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जिला दंडाधिकारी ने जारी किया प्रतिबंधात्मक आदेश विषाक्त रंगों से बनी प्रतिमाओं के निर्माण एवं विक्रय पर रोक

जिला दंडाधिकारी ने जारी किया प्रतिबंधात्मक आदेश 
 विषाक्त रंगों से बनी प्रतिमाओं के निर्माण एवं विक्रय पर रोक





जबलपुर ।

जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी. ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १४४ के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर जिले में परंपरागत मिट्टी को छोड़कर रासायनिक पदार्थों एवं विषाक्त रंगों से प्रतिमाओं के निर्माण, विक्रय तथा जिले से बाहर ले जाने एवं बाहर से यहाँ लाने पर रोक लगा दी है। यह प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है तथा यह आगामी दो माह तक के लिए प्रभावी रहेगा। प्रतिमाओं के प्राकृतिक जल स्त्रोतों में विसर्जन से होने वाले प्रदूषण तथा जल की गुणवत्ता एवं जलीय जीवों पर होने वाले विपरीत प्रभावों की रोकथाम के

मद्देनजर जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी इस प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि मूर्तियों अथवा प्रतिमाओं के निर्माण में केवल प्राकृतिक सामग्रियों और परंपरागत मिट्टी का इस्तेमाल ही किया जा सकेगा। पकी हुई मिट्टी या किसी प्रकार के केमिकल एवं रासायनिक वस्तुओं का उपयोग मूर्ति निर्माण में प्रतिबंधित रहेगा। आदेश के मुताबिक प्रतिमाओं पर रंग करने के लिए केवल प्राकृतिक रंगों व गैर विषाक्त रंगों का इस्तेमाल ही किया जा सकता है। किसी भी प्रकार के रासायनिक एवं विषाक्त रंगों का प्रतिमा निर्माण में इस्तेमाल पूर्णत: वर्जित रहेगा। प्रतिबंधात्मक आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जिले में केवल परंपरागत मिट्टी व गैर विषाक्त रंगों से निर्मित प्रतिमाओं का ही उत्पादन एवं विक्रय किया जा सकेगा। रासायनिक पदार्थो एवं विषाक्त रंगों का इस्तेमाल कर बनाई गई प्रतिमाओं के निर्माण एवं विक्रय तथा इन्हें जिले से बाहर ले जाने एवं बाहर से लाने पर भी पूर्णत: रोक रहेगी। जिला दंडाधिकारी द्वारा प्रतिबंधात्मक आदेश के मुताबिक प्रतिमा के विसर्जन के पूर्व पूजन सामग्री, फल-फूल, नारियल, वस्त्र आभूषण, कागज एवं प्लास्टिक से बने सजावट के सामान को निकालकर अलग-अलग एकत्रित करना होगा तथा एकत्रित सामग्री का निपटान ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम २०१६ के प्रावधानों के अनुसार स्थानीय निकायों को करना होगा। आदेश के अनुसार प्रतिमाओं के विसर्जन के २४ घंटे के भीतर विसर्जित प्रतिमा से उत्पन्न ठोस अपशिष्ट जैसे बांस, रस्सी, प्रतिमा के हिस्सों आदि को एकत्रित कर उनके निपटान की जिम्मेदारी भी स्थानीय निकायों की होगी। जिला दंडाधिकारी द्वारा यह प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से संपूर्ण जिले में लागू हो गया है तथा यह आगामी दो माह तक प्रभावी रहेगा। आदेश में कहा गया है कि प्रतिबंधों का उल्लंघन भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १८८ के अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आयेगा।

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