"भारत जोड़ो" से ज्यादा हिट हो सकती है, पार्टी की "हाथ पांव तोड़ो यात्रा.."
सोती राजनीति को पुनः दौड़ाने के लिए अक्सर राजनेता यात्रा का सहारा लेते आए है।कहने को तो यह जनता को जगाने के लक्ष्य के साथ शुरू होती है। लेकिन डेढ़ स्यानी जनता यह बखूबी जानती है,कि हमारी आड़ में ये खुद की रोटी सेंकना चाह रहे है।सुबह के "कोलगेट" से लेकर गमलों की गोभी तक जनता हर राज जानती है। वह तो रोजना सडकों पर दौड़ दौड़ कर कभी शहर,कभी राज्य तो कभी देश नापने के कीर्तिमान बना चुकी है। खैर इन दिनों देश की एक सबसे बड़ी पार्टी देश जोड़ने के संकल्प के साथ "भारत जोड़ो यात्रा" के जरिये जन-जन तक संपर्क साध रही है। इस दौरान दिल्ली दरबार पर बैठी सरकार को नाकारा और निकम्मा साबित करने के लिए तरह तरह के पैंतरे भी आजमाए जा रहे है। इधर आलाकमान की भारत जोड़ो यात्रा अभी हिट भी नहीं हुई थी कि जनता के सामने प्रदेश के नेतृत्व ने नया दांव खेलते हुए "हाथ से हाथ जोड़ो" अभियान शुरू कर दिया। मामला साफ है कि हर कोई आलाकमान की नजरों में नंबर बढ़ाने की चाहत लिए हुए नए नए स्टंट आजमा रहा है। इसी धारणा से ओतप्रोत एक नेताजी अपने भाषण के दौरान इतने भाव विभोर हो गए की वे पार्टी के महानायक की विचारधारा के विपरीत होकर हिंसक धारणा को बढ़ावा देने वाला जुमला बोल बैठे..
दरअसल शहर के कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष ने ‘हाथ-पांव तोड़ो यात्रा’ निकालने की बात कही है। गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर शहर के अधारताल चौराहे से कांग्रेस के ‘हाथ से हाथ जोड़ो अभियान’ की शुरुआत की जानी थी। इस दौरान पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं और विधायक गणों के साथ ग्रामीण जिलाध्यक्ष भी मौजूद थे।कार्यक्रम के दौरान जनता को संबोधित करते हुए ग्रामीण अध्यक्ष नीलेश जैन ने मंच से जोरदार हुंकार भरते हुए कहा कि.. ‘भारत जोड़ो’ हो गया, ‘हाथ जोड़ो’ हो गया और ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ भी हो गया. इसके बावजूद भी अगर हमारी सुनवाई नहीं होती तो जबलपुर में अब ‘हाथ-पांव तोड़ो यात्रा’ होगी।
उनके बयान के बाद से ही प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले को बखूबी भंजाते हुए भाजपा ने नेताजी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने भी विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इधर जनता को भी बहुत दिनों से राजनीतिक कुश्ती का कोई मनोरंजक मैच देखने को नहीं मिला है। लिहाजा वह बेसब्री से किसी बड़े तमाशे का इंतजार कर रही है। जनता के खेमे से आ रहे रुझानों की बात करें तो..हर जगह बस यही चर्चा आम है कि..
"भारत जोड़ो" से ज्यादा हिट हो सकती है, पार्टी की "हाथ पांव तोड़ो यात्रा.."
गजब का डेमेज कंट्रोल की, बबाल की चूं तक नहीं निकली..
शहर के जिम्मेदारों ने अपने डेमेज कंट्रोल विभाग के जरिये एक बार फिर अपनी कूटनीतिक एकजुटता का परिचय देते हुए मुखिया की नज़रों में नंबर बढ़ाने का बेहतरीन प्रदर्शन किया। और जितनी तेजी से घटनाएं हुई , उसे उतनी ही फुर्ती से पचा भी लिया गया। चुगलखोर सूत्र बताते है कि मौकाए वारदात पर अव्यवस्था के चलते जमकर बबाल कटा था। लेकिन आला-हुजूर की साख बचाने डेमेज कंट्रोल के सक्रिय शातिरों ने तत्काल ही विष का प्याला गले से उतार लिया।हालांकि इस पूरे मामले को लेकर शहर के हर चौराहे पर जमकर चर्चाएं हो रही है। लेकिन पूरे मामले में मीडिया घराने की खामोशी भी कई बड़े सवाल खड़े कर रही है। ताज्जुब की बात यह है मुखिया की मौजूदगी में कार्यक्रम के दौरान हुई घटना की कहीं कोई ख़बर ही नहीं। न ही इसकी पुष्टि करने कोई जिम्मेदार आगे आया। घटना को लेकर कुछ इसे शहर की साख से, तो कुछ इसे मुखिया की शान से भी जोड़ रहे है।
आपको बतादें की गणतंत्र दिवस के मेगा शो में बॉलीवुड के दो फेमस प्ले बैक सिंगर ने अपनी प्रस्तुति दी। शहर के आयुर्वेदिक कालेज ग्राउंड में 25 जनवरी को शान , तो 26 जनवरी को सोनू निगम ने अपनी गायकी का जौहर दिखाया।जनता जनार्धन के लिए पुर्णतः निशुल्क इन दोनों प्रोग्राम में खुद प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे। चर्चाएं गर्म है कि इस मेगा शो के दौरान कुछ असंतोषी तत्वों द्वारा उत्पात मचाने की कोशिश की गई। सवाल यह है कि अगर किसी ने कार्यक्रम बिगाड़ने की कोशिश की तो उसे बाकायदा सजा मिलनी चाहिए साथ ही पूरे शहर को भी पता चलना चाहिए कि फलाना व्यकित किस तरह से शहर की शान पर बट्टा बिठाने का काम कर रहा था। लेकिन इस पूरे मामले में जिस ततपरता से पर्दा डाला गया।उसे देखकर तो यही लग रहा है कि पूरी दाल ही काली है। खैर बात निकली है तो दूर तलक जाएगी...
फिलहाल तो अब जनता भी बोलने लगी है कि...
गजब का डेमेज कंट्रोल की, बबाल की चूं तक नहीं निकली..
भला टैक्स रसीद चुराने से, किसका भला होगा..??
जबलपुर शहर में हुई एक चोरी की वारदात ने न केवल चोरों के ईमान पर दाग लगाया है बल्कि चुराई गई चीजों को लेकर कई सवालिया निशान भी खड़े किए है। अपना नाम न बताने की शर्त पर दिल का मलाल जाहिर करते हुए शहर के एक चोर ने बताया कि मजबूरी की मार और पेट पालने के लिए हम चोरी करते है। लेकिन हमारी जमात में आजकल कुछ अन्य लोगों ने घुसपैठ कर ली है। वे अक्सर अपनी करतूतों पर पर्दा डालने के लिए हमारी जमात का नाम खराब करने में तुले है।
दरअसल जबलपुर शहर के नगर निगम रामपुर जोन कार्यलय में एक अजीबोगरीब चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया। खास बात यह है कि इस चोरी के दौरान कंप्यूटर सहित टैक्स रसीद की चोरी की गई है। हालांकि चोर के कम्प्यूटर चुराने की बात समझ आती है लेकिन टेक्स रसीद की चोरी ने पूरे घटनाक्रम को संदेहास्पद बना दिया है। हो सकता है कि चोर नौसिखिया हो और रसीद बुक को रद्दी में बेचकर पैसे कमाने की सोच रखता हो..
या फिर सोची समझी साजिश के तहत रसीद ठिकाने लगाने चोरी की कहानी गढ़ी गई हो..
बहरहाल चोर का चोकटा सीसीटीवी में कैद हो चुका है जिसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा..
फिलहाल एक सवाल हर किसी के जहन में काबिज हो चुका है कि..
भला टैक्स रसीद चुराने से, किसका भला होगा..??