अंतरिक्ष पर पूरी तरह कब्जा जमाना चाहता है ड्रैगन, दूसरे देशों के सैटेलाइट तबाह करने को बना रहा हथियार
लंदन।
चीन अंतरिक्ष में अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिशों में जुटा हुआ है। एक टॉप ब्रिटिश जासूस ने चेतावनी दी है कि अंतरिक्ष में कब्जा करने के लिए चीन अत्याधुनिक हथियारों के निर्माण में जुटा हुआ है। ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी जीसीएचक्यू के प्रमुख सर जेरेमी फ्लेमिंग ने एक वार्षिक सुरक्षा बैठक में बताया कि पता चला है कि चीन युद्ध की स्थिति में ब्रिटिश और पश्चिमी देशों की सैटेलाइट को तबाह करने वाले शक्तिशाली हथियार तैयार करने में लगा है।
उन्होंने कहा ब्रिटेन को चीन की वैश्विक तकनीकी प्रभुत्व पर अंकुश लगाने के लिए कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है। उन्होंने एक वार्षिक लेक्चर में कहा कि चीन के बायडू सैटेलाइट के नेटवर्क का उपयोग किसी को भी, कहीं भी ट्रैक करने में किया जा सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि कई लोगों का मानना है कि चीन एक शक्तिशाली एंटी सैटेलाइट क्षमता का निर्माण कर रहा है, जिसका लक्ष्य युद्ध की स्थिति में अन्य देशों को अंतरिक्ष तक पहुंचने से रोकना है। ऐसी आशंका है कि इस टैक्नोलॉजी का इस्तेमाल लोगों को ट्रैक करने के लिए जा सकता है।
रूस और चीन दोनों ही देशों के पास एंटी सैटेलाइट हथियार हैं। ये सैटेलाइट मिसाइल की तरह हैं, लेकिन चीन अब लेजर सिस्टम पर काम कर रहा है। इनके जरिए संचार, निगरानी और जीपीएस सैटेलाइट को बर्बाद किया जा सकता है। अगर सैटेलाइट को नष्ट कर दिया गया तो मिसाइलें टारगेट का पता नहीं लगा सकेंगी। उन्होंने कहा कि रूस से कहीं ज्यादा चीन इस युग में हमारे लिए खतरा बन गया है। इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा चीन का प्रभाव नई तकनीकों जैसे डिजिटल करेंसी में बढ़ रहा है। चीन इनका इस्तेमाल अपनी आबादी, पड़ोसियों और देनदारों पर नियंत्रण के लिए कर सकता है।
उन्होंने कहा कि चीनी नेतृत्व का मानना है कि उनकी ताकत और अधिकार एक पार्टी सिस्टम से आती है। इसका मतलब है कि वे अपने नागरिकों की क्षमता का समर्थन करने की बजाय चीनी लोगों पर नियंत्रण के अवसर देखते हैं। उन्होंने कहा चीन को लोकतंत्र और फ्री स्पीच से डर लगता है। ये कोई आश्चर्य नहीं है कि जब चीन के लोग उन्नत अर्थव्यवस्था के लिए काम कर रहे थे, तब पार्टी ने अपने संसाधनों का उपयोग कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों और सर्विलांस के लिए किया।