जबलपुर।
अपने विवादित प्रबंधन और प्रबंधन की कार्यशैली की वजह से सुर्खियों में रहने वाली रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (रादुविवि) की वैबसाइट भी इन दिनों सुर्खियों में है। इसकी वजह रादुविवि की वैबसाइट में किए जा रहे भोपाल की बर्कतुल्ला विश्वविद्यालय के विधि विभाग का विज्ञापन है। विद्यार्थियों का कहना है रादुविवि का भी अपना विधि विभाग है जहाँ डिग्री डिप्लोमा और शोध के विषयों में अध्यापन कार्य किया जा रहा है। ऐसे में किस वजह से रादुविवि की वैबसाइट पर भोपाल की बर्कुतुल्ला विश्वविद्यालय का विज्ञापन दिया जा रहा उनकी समझ में नहीं आ रहा है। कुछ तकनीकी विशेषज्ञ विद्यार्थियों का कहना है कि वेबसाइट में कॉपी पेस्टिंग के चक्कर में भी यह संभव है। विश्वविद्यालय के होनहार विशेषज्ञों द्वारा भोपाल के बर्कतुल्ला विश्वविद्यालय की तर्ज पर अपने विधि विभाग का प्रचार प्रसार करने कहा गया और इस पर संभवत: अनुसरण करने वाले होनहारों ने बर्कतुल्ला विश्वविद्यालय की वेबसाइट से विधि विभाग के लिंक का कॉपी पेस्ट कर रादुविवि की वेबसाइट पर शब्दश: उतार दिया। अब हकीकत क्या है यह तो तभी सामने आ पायेगा जब विवि के अधिकारी इस विषय में कुछ बोलेंगे। फिलहाल तो वे चुप्पी साधे हुए हैं।
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यह है मामला..
रादुविवि की वेबसाइट में फैकल्टी ऑफ लॉ लिंक लीगल स्टडीज एंड रीसर्च की सबलिंक दी गई है। इस लिंक को ओपन करने पर भोपाल की बर्कतुल्ला विश्वविद्यालय के विधि अध्ययन और शोध का उल्लेख मिलता है जिसकी स्थापना १९८२ में की गई। इसमें बताया गया है कि बर्कतुल्ला विश्वविद्यालय के बीए एलएलबी(आनर्स) एलएलएम और पीएचडी की डिग्री का उल्लेख मिलता है। आगे विभाग की विशेषताओं के साथ यहाँ अध्ययन के लिए डिग्री डिप्लोमा कोर्सेस अवधि शुल्क और योग्यता के साथ शोध के विषयों का उल्लेख किया गया है।
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