Vikas ki kalam

गर्भवती महिला की आफत प्रसव के लिए स्ट्रेचर में लादकर लाए गांव से बाहर।



गर्भवती महिला की आफत
प्रसव के लिए स्ट्रेचर में लादकर लाए गांव से बाहर।


विकास की कलम/जबलपुर


बरसात के मौसम ने एक बार फिर से सरकारी तंत्र की फाइलों में दब चुकी बदहाली को उजागर करते हुए जमीनी स्तर पर शर्मनाक स्थिति पैदा कर दी है। बड़े-बड़े मंचों से दुरुस्त व्यवस्था का अवार्ड लूटने वाले अधिकारी और कर्मचारियों की उदासीनता और जनप्रतिनिधियों की दोगली हकीकत बयां करती हुई घटना जबलपुर जिले से 40 किलोमीटर दूर पाटन विधानसभा क्षेत्र के वियोसा गांव में घटित हुई है। जिसे देखने के बाद एक बार आपको भी एहसास हो जाएगा की गांव की हालत वैसी नहीं है जैसी सरकारी फाइलों में दर्शाई जाती है। दरअसल इस गांव में लंबे समय से सड़क नहीं है जो बरसात के मौसम में हालातो को बाद से बदतर कर देती है।

ताज़ा हालातो की बात करें तो मंगलवार की सुबह एक गर्भवती महिला के लिए अग्नि परीक्षा साबित हुई। प्रसव पीढ़ा से तड़प रही गर्भवती महिला को नजदीकी अस्पताल पहुंचाना था लेकिन गांव में सड़क न होने के कारण उसे मुख्य मार्ग तक पहुंचाने के लिए आधे किलोमीटर का सफर तय करना था। पहले तो गर्भवती महिला काफी दूर तक खुद पैदल चली लेकिन जब प्रसव पीढ़ा की तड़प के चलते वह कीचड़ से शनि सड़क पर ही बैठ गई तब स्ट्रेचर बुलवाकर उसे स्ट्रेचर में लड़ते हुए गांव वाले जननी सुरक्षा एंबुलेंस तक ले गए।




सरकारी तंत्र को आइना दिखाती तस्वीर


यह घटना ना केवल स्वास्थ्य सेवाओं की सीमाओं को उजागर करती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की खस्ताहाली की पोल भी खोलती है। दरअसल 24 वर्षीय शिखा चढ़ार को सोमवार रात से ही प्रसव पीड़ा हो रही थी। परिजन किसी तरह रातभर इंतजार करते रहे, लेकिन जब मंगलवार सुबह हालत बिगड़ने लगी तो जननी एक्सप्रेस को कॉल कर बुलाया गया। लेकिन गांव में सड़क न होने की वजह से एम्बुलेंस पास के ही महगवां गांव तक ही पहुंच सकी। आगे कीचड़ और दलदल भरे रास्ते में गाड़ी का जाना संभव नहीं था जब एम्बुलेंस आगे नहीं आ पाई तो परिजन महिला को पैदल ले जाने लगे। कुछ दूर तक वह किसी तरह चली, लेकिन दर्द असहनीय हो गया और वह रास्ते में ही बैठ गई। इसके बाद ग्रामीणों ने तत्काल स्ट्रेचर मंगवाया और उसे कीचड़ भरे मार्ग से आधे किलोमीटर दूर खड़ी एम्बुलेंस तक पहुंचाया गया।


घंटों बाद एंबुलेंस से अस्पताल पहुंची गर्भवती


क्योंकि गांव में सड़क के नाम पर मैसेज दलदल से भरा रास्ता था लिहाजा जननी एक्सप्रेस गर्भवती महिला तक पहुंच ना सकी। जैसे तैसे गांव वालों ने एक जुटता का परिचय देते हुए। गर्भवती महिला को सही सलामत पास के गांव महगवां पहुंचाया। यहां से गर्भवती महिला को पाटन अस्पताल ले जाया गया, जहां अब उसकी हालत खतरे से बाहर है। वह तो गनीमत रही की सारी स्थितियां सही थी नहीं तो जनप्रतिनिधियों के उदासीनता आज जच्चा और बच्चा दोनों की जिंदगी पर भारी पड़ जाती।

वीडियो न्यूज देखने के लिए क्लिक करें 








बरसात में नर्क से कम नहीं होता यह मार्ग


जनगणना के अनुसार 400 लोगों की आबादी वाला वियोसा गांव वैसे तो सरकारी फाइलों में काफी सुलभ पहुंच मार्ग पर स्थित है लेकिन हकीकत यह है कि विकास की बयार अभी तक इस गांव में नहीं पहुंच पाई है। इस गांव में पहुंचने के लिए जुगिया गांव से होकर जो संपर्क मार्ग है, वह भी हर बारिश में कीचड़ और दलदल में तब्दील हो जाता है। इससे न सिर्फ मरीजों को ले जाना मुश्किल होता है, बल्कि बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी गांव से बाहर आना एक चुनौती बन जाता है।


यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी दो बुजुगों की मौत हो चुकी है, जिन्हें समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका। ग्रामीणों ने बताया कि 2022 में पाटन जनपद के माध्यम से 4 लाख 14 हजार रुपये सड़क के लिए स्वीकृत हुए थे, लेकिन निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ।

एसडीएम ने स्वीकार किया कि वियोसा गांव में सड़क नहीं है और बरसात के समय वहां हालात और भी खराब हो जाते हैं। जनपद सीईओ ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जुनिया से वियोसा तक संपर्क सड़क का सर्वे हो चुका है, लेकिन अभी तक उसकी स्वीकृति नहीं मिल पाई है।




इनका कहना है।




जननी एक्सप्रेस में तैनात डॉक्टर सतीश पटेल ने बताया कि कॉल मिलते ही वे तुरंत रवाना हुए, लेकिन सड़क नहीं होने के कारण गाड़ी महगवां गांव से आगे नहीं जा सकी। महिला को ग्रामीणों की
मदद से स्ट्रेचर पर लाया गया, जिससे समय रहते उपचार मिल पाया।

डॉक्टर सतीश पटेल(जननी सुरक्षा एक्सप्रेस)




गांव की अभिलाषा चढ़ार ने बताया कि एम्बुलेंस ड्राइवर को बार-बार कहा गया कि गांव तक आए, लेकिन उसने सड़क न होने की वजह से मना कर दिया। वह तो गनीमत रही की गर्भवती रश्मि ने हिम्मत दिखाते हुए दर्द सहा वरना स्थितियां काफी गंभीर हो सकती थी।

अभिलाषा चढ़ार (ग्रामीण)





एक टिप्पणी भेजें

If you want to give any suggestion related to this blog, then you must send your suggestion.

और नया पुराने