भाजपा ने DHFL के प्रमोटरों और संबंधित कंपनियों से करोड़ों का चंदा लिया - कांग्रेस
नई दिल्ली । कांग्रेस ने भाजपा पर 34 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा की धोखाधड़ी करने वाले डीएचएफएल समूह के प्रमोटरों और संबंधित कंपनियों से करोड़ों रुपये का चंदा लेने का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने आरोप लगाया कि डीएचएफएल के खातों की जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई थी. मार्च 2021 में प्रधानमंत्री आवास योजना मामले में सीबीआई ने डीएचएफएल को आरोपी बनाया, लेकिन ये घोटाला पीएम आवास योजना के ऑडिट में नहीं, यस बैंक मामले की जांच में सामने आया।
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने डीएचएफएल और इसके प्रमोटरों से जुड़ी कंपनियों से 28 करोड़ रुपये का चंदा लिया. क्या ये एक हाथ से ले दूसरे हाथ से दे का मामला है? बीजेपी ने 28 करोड़ रुपये का चंदा क्यों लिया? क्या यह रिश्वत थी? पीएम आवास योजना में डीएचएफएल ने ही हजारों करोड़ का चूना लगाया, लेकिन पीएम आवास योजना की ऑडिट में इसका खुलासा क्यों नहीं हुआ? कांग्रेस ने कहा कि डीएचएफएल ने17 बैंकों से 34,615 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की, लेकिन चिंता की बात ये है कि इस बड़े पैमाने पर हुई धोखाधड़ी की जड़ें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी हुई हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी बैंकिंग धोखाधड़ी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाक के नीचे हुई. बैंक धोखाधड़ी को नियंत्रित करने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए सरकार क्या कर रही है? नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या जैसे लोगों के खिलाफ धन की वसूली और मामलों के बारे में क्या अपडेट है, ये सभी मोदी सरकार की निगरानी में देश छोड़कर भाग गए हैं. सीबीआई ने अनिल अंबानी नियंत्रित रिलायंस कम्युनिकेशन के खिलाफ एसबीआई की मार्च 2021 की धोखाधड़ी की शिकायत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना के लॉन्च से दिसंबर 2018 तक,डीएचएफएल ने योजना के तहत 88,651 होम लोन खातों को पारित किया और भारत सरकार से ब्याज सब्सिडी के रूप में 1,887 करोड़ रुपये का लाभ भी ऐंठा. चौंकाने वाली बात ये है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में यह घोटाला 2020 में यस बैंक घोटाले की जांच के दौरान सामनेआया था न कि प्रधानमंत्री आवास योजना के 3 साल के ऑडिट में।
सुप्रिया ने कहा कि डीएचएफएल पर भारत की सबसे बड़ी बैंकिंग धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है, लेकिन भाजपा ने इस कम्पनी के दागदार मालिकों और सम्बंधित कंपनियों से करोड़ रुपये की डोनेशन लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी. RKW डेवलपर्स लिमिटेड (डीएचएफएल के मालिकों के स्वामित्व की एक कम्पनी) से 10 करोड़ रुपये, वधावन ग्लोबल कैपिटल लिमिटेड से 10 करोड़ और वधावन परिवार के नियंत्रण वाले दर्शन डेवलपर्स से 7.5 करोड़ रुपये लिए.
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उन्होंने पूछा कि क्या यह राशि एक बड़ी रिश्वत थी, इन संदिग्ध लोगों को धोखाधड़ी करने देने के लिए? पीएमएवाईके ऑडिट में डीएचएफएल घोटाले का पता कैसे नहीं चला और यस बैंक की जांच में ही इसका खुलासा क्यों हुआ?
उन्होंने पूछा कि क्या यह राशि एक बड़ी रिश्वत थी, इन संदिग्ध लोगों को धोखाधड़ी करने देने के लिए? पीएमएवाईके ऑडिट में डीएचएफएल घोटाले का पता कैसे नहीं चला और यस बैंक की जांच में ही इसका खुलासा क्यों हुआ?