एसटीएफ ने मरीज का भाई बनकर लगाई इंजेक्शन की गुहार
इधर ब्लैक में रेमेडी सिविर बेचने पहुंच गए
वकील साहब...
ग्वालियर (म.प्र)
ग्वालियर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने रेलवे स्टेशन क्षेत्र में सिवनी से रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप लेकर आए एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. पेशे से यह व्यक्ति वकील है और खास बात यह है कि वह नवंबर 2018 में सवर्ण समाज पार्टी से सपाक्स के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुका है.
दरसल एसटीएफ को सूचना मिली थी कि सोशल मीडिया पर कुछ लोग कोरोना संक्रमण काल में जीवन रक्षक दवाओं और उपकरणों की कालाबाजारी कर रहे हैं. इसके लिए वे डिमांड आते ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हो जाते हैं. इस रैकेट को पकड़ने के लिए एसटीएफ ने एक मरीज का भाई बनकर सोशल मीडिया पर डिमांड डाली. इस पर सिवनी के कमलेश्वर दीक्षित ने डिमांड डालने वाले व्यक्ति से फोन पर संपर्क किया और दावा किया कि वह 30 हजार रुपये की कीमत पर इंजेक्शन उपलब्ध करा देगा. फोन कॉल पर डिमांड करने वाले ने बताया कि उसे पांच इंजेक्शन की जरूरत है.पांच इंजेक्शन की डिमांड पर आरोपी खेप लेकर ग्वालियर आया. ट्रेन से उतरने के बाद निश्चित स्थान पर उसे एसटीएफ के कथित मुखबिर से मिलना था. कमलेश्वर दीक्षित के स्टेशन के बाहर निश्चित स्थान पर उतरने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसके पास से पांच रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले हैं. इसके बदले में उसे ग्वालियर में डेढ़ लाख रुपये भुगतान करने का झांसा दिया गया था.कमलेश्वर दीक्षित पेशे से वकील है और सिवनी में एक कम्प्यूटर इंस्टीट्यूट भी चलाता है. आरोपी कमलेश्वर प्रसाद के बारे में STF को पता लगा है कि यह कभी मध्य प्रदेश विधानसभा भवन में बैठने का सपना देखा करता था. 2018 में वह सपाक्स के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन उसे हजार वोट भी नहीं मिले थे. एसटीएफ अब यह पता लगा रही है कि आरोपी से बरामद इंजेक्शन असली है या उसमें भी कोई फरेब है. वकील के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम धोखाधड़ी और महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
चेतन सिंह बैस (प्रभारी एसटीएफ ग्वालियर)