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विक्टोरिया के फ्रंट फेस से हुई कोरोना की आमद... जिला स्वास्थ्य अधिकारी कोरोना की चपेट में.... अब आमजन को सुनिश्चित करनी होगी अपनी जिम्मेदारी

विक्टोरिया के फ्रंट फेस से हुई कोरोना की आमद...
जिला स्वास्थ्य अधिकारी कोरोना की चपेट में....
अब आमजन को सुनिश्चित करनी होगी अपनी जिम्मेदारी




पूरा देश भले ही "गो कोरोना गो" के नारे लगाता रहे.. लेकिन कोरोना है कि भागने का नाम ही नहीं ले रहा।

जिसका एकमात्र कारण यह भी है कि हम कोरोना संक्रमण को लेकर जागरूक तो है लेकिन अपनी दिनचर्या में लापरवाही बरतने में भी कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। और इसी बात का फायदा उठाते हुए हमारा यह गुप्त शत्रु हमारे ही बीच कहीं ना कहीं छुप कर बैठा रहता है और समय-समय पर अपना आक्रामक स्वरूप दिखा ही देता है।


 जानकारों की माने तो यह वायरस नित्य नए स्वरूपों के साथ पुनः वापसी करने में अपनी महारत हासिल कर चुका है शुरुआती दौर की बात करें तो इससे ग्रसित मरीजों के लक्षण कुछ और ही हुआ करते थे लेकिन जैसे-जैसे चिकित्सा विज्ञान ने इससे बचाव की दवा खोजी वैसे वैसे ही इस वायरस ने अपने आप को अपडेट करना शुरू कर दिया ।यही कारण है कि देश भर में कोरोना गाइडलाइन और सतर्कता बरतने के लिए नियम कानूनों की सख्ती बरती जा रही है।


जिला स्वास्थ्य अधिकारी हुए संक्रमित


 ताजा जानकारी की बात करें तो लंबे समय से संस्कारधानी जबलपुर की गलियों में दुबका पड़ा हुआ कोरोनावायरस एक बार फिर से जिला अस्पताल विक्टोरिया मैं अपनी आमद दर्ज करा चुका है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला स्वास्थ्य अधिकारी भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इस खबर को लेकर न केवल जिला अस्पताल विक्टोरिया में गहमागहमी का माहौल है बल्कि बीते दिनों स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क में आए अन्य वरिष्ठ जन एवं चिकित्सक भी अब कोरोना संक्रमण को लेकर काफी व्यथित नजर आ रहे हैं।


कलेक्ट्रेट की मीटिंग में शामिल थे जिला स्वास्थ्य अधिकारी


जबलपुर जिला स्वास्थ्य अधिकारी के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद से ही विभागीय अमले में हड़कंप सा मच गया है खास बात यह है कि पॉजिटिव होने से 2 दिन पहले कलेक्ट्रेट कार्यालय में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा स्वास्थ्य विभाग की एक विशेष बैठक ली गई थी जिसमें स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ जिला कलेक्टर भी शामिल थे। क्योंकि इस पूरी मीटिंग के दौरान जिला स्वास्थ्य अधिकारी भी उपस्थित रहे लिहाजा सुरक्षा की दृष्टि से मीटिंग में उपस्थित सभी अधिकारियों कर्मचारियों की टेस्टिंग कराया जाना सुनिश्चित किया है।


जिला कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग की आगामी बैठक को किया कैंसिल


वर्तमान में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने हेतु जिला कलेक्टर कर्मवीर शर्मा द्वारा बैक टू बैक स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक की जा रही है ताकि वैक्सीनेशन से लेकर कोरोना प्रोटोकॉल तक हर एक विषय पर पूरी सतर्कता बरती जाए । लेकिन अचानक जिला स्वास्थ्य अधिकारी के कोरोना संक्रमित होने की बात को लेकर के जिला कलेक्टर द्वारा हाल ही में बुलाई गई बैठक को कैंसिल कर दिया है। साथ ही बीते दिन हुई बैठक में शामिल हुए तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों को भी एहतियात बरतने की समझाइश दी गई है।


आपको बता दें कि हाल ही में कोरोना से संक्रमित हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा जिन जिन सीनियर और जूनियर अधिकारी व कर्मचारियों से मुलाकात की गई थी उन सभी के कोरोना जांच के लिए सैंपल कलेक्शन की तैयारी कर ली गई है।



आम जनता को विकास की कलम का संदेश


वैसे तो कोरोना संक्रमण को लेकर के पूरा देश सचेत हो गया है। विभागीय अधिकारी जमीनी स्तर पर नित नए उपायों के साथ कोरोना संक्रमण के प्रति लोगों को जागरुक करने का कार्य कर रहे हैं वहीं स्वास्थ्य विभाग के अमले की बात करें तो कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य भी काफी सराहनीय ढंग से किया जा रहा। लेकिन इन सबके बीच एक बात जो कि काफी महत्वपूर्ण है वह यह है कि आम जनता जो कि कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक होने का ढोंग तो कर रही है। लेकिन उस जागरूकता को अपनी दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाने में लापरवाही भी कर रही है। इतनी बड़ी त्रासदी होने के बावजूद भी सड़कों पर लोग मास्क पहनने से परहेज करते हुए दिखाई दे ही जाते हैं और यदि कोई मास्क लगाएं दिख भी जाता है तो आप इस बात को मान लीजिए कि उसके द्वारा लगाया गया मास्क या तो प्रशासनिक अधिकारियों के डर के वजह से है या फिर चालानी कार्यवाही से बचने के लिए । जो कि कुछ समय बाद नाक से ढलते हुए गले तक पहुंच कर महज एक औपचारिकता का रूप ले लेता है। हम आज भी सामान खरीदते वक्त सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने में कोताही बरतने से बाज नहीं आते। वही व्यापारी भी अपनी दुकानों में खचाखच भीड़ इकट्ठे करने से बाज नहीं आ रहे हैं। सोचने वाली बात यह है कि हम क्या..??? इतने लापरवाह हो गये है जो महज कुछ माह पूर्व हुई त्रासदी को भुलाकर फिर से लकीर का फकीर बने बैठे हैं।


यदि हम यह सोचते हैं कि वैक्सीनेशन के दोनों डोज़ लगवा लेने के बाद हम अमर हो चुके हैं तो यह हमारी एक बहुत बड़ी गलतफहमी है। क्योंकि कोरोना वैक्सीनेशन सिर्फ हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए है। हमें वैक्सीनेशन के बाद भी ना केवल सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा बल्कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सारे अहतियात भी बरतने होंगे। 


विकास की कलम अपने जागरूक पाठकों से यह विनम्र अनुरोध करती है कि वह कोरोना संक्रमण के खिलाफ इस जंग में एक सचेत सेनापति की भूमिका निभाते हुए अपनी गली, अपने घर ,अपने गांव, और अपने शहर के साथ अपने देश में कोरोना संक्रमण फैलने से रोके। भले ही इसके लिए आपको यदि कुछ ठोस कदम उठाने पड़े तो उसके लिए भी तैयार रहें । 

याद रखें कि किसी के इस दुनिया से चले जाने के बाद उसके घर जाकर नसीहत देने से अच्छा यह है कि उसके जीते जी उसे "साम दाम दंड भेद" की नीति अपनाकर बचाया जाए।  यदि आप अपने सेनापति होने की भूमिका अच्छी तरह से निभाएंगे तो हम और आप मिलकर कोरोना के खिलाफ इस जंग में जरूर जीत जाएंगे।

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