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एसआईटी की जांच में आयुष्मान फर्जीवाड़े का खुलासा फर्जी मरीजों का इलाज कर करोड़ों की चपत लगाई

 एसआईटी की जांच में आयुष्मान फर्जीवाड़े का खुलासा  
फर्जी मरीजों का इलाज कर करोड़ों की चपत लगाई 



जबलपुर। 

आयुष्मान योजना के तहत किया गये घोटालें की एसआईटी द्वारा की गई जांच के बाद यह बात सामने आई है कि किडनी रोग विशेषक डॉ.अश्विनी पाठक और उनकी पत्नी डॉक्टर दुहिता पाठक द्वारा संचालित राइट टाउन स्थित सेंट्रल इंडिया किडनी हास्पिटल में आयुष्मान योजना के तहत करीब ४ हजार ८४३ मरीजों का आयुष्मान योजना के तहत उपचार किया गया। डाक्टर अश्विनी पाठक ने अपने हास्पिटल में ये फर्जी मरीज जबलपुर सहित आसपास जिलों से एक हजार व दो हजार रुपए प्रतिदिन देकर भरती किए थे। इस तरह से अश्विनी पाठक ने इन मरीजों के इलाज के नाम पर शासन से करोड़ों रुपए वसूले है। यह खुलासा एसआईटी द्वारा की जांच में हुआ है। पुलिस अब उन दलालों को भी तलाश कर रही है जिनकी माध्यम से फर्जी मरीज अस्पताल लाए गए।

इस मामले में एएसपी गोपाल खांडेल ने बताया कि डाक्टर अश्विनी पाठक ने अपने सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल व होटल को अस्पताल के रुप में परिवर्तित कर आयुष्मान योजना के तहत ४ हजार ८४३ फर्जी मरीजों को भरती कर इलाज किया। डाक्टर अश्विनी पाठक द्वारा अस्पताल में आयुष्मान योजना में उस इलाज को प्राथमिकता दी जाती जो मंहगे होते थे। जिन मरीजों को डाक्टर अश्विनी पाठक द्वारा भरती किया जाता उन्हे प्रतिदिन एक से दो हजार रुपए दिए जाते रहे। यहां तक कि जिन मरीजों के कार्ड नहीं होते उनके कार्ड भी डाक्टर अश्विनी पाठक द्वारा एक दिन में बनवा दिए जाते रहे। इसमें डाक्टर अश्विनी पाठक की पत्नी दुहिता पाठक भी साथ देती रही।

इस तरह आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा कर डाक्टर अश्विनी पाठक ने शासन को करोड़ों की चपत लगाई। एएसपी श्री खांडेल ने यह भी बताया कि टीम के अधिकारी अस्पताल व होटल जांच के लिए पहुंचे थे, जहां से उन्होने आयुष्मान योजना से जुड़े दस्तावेज व फाइलें भी जब्त की है, जिनकी जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएगें उस आधार पर आगे कार्यवाही की जाएगी। एसआईटी के अधिकारियों द्वारा उन दलालों की भी तलाश की जा रही है जो मरीजों को लेकर सेंट्रल इंडिया किडनी हास्पिटल तक पहुंचाते रहे। गौरतलब है कि २६ अगस्त को पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सेंट्रल इंडिया किडनी अस्पताल व होटल बेगा पर दबिश दी थी, जहां पर जांच के दौरान होटल के कमरों में फर्जी मरीज आराम करते हुए मिले थे, जिनका आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने का मामला सामने आया था।

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