सम्मेद शिखर हमारा प्राणों से प्यारा तीर्थक्षेत्र को पर्यटन बनाने का विरोध
सकल जैन समाज मौन जुलूस लेकर सड़कों पर उतरा
जबलपुर । जैन धर्म के सबसे बड़े तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर जी की पवित्रता बनाए रखने के लिये बुधवार जैन धर्मावलंबियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे वहीं. वहीं हजारों की संख्या में समाज जन सड़कों पर उतरे और शांतिपूर्ण ढंग से अपना विरोध प्रकट किया और राष्ट्रपति प्रधानमंत्री एवं मुख्य मंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टर जबलपुर को सौंपा. गौरतलब है की झारखंड के गिरिडीह में स्थित जैन समाज के सबसे बड़े तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर जी के एक भाग को केंद्र सरकार ने वन और पर्यटन क्षेत्र घोषित कर दिया है। सरकार के इस फैसले का देशभर में जैन समाज विरोध कर रहा है। बुधवार को सकल जैन समाज सड़कों पर उतरा। सुबह ११ बजे कमानिया गेट से जुलूस प्रारंभ हुआ. जो बड़ा फुहारा सुपर मार्वेâट मालवीय चौक होते हुये घंटाघर पहुंचा. जहां कलेक्टर को प्रधानमंत्री एवं मुख्य मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. इस दौरान हजारों की संख्या में युवा बुजुर्ग एवं महिलाएं शामिल हुईं. जुलूस पूरी तरह शांति पूर्ण रहा.
ऐतिहासिक भीड़...
देश के सबसे बड़े तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर जी की पवित्रता परम्परा और अखंडता को बचाने एवं बनाए रखने के लिये आयोजित बंद एवं मौन जुलूस को व्यापक जन समर्थन मिला. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की जुलूस का दूसरा छोर जब सिविक सेंटर पहुंच गया तब भी जुलूस के प्रारंभ स्थल में हजारों लोग एकत्रित थे. कमानिया से लेकर सिविक सेंटर तक का पूरा मार्ग लोगों से खचाखक भरा था. एक अनुमान के मुताबिक करीब ४५ हजार लोग मौन प्रदर्शन में शामिल हुये. सकल जैन समाज के प्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक बड़ी तदाद में शामिल थे। हाथों में तख्तियां लेकर लोग चल रहे थे जिसमें लिखा था ‘‘सम्मेद शिखर हमारा प्राणों से प्यारा’’ पवित्रता भंग करने नहीं देंगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी असर......
शहर की ग्रमीण तहसीलों में भी बंद का व्यापक असर रहा. पाटन में बड़े मंदिर से जैन समाज का मौन जुलूस निकाला. जो कि तहसील कार्यालय पहुंचा और यहां पर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया. इसी प्रकार सिहोरामझौली बहोरीबंद और पान उमरिया के सकल जैन समाज ने भी झारखंड सरकार का विरोध किया है। सभी जगह बुधवार को जैन समाज के लोगों ने अपनी दुकानें एवं प्रतिष्ठान बंद रखे.
कमानिया गेट में भारी जमावड़ा........
सुबह से ही कमानिया गेट में जैन समाज के महिला पुरुष युवक पहुंचने लगे थे कमानिया गेट से शुरु हुए मौन जुलूस में सफेद वस्त्रों में पुरुष और पीले वस्त्रों में महिलाएं शामिल थी जिनके बाजुओं में काली पट्टी बंधी हुई थी। कमानिया गेट से बड़ा फुहारा गंजीपुरा मालवीय चौक से करमचंद चौक होते हुए घंटाघर पहुंचा जहां जिला प्रशासन को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री और झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। यहां से वापस जुलूस जोन्स गंज तुलाराम चौक अंधेरदेव होते हुए वापस बड़ा फुहारा पहुंचा जहां जुलूस का समापन हुआ।
सकल जैन समाज की मांग......
जैन समुदाय की मांग है की सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल नहीं पवित्र क्षेत्र घोषित करें। ‘पारसनाथ पर्वतराज’ को वन्य जीव अभयारण्य पर्यावरण पर्यटन के लिए घोषित इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत जोनल मास्टर प्लान व पर्यटन मास्टर प्लान पर्यटन/धार्मिक पर्यटन सूची से बाहर किया जाएं। ‘पारसनाथ पर्वतराज’ को बिना जैन समाज की सहमति के इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत वन्य जीव अभयारण्य का एक भाग तीर्थ माना जाता हैष्ठ लिखकर तीर्थराज की स्वतंत्र पहचान व पवित्रता नष्ट करने वाली झारखंड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना क्र. २७९५ (ई)दिनांक ०२अगस्त २०१९ को अविलंब रद्द किया जाए। ‘पारसनाथ पर्वतराज’ और मधुवन को मास-मदिरा बिक्री मुक्त पवित्र जैन तीर्थ स्थल घोषित किया जाए। पर्वत राज की वंदना मार्ग को अतिक्रमण वाहन संचालन व अभक्ष्य सामग्री बिक्री मुक्त कर यात्री पंजीकरण सामान जांच के लिए सीआरपीएफ व स्कैनर सीसीटीवी कैमरे सहित २ चेक पोस्ट चिकित्सा सुविधा सहित बनाए जाएं। पर्वतराज से पेड़ों का अवैध कटान पत्थरों का अवैध खनन और महुआ के लिए आग लगाना प्रतिबंधित हो।