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साल 2023 में आपका रसाई बजट नहीं बिगड़ने देगी मोदी सरकार दाल और तेल पर खास तैयारी

 साल 2023 में आपका रसाई बजट नहीं बिगड़ने देगी मोदी सरकार दाल और तेल पर खास तैयारी 



नई दिल्‍ली

। साल 2023 में आपकी रसाई का बजट न बिगड़े इसकी पूरी तैयारी मोदी सरकार ने कर ली है। किचन के बजट को सबसे ज्‍यादा प्रभावित करने वाले खादय पदार्थ तेल और दाल पर मोदी सरकार की विशेष नजर है। इतना ही नहीं इनकी कीमतों को काबू में रखने के लिए बाजार में इन खाद्य उत्‍पादों की उपलब्‍धता बढ़ाने के उपाए शुरू कर दिए हैं। इसके लिए केंद्र ने कम आयात शुल्‍क पर पाम तेल मंगाने की छूट दी है तब दालों के आयात के लिए फ्री इम्‍पोर्ट पॉलिसी को एक साल और बढ़ा दिया है। इसके अलावा कपास के आयात पर शुल्‍क भी खत्‍म कर दिया है। मोदी सरकार ने खाद्य तेल की कीमतों को काबू में रखने के लिए दिसंबर 2021 में आयात शुल्‍क घटाया था। इसकी अवधि 31 दिसंबर 2022 को समाप्‍त होने वाली है लेकिन इससे पहले ही सरकार ने इस अवधि को अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया है। इस फैसले से रिफाइंड पाम तेल का आयात कम टैक्‍स पर किया जा सकेगा। मोदी सरकार ने रिफाइंड पाम तेल पर आयात शुल्‍क 19.25 फीसदी से घटाकर 13.75 फीसदी कर दिया था। इसके बाद भारतीय कारोबारी सस्‍ती दरों पर पाम तेल का आयात कर सकते हैं और बाजार में भी इसकी कीमतों पर दबाव नहीं आएगा। 

खाद्य तेल ब्रोकर कंपनी के अधिकारी का कहना है कि आयात शुल्‍क में कटौती से ही 2022 में पाम तेल का खूब आयात हुआ और आगे भी हम 2 लाख टन के आयात का अनुमान लगा रहे हैं।  मोदी सरकार ने खुदरा बाजार में अरहर (तुअर) और उड़द दाल के रेट कम रखने के लिए इसके आयात पर लागू फ्री-इम्‍पोर्ट पॉलिसी को 31 मार्च 2024 तक के लिए बढ़ा दिया है। इसका मतलब है कि कारोबारियों पर दाल आयात के लिए कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा और वे सालभर में कितनी भी मात्रा में दाल का आयात कर सकते हैं। इससे खुदरा बाजार में उपलब्‍धता बढ़ेगी और कीमतों पर लगाम रहेगी। सरकार ने पिछले साल खुदरा बाजार में दालों की बढ़ती कीमतों को देख यह लागू किया था।केंद्र के इस कदम से नवंबर 2022 में दालों की महंगाई दर गिरकर 3.15 फीसदी पर आ गई थी। 

केंद्र सरकार ने दाल और खाने के तेल के अलावा कॉटन (कपास) पर भी आयात शुल्‍क खत्‍म कर दिया है। कारोबारी अब बिना आयात शुल्‍क चुकाए 51 हजार टन एक्‍स्‍ट्रा लॉन्‍ग कॉटन का आयात कर सकते है। साल 2022 में यह आंकड़ा सिर्फ 419 टन रहा था। जाहिर है कि इस फैसले से सूती कपड़ों के उत्‍पादन की लागत घटेगी और खुदरा बाजार में भी कीमतों पर लगाम रहेगी। इसके अलावा सरकार ने 1.5 लाख टन मसूर के आयात को भी 50 फीसदी शुल्‍क के साथ लाने की मंजूरी दे दी है और 34 हजार टन बादाम का आयात भी 50 फीसदी शुल्‍क के साथ हो सकेगा। इससे खुदरा बाजार में इन दोनों उत्‍पादों की कीमतों पर भी लगाम लग सकेगी। 

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