जबलपुर ।
आयुष्मान के फर्जीवाडे के आरोप में गिरफ्तार किए गए सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर अश्वनी पाठक और उनके मैनेजर कमलेश्वर मेहतो की हाईकोर्ट ने जमानत मंजूर कर ली है। हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल धगट की बैंच ने डॉ.पाठक की ओर से अदालत में उपस्थित हुए अधिवक्ता नारायण दुबे एवं नितिन दुबे के तर्कों से सहमत होकर जमानत मंजूर की है। अधिवक्ताद्वय ने बताया कि न्यायालय ने धारा ४६७ को उचित न मानते हुए और संचालक पर लगे गबन के आरोपों को अभियोजन पक्ष द्वारा प्रमाणित नहीं कर पाने के कारण जमानत दी।
डॉ.पाठक पर आरोप था कि सामान्य सर्दी-जुकाम सिर-दर्द जैसी बीमारी को गंभीर बताकर आयुष्मान योजना में मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज कर सरकार से पैसा वसूल करते थे।
यह था मामला.........
गत २६ अगस्त की शाम ७ बजे एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा को फोन पर सूचना मिली की कि सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के बाजू से स्थित होटल बेगा में मरीजों को भर्ती कर उनका आयुष्मान योजना के तहत इलाज किया जा रहा है जिसके बाद पुलिस एवं सेंट्रल इंडिया किडनी हॉस्पिटल के बाजू में स्थित होटल में दबिश दी गई। होटल के फर्स्ट फ्लोर सेकेंड फ्लोर एवं थर्ड फ्लोर के कमरों में मरीज भर्ती मिले थे सभी आयुष्मान कार्डधारी थे। स्वास्थ्य विभाग की जांच में यह भी आया था कि साधारण बीमारी होने के बाद भी आयुष्मान योजना कार्ड से उन्हें भर्ती किया गया था। प्रशासन ने होटलनुमा अस्पताल को सील कर दिया जबकि सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल का लायसेंस निलंबित कर दिया था।