सीमा में तैनात पिता कि नवजात बच्ची का सहारा बना आरबीएसके जबलपुर
आर्मी जवान की बच्ची के लिए रात में खुला जिला अस्पताल कार्यालय
नवजात बच्ची के दिल में छेद, रातों-रात किया मुंबई रेफर
विकास की कलम /जबलपुर
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जबलपुर जिला अस्पताल में कार्यरत डी ई आई सी की टीम ने एक बार फिर से एक पीड़ित परिवार के आंसू पोछते हुए एक नवजात बच्ची की धड़कनों को मजबूत करने का काम किया है। लेकिन यह मामला इसलिए भी खास हो जाता है क्योंकि बच्ची देश की रक्षा करने वाले जवान के परिवार से है और वर्तमान में नवजात का पिता देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात है। ऐसे में जब सेना के जवान के परिवार को मुसीबत पड़ी तो राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला प्रबंधक सुभाष शुक्ला ने बंद हो चुके अपने कार्यालय को रात में खुलवाया और पूरी प्राथमिकता के साथ बच्ची के अग्रिम उपचार के मार्ग को प्रशस्त किया। नवजात बच्ची के साथ पहुंचे उसके दादा-दादी को जब इस बात का पता चला कि तत्काल ही उनके बच्ची के दिल के छेद के उपचार के लिए मुंबई के नारायण अस्पताल में बात हो चुकी है एवं जबलपुर जिले से बच्ची को मुंबई रेफर कर दिया गया है। आरबीएस के टीम से जिला प्रबंधक सुभाष शुक्ला ने नवजात के परिजनों को दिलासा देते हुए कहा कि आप निश्चिंत तो हो जाए जल्द ही आपकी बच्ची का उपचार मुंबई के नारायण अस्पताल में शुरू हो जाएगा।
सेना के जवान के परिवार के लिए, फिर से खुला बंद हो चुका कार्यालय।
जबलपुर से भारतीय सेवा में पदस्थ राहुल कुशवाहा जो की जबलपुर के अधारताल सीओडी कॉलोनी में रहते हैं। उन्हें एक माह पहले एक पुत्री रत्न की प्राप्ति हुई थी बच्ची के पैदा होने के तत्काल बाद ही अतुल कुशवाहा को बॉर्डर पर बुला लिया गया जिसके चलते हुए अपनी बच्ची को ढंग से देख भी ना पाए। इधर कुछ समय बाद जब बच्ची का उपचार किया गया तो डॉक्टरों ने बच्ची के दिल में छेद का होना बताया। डॉक्टरों द्वारा दी गई जानकारी के बाद पूरे परिवार में दुख और चिंता का माहौल बन गया। वहीं कहीं से परिजनों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत दिए जाने वाले उपचार की जानकारी मिली इसके बाद नवजात के परिजनों ने तत्काल ही जिला अस्पताल विक्टोरिया स्थित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के कार्यालय में जिला प्रबंधक सुभाष शुक्ला से फोन पर बातचीत की। क्योंकि विभागीय कार्यालय शाम को बंद हो जाता है इसलिए परिजनों से फोन पर बातचीत होने के बाद तत्काल सुभाष शुक्ला ने अपनी टीम को न केवल ऑफिस बुलवाया बल्कि ऑफिस खुलवाते हुए बच्ची के अग्रिम उपचार के लिए कागजी कार्यवाही पूर्ण कराई।
पीड़ित परिवार के चेहरे पर फिर से लौटी मुस्कान
इससे पहले छुट्टी वाले दिन भी खोला गया था विभागीय कार्यालय
आपको बता दे कि यह कोई नया मामला नहीं है बल्कि जबलपुर जिला अस्पताल विक्टोरिया में संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का यह कार्यालय पहले भी कई बार अपनी कर्तव्य निष्ठा के लिए वाह वाही बटोर चुका है। अभी हाल ही में एक नवजात बच्चे विनायक के लिए रविवार छुट्टी वाले दिन आनन फानन में कार्यालय खोलकर। तत्काल ही उसे स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने का काम किया गया था। क्योंकि रविवार के दूसरे दिन भी सार्वजनिक अवकाश था और टीम को पता था कि यदि नवजात को जल्द से जल्द उपचार नहीं मिला तो कोई अनहोनी घटना घट सकती है। लिहाजा छुट्टी वाले दिन भी कार्यालय के ताले खोले गए और नवजात के हृदय उपचार के लिए दस्तावेज तैयार कर उसे मुंबई रवाना किया गया। आज विनायक पूर्ण रूप से स्वस्थ है और उसका पूरा परिवार सरकार की इस योजना की तारीफ करते नहीं थकता।
तत्काल कार्यालय पहुंचे सीएमएचओ डॉ संजय मिश्रा
जैसे ही इस पूरे मामले की जानकारी जिला प्रबंधक सुभाष शुक्ला द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ संजय मिश्रा को दी गई उन्होंने भी अपने सारे कार्यों को दरकिनार करते हुए सीधे आरबीएस के कार्यालय का रुख किया। देर शाम बंद हो चुके सभी कार्यालय में अचानक से चहल-पहल होने लगी। कार्यालय पहुंचे सीएमएचओ डॉक्टर संजय मिश्रा ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उन्हें सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से अवगत कराते हुए बच्ची के उपचार से जुड़े संपूर्ण दस्तावेजों को तैयार कराया और विभागीय सील सिक्का लगाकर। बच्ची को उपचार के लिए मुंबई रवाना किया।
पीड़ित परिवारों के लिए संजीवनी का काम कर रहे आरबीएसके की टीम
आपको बता दें कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0-18 वर्ष तक के बच्चों के जन्मजात विकृतियों से संबंधित रोगों के उपचार के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। जिसके तहत बच्चों के दिल में छेद, कटे फटे होंठ,तालू ,पैरों का मुड़ा होना,नेत्र विकार जैसे विभिन्न रोगों के उपचार की व्यवस्था की गई है। पहले अक्सर पीड़ित परिवार को इन समस्याओं से जूझने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी लेकिन वर्तमान में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम पूरे उत्साह के साथ सरकार कि इस महत्वपूर्ण योजना कान्हा केवल प्रचार प्रसार कर रही है बल्कि पीड़ित परिवार के लिए संजीवनी का कार्य करते हुए उनके परिवार में खुशियां बांट रही है।
इनका कहना है..
देर शाम कार्यालय बंद होने के बाद मेरे पास में आर्मी से रिटायर्ड रामनारायण कुशवाहा जी का फोन आया जिन्होंने बताया कि उनकी नातिन आराध्या कुशवाहा जो की एक माह की है उसके दिल में छेद है। जानकारी लगते ही मेरे द्वारा तत्काल अपनी टीम को वापस बुलाकर कार्यालय खुले गया एवं जबलपुर में वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क कर बच्ची के उपचार के लिए दस्तावेज तैयार कराए गए। बच्ची को उपचार के लिए मुंबई स्थित नारायण अस्पताल भेजा जा रहा है जहां बच्ची को निशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जाएगा।
सुभाष शुक्ला
(जिला प्रबंधक आरबीएसके जबलपुर)
डॉ संजय मिश्रा (सीएमएचओ जबलपुर)