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खबरदार जो शहर के युवा को बेरोजगार बोला...!! देश के चौथे स्तंभ को रोजगार दे रहा.. शहर का बेरोजगार युवा..



खबरदार जो शहर के युवा को बेरोजगार बोला...!!
देश के चौथे स्तंभ को रोजगार दे रहा..
शहर का बेरोजगार युवा..





वैधानिक चेतावनी - यदि आपके पास स्थायी रोजगार है और आप इस जनसेवा अभियान से जुड़े हुए नहीं है।तो खुद को इस लेख से जोड़कर जबरिया श्रेय न लें..यह लेख सिर्फ उन कर्मनिष्ठ युवाओं को समर्पित है जो अवेतनिक होकर अपने संस्थान को वेतन सौगात दे रहे है। यह लेख वर्तमान के मीडिया में कारपोरेट कल्चर के समावेश पर उत्पन्न हुई अव्यवस्था पर आधारित एक व्यंग है..फिर भी यदि इस लेख से किसी भी भावना आहत होती है तो वह स्वयं आत्म चिंतन कर मामले की गंभीरता को समझ सकता है। बशर्ते स्वाभिमान जीवित होना चाहिए


विकास की कलम

ये जबलपुर है बड्डे.. यहां शान और सेटिंग को सर्वदा सर्वोपरि रखा गया है। इधर बड़ी से बड़ी कैसेट एक पल में समेट ली जाती है।यहां के युवाओं का जोश मदन महल की पहड़ियां से ज्यादा पुख्ता है।और कॉन्फिडेंस की तो बातई न करियो, काय से की..बैलेंसिंग रॉक को कोई तोड़ नई आय..

मार्बल और मुंह के लिए फेमस जबलपुर का युवा पूरे विश्व में अपनी एक अलग ही पहचान बनाए हुए है। यही कारण है कि आज जहां सारे देश का युवा बेरोजगारी के दंश से आहत है। वहीं शहर का बेरोजगार युवा देश के कुछ तथाकथित बड़े चैनलों को रोजगार दे रहा है।

क्या हुआ...???
बात हलक से उतर नहीं रही है न...
पर चौकिए नहीं..
यह बात सौ फीसदी सच है...

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि,करोड़ों का कारोबार करने वाले चैनल, शहर के बेरोजगार युवाओं द्वारा दिए जाने वाले मासिक या त्रैमासिक वेतन पर ही निर्भर है।

इसे विश्व का आठवां अजूबा ही समझिए कि शहर की छोटी-छोटी गलियों में रहने वाला कम पढ़ा लिखा बेरोजगार युवा करोड़ों के कारपोरेट सेटअप चलाने वाले चैनल को उसका चैनल चलाने के एवज में मासिक भुकतान कर रहा है।

इतना ही नहीं 15 अगस्त,26 जनवरी होली,दीवाली, दशहरा आदि त्योहारों पर यह बेरोजगार युवा इन चैनलों को बख्शीश के तौर पर एक मोटी रकम भी पहुंचाता है।

विज्ञापन की महिमा अपरंपार...


बेरोजगार युवाओं द्वारा इन तथाकथित चैनलों को दी जाने वाली सैलरी के कई नाम होते है...कुछ इसे तनखाह,कुछ दरमाहा तो कुछ इसे महीना नाम से जानते है। लेकिन मीडिया जगत में इसे बड़े सम्मान के साथ "विज्ञापन"के नाम से नवाजा गया है। इस शब्द की महिमा अपरंपार है। यह गंगा की तरह पतित पावन है। यही कारण है कि इसकी जद में आने वाला सभी दोषों से स्वतः मुक्त हो जाता है।

अपनी शान के लिए सर्वस्व न्योछावर कर देने वाला शहर का युवा बिना किसी स्वार्थ के 24 घंटे सिर्फ इन बड़े सेटअपों का पेट पालने के लिए भूखे-प्यासे दौड़ता है।

त्याग और परसेवा की जीती जागती मिसाल बना शहर का युवा आज पूरे देश के लिए एक आदर्श बनकर खड़ा हुआ है।जिसका मानना है कि जब मीडिया मजबूत होगा तो देश मजबूत होगा...

और इस देशव्यापी अनुष्ठान के लिए वह समय समय पर आर्थिक आहुति देता रहता है। वह जानता है कि समय पड़ने पर उसका चैनल उसे पहचानने से भी इंकार कर देगा। लेकिन उसके बाद भी वह पूरी तत्परता के साथ अपनी भूमिका ठीक उसी तरह निभाता है..

जिस तरह रामसेतू निर्माण के दौरान बड़े वानरों के बीच गिलहरी ने निभाई थी।

जैसे देश में जब आपतकाल आता है तो सेना में युवाओं की खड़ी भर्ती होती है।वैसे ही आज के दौर में मीडिया का आपत काल चल रहा है। जहां हर संस्थान देश के कोने कोने से खड़ी भर्ती कर रहा है। यह मायने नहीं रखता की उसकी योग्यता क्या है,या फिर क्या वह मीडिया संस्थान के अनुरूप कार्य करने के लिए सक्षम है या नहीं..

जिस तरह युद्ध के समय खड़ी भर्ती में युवाओं के हांथ पर हथियार थमा कर उन्हें बॉर्डर पर भेज दिया जाता है।वैसे ही इन दिनों युवाओं के हांथ में माइक आईडी थमा दी गई है।

शहर का युवा स्वतंत्रता संग्राम की गौरव गाथा भली भांति जानता है। उसे पता है कि जब देश की शान की बात आई तो महिलाओं ने अपने सुहाग के साथ साथ जेवर भी समर्पित कर दिए थे। ऐसी पृष्ठभूमि से आने वाला युवा अपने संस्थान के उत्थान के लिए भला कैसे पीछे रह सकता है।

रही बात बेरोजगारी की...
तो मौजूदा हालात देखकर तो यही लग रहा है कि यह सिर्फ राजनीतिक रोटी सेकने के लिए महज एक मुद्दा है। भले ही देश का युवा बेरोजगार होगा लेकिन शहर के युवा के तो ठाठ ही निराले है।जो युवा बड़े चैनलों को अपने शहर में दिखने के एवज में सैलरी (मासिक भुकतान)कर रहा हो, वह खुद बेरोजगार कैसे हो सकता है। बल्कि बेरोजगार तो वह संस्थान है जो शहर के युवाओं के सहयोग से अपना चैनल चला रहे है।

लेकिन अगर आपने पूछा कि इन युवाओं के पास चैनल को देने पैसा आता कहाँ से है...
तो हम कहेंगे...

"चिड़िया बोले गुपचुप..जो बताए......"


कुल मिलाकर एक बात तो साफ है।


खबरदार जो शहर के युवा को बेरोजगार बोला...!!
देश के चौथे स्तंभ को रोजगार दे रहा..
शहर का बेरोजगार युवा..

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