मतदान बहिष्कार वोटिंग बन्द
पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में पाटन के खैरी ग्राम वासियों ने किया चुनाव बहिष्कार
जबलपुर - विकास की कलम
जबलपुर जिले में पंचायत चुनावों की धूम है। त्रि-स्तरीय पंचायतों के निर्वाचन के दूसरे चरण में जिले की जनपद पंचायत पाटन, शहपुरा एवं मझौली जनपद पंचायत में पंच, सरपंच तथा जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव के लिये आज सुबह 7 बजे से मतदान प्रारम्भ हुआ । लेकिन जनपद पाटन के अंतर्गत आने वाले ग्राम खैरी के ग्रामवासियों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर दिया।इस दौरान बड़ी संख्या में पहुंचे जिम्मेदार अधिकारियों ने ग्रामीणों की लाख मान मनुहार की लेकिन ग्रामीण अपनी जिद पर ही अड़े रहे।
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एक ऐसी रहस्यमय घाटी जहां जाते ही बदल जाती है मोबाइल की डेट
एक ओर जहां पूरे क्षेत्र में मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित हो रही थी।तो वहीं पाटन जनपद के ग्राम खैरी में पोलिंग बूथ सूने ही पड़े रहे। दरअसल इस पूरे गाँव ने एकजुट होकर मतदान का बहिष्कार किया है। ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वे अपने गाँव के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार से काफी दुखित है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले खैरी एक ग्राम पंचायत हुआ करती थी। लेकिन बाद में एक सोची समझी साजिश के तहत इसे ग्वारी गांव में मिला दिया गया। ग्रामीण इसमें भी संतुष्ट थे पर इस मर्तबा खैरी गांव को 5 किलोमीटर दूर धनेटा गांव में सम्मिलित कर दिया है। इस बात को लेकर ग्रामीणों में खास रोष है। गामीणों की माने तो लगातार उनके गांव का अस्तित्व मिटाने की कोशिश की जा रही है।
एक ऐसी रहस्यमय घाटी जहां जाते ही बदल जाती है मोबाइल की डेट
पहले गाँव को सौतेले पन से मुक्त कराओ तब करेंगे मतदान
एक ओर जहां पूरे क्षेत्र में मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से संचालित हो रही थी।तो वहीं पाटन जनपद के ग्राम खैरी में पोलिंग बूथ सूने ही पड़े रहे। दरअसल इस पूरे गाँव ने एकजुट होकर मतदान का बहिष्कार किया है। ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वे अपने गाँव के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार से काफी दुखित है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले खैरी एक ग्राम पंचायत हुआ करती थी। लेकिन बाद में एक सोची समझी साजिश के तहत इसे ग्वारी गांव में मिला दिया गया। ग्रामीण इसमें भी संतुष्ट थे पर इस मर्तबा खैरी गांव को 5 किलोमीटर दूर धनेटा गांव में सम्मिलित कर दिया है। इस बात को लेकर ग्रामीणों में खास रोष है। गामीणों की माने तो लगातार उनके गांव का अस्तित्व मिटाने की कोशिश की जा रही है।
समझाइश में जुटे अधिकारी लेकिन नहीं शुरू हुआ मतदान
सभी जगह हो रहे मतदान के बीच जैसे ही अधिकारियों को खैरी गाँव में मतदान बहिष्कार की खबर मिली वे तत्काल ही प्रशासनिक अमले के साथ गाँव जा पहुंचे।
बाद में मामले को सलझाने अपर कलेक्टर विमलेंद्र सिंह सहित एसडीएम ,तहसीलदार और पुलिस अमला भी मौके पर पहुंचा और गांव वालों को समझाने की कोशिश की। लेकिन गांव वाले नहीं माने। एसडीएम तहसीलदार की सारी समझाइश गाँव वालों के इरादों को बदल न सकी और ढेरों समझाइश के बाद भी मतदान का बहिष्कार जारी रहा।सुबह 10 बजे तक खबर लिखने के दौरान गाँव में वोटिंग बंद ही रही।
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