जबलपुर में विकास की उल्टी गंगा- स्मार्ट सीटी से टाउन बनता दिख रहा शहर, आखिर कहाँ गए शहर विकास के करोड़ों रुपए
जबलपुर । यदि स्मार्ट सिटी इसे कहते हैं, तो हमें हमारी पुरानी सिटी लौटा दो. यह जुमला आज कल शहरवासियों में आम हैं. जो पूरे साल बंद सड़वेंâ, धूल मिट्टी, अधूरे निर्माण, अव्यवस्थित यातायात से परेशान थे. आज बारिश शुरु होते ही इनकी परेशानी कई गुना बढ़ गई है. कहीं घमापुर रांझी मार्ग है, जहां पांच साल से स्मार्ट सड़क का निर्माण चल रहा है. कहीं घंटाघर तैय्यब अली मार्ग है जहां तीन साल से सड़क निर्माण कार्य चल रहा है. कहीं २ साल से सड़क खुदी पड़ी है. कहीं १ साल से कार्य अधूरा है. आज शहर में छोटी बड़ी मिलाकर करीब २ दर्जन सड़वेंâ ऐसी हैं, जो अधूरी पड़ी हैं. जहां इन सड़कों की धूल मिट्टी किचड़ से आम शहरवासी परेशान है. तो दूसरी तरफ इन मार्गों की अव्यवस्था से दूसरे मार्गों पर यातायात का दबाव बढ़ रहा है. यूं तो हर मौसम में परेशानी शहरवासियों को होती है. लेकिन जब से बारिश शुरु हुई है, तब से स्थिति और अधिक विकराल हो गई है.
रानीताल, मदनमहल, गोलाबाजार, घमापुर, बल्देवाग, दमोहनाका रोड में निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है. जिससे इन मार्गों पर मलबा, मिट्टी के कारण पूरी सड़क कीचड़ से सन गई है। फिसलन भरी सड़कों पर हादसे बढ़ गये हैं. वहीं नगर निगम द्वारा समय पर सड़कों की मरम्मत न कराए जाने से नगरीय, उपनगरीय क्षेत्रों की सड़कों का हाल बेहाल है. गोहलपुर, गढ़ा, यादव कालोनी, जगदंबा कालोनी, नवनिवेश कालोनी सहित उपनगरीय क्षेत्र रांझी गढ़ा में हाल बेहाल है. दो साल कोरोना की आड़ लेकर सड़कों की मरम्मत नहीं हुई. अब बारिश का हवाला देकर सड़कों की मरम्मत नहीं कराई जा रही है.
घमापुर, घंटा घर बने मजाक.........
आज घमापुर रांझी स्मार्ट रोड मजाक बन चुकी है. जो पांच साल बाद भी अधूरी है. तीन महीने पहले किसी तरह अतिक्रमण हटे और दावा किया गया की मानूसन के पहले काम पूरा हो जाएगा. लेकिन आज भी मलबा तक नहीं हटा है. बारिश में यहां समस्या कई गुना बढ़ चुकी है. घंटाघर से हाईकोर्ट तक स्मार्ट रोड बनाना प्रस्तावित है लेकिन अभी तक यहां काम ही शुरू नहीं हुआ है। वहीं घंटाघर से तैय्यब अली पेट्रोल पम्प मार्ग का काम सालों से अधूरा है.
गोलबाजार सबसे बेहाल............
शहर का ह्दय स्थल कहा जाने वाला है गोलबाजार में स्थिति सबसे खराब है. गोलबाजार मुख्य मार्ग की कमोबेश सभी लिंक रोड आज बदहाल हैं. बड़े बड़े गड्ढे कीचड़ पानी के चलते यहां से निकलना मुश्किल हो चुका है. जिससे आसपास के मार्गों में दबाव कई गुना बढ़ गया है. वहीं बारिश में यहां लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं. गौरतलब है की गोलबाजार के इर्द गिर्द करीब १ दर्जन छोटे बड़े अस्पताल हैं.
इन मार्गों पर हाल बेहाल..........
जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट चौराहे के पास लेफ्ट टर्न में भर रहा है. कुछ देर की बारिश में सिविकि सेंटर मार्ग पूरा डूब रहा है. यही हाल इंदिरा मार्केट पुल के नीचे है. वहीं बर्न कंपनी से रेलवे सराय स्कूल तक दो जगह पानी भर रहा है. नेपियर टाउन प्रेममंदिर मार्ग. नौदराब्रिज चौराहे और भंवरताल पार्वâ का भी यही है. अब जब शहर के मुख्य मार्गों का यह हाल है तो निचली बस्तियों और उपनगरीय क्षेत्र की सड़कों का अनुमान लगाया जा सकता है.