, (एजेंसी)।
आतंकवाद निरोध (सीटी) पर भारत-फ्रांस संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की 17वीं बैठक गुरुवार को पेरिस, फ्रांस में आयोजित हुई, जहाँ दोनों देशों ने आतंकवाद निरोधक चुनौतियों का आकलन किया, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा की और वार्ता के दायरे को व्यापक बनाया। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की और संबंधित देशों में वर्तमान खतरे के आकलन पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
भारत और फ्रांस ने पेरिस में हुई संयुक्त बैठक में आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ मिलकर कार्रवाई करने का संकल्प लिया। दोनों देशों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की।
बैठक में सीमा पार आतंकवाद, ऑनलाइन प्रचार और नई तकनीकों के जरिए फैल रहे आतंक को लेकर भी चर्चा हुई। भारत और फ्रांस संयुक्त कार्य समूह की बैठक में दोनों देशों ने आतंकवाद, उग्रवाद और कट्टरपंथ के खिलाफ साथ मिलकर कार्रवाई करने का संकल्प लिया है। इस दौरान दोनों देशों ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की, जिसमें निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया था। यह चर्चा भारत-फ्रांस संयुक्त कार्य समूह की आतंकवाद विरोधी बैठक के दौरान हुई, जो गुरुवार को पेरिस में आयोजित की गई थी।
इस बैठक में दोनों देशों के अधिकारियों ने आतंकवाद से जुड़े खतरों और उन्हें रोकने के उपायों पर चर्चा की। बता दें कि भारत की में संयुक्त सचिव केडी देवाल ने किया। वहीं ओर से इस बैठक का नेतृत्व विदेश मंत्रालय फ्रांस की ओर से आतंकवाद विरोधी राजदूत ओलिवियर कारोन ने भाग लिया। बैठक में किन-किन मुद्दों पर हुई चर्चा पेरिस में हुई इस बैठक में भारत और फ्रांस ने अपने-अपने देशों में मौजूदा आतंकवाद के खतरे पर विचार किया। इसमें सीमा पार गतिविधियां, कट्टरपंथ फैलाने वाले संगठनों की भूमिका, और मध्य पूर्व में आतंकवाद की स्थिति जैसे विषय शामिल थे। इस दौरान दोनों पक्षों ने यह भी माना कि आतंकवादी अब नई तकनीकों जैसे इंटरनेट, सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करके प्रचार और भर्ती कर रहे हैं, जिससे उन्हें रोकना और चुनौतीपूर्ण हो गया है।
आतंकवाद, राज्य प्रायोजित आतंकवादी बैठक में सहयोग को और बढ़ाने पर जोर गौरतलब है कि बैठक में भारत और फ्रांस ने आतंकवाद के खिलाफ आपसी सहयोग को और मजबूत करने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं। इस दौरान दोनों देशों ने संकल्प लिया कि आतंकवाद के मामले में मिलकर प्रशिक्षण कार्यक्रम और संयुक्त अभ्यास करेंगे ताकि आतंकवाद से निपटने की तैयारियों को और मजबूती दी जा सके। इसके साथ ही, दोनों देश संयुक्त राष्ट्र, एफएटीएफ (एफएटीएफ) और नो मनी फॉर टेरर (एनएमएफटी) जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिलकर काम करेंगे।
इसके साथ ही बैठक में यह भी तय किया गया कि भारत और फ्रांस ऑनलाइन आतंकी प्रचार और संगठित अपराध पर रोक लगाने के लिए नई रणनीतियां तैयार करेंगे। दोनों देश सूचना और अनुभवों का आपसी आदान-प्रदान भी करेंगे, जिससे एक-दूसरे की नीतियों से सीख लेकर आतंकवाद के खिलाफ और प्रभावी कार्रवाई की जा सके।

