एमपी में नारियल से शुरू हुई पॉलिटिक्स शैंपेन की बोतल तक पहुंची
अजब एमपी की गजब दास्तान में एक और अध्याय जुड़ चुका है और यह नया फलसफा राजनीतिक गलियारों से होता हुआ आम जनता के बीच आकर खड़ा हो गया है मामला बिल्कुल साफ है क्योंकि मध्य प्रदेश में उपचुनाव की दस्तक है। और जैसे-जैसे उपचुनाव की घड़ी पास आती जा रही है वैसे वैसे मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों की हलचल आम जनता तक पहुंचने लगी है मध्यप्रदेश में जनता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों ही एड़ी चोटी का जोर लगा रही है और इस कवायद में बयानबाजी का दौर भी शुरू हो चुका है।
एमपी में नारियल को लेकर शुरू हो गई बयान बाजी
कांग्रेस पार्टी से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके कमलनाथ ने अपने नारियल वाले बयान से वर्तमान में भाजपा के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर सियासी तीर तो चलाया लेकिन वह उल्टा ही कांग्रेस के खेमे में जा घुसा। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए वर्तमान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तंज कस रहे थे उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान अपने साथ सौ बातों की नारियल का डेरा रखकर चलते हैं और जब भी मौका मिलता है नारियल फोड़ते हुए योजनाओं का शुभारंभ कर देते हैं लेकिन ये योजनाएं जमीनी हकीकत कभी नहीं लेती यह काम सिर्फ जनता का ध्यान आकर्षित करते हुए उन्हें गुमराह करने के लिए किया जा रहा है।
चुनावी माहौल आते ही शिवराज दोनों जेबों में नारियल रखकर घूमते हैं
अपने समर्थकों से खचाखच भरे सभा में जनता को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह बयान दिया था कि शिवराज सिंह चौहान पहले एक जेब में नारियल रखकर घूमते थे और अब दोनों जेबों में नारियल रखकर घूम रहे हैं।
अपने वक्तव्य में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान को जहां मौका मिला वहां उन्होंने नारियल फोड़कर एक नई घोषणा कर दी। घोषणा वीर मुख्यमंत्री शिवराज अब तक 17 हजार घोषणाएं कर चुके हैं. लेकिन वे यह नहीं समझ रहे हैं कि अब घोषणाओं से कुछ होने वाला नहीं है, उनके झूठ से अब झूठ को भी शर्म आने लगी है।
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नारियल वाले बयान पर शिवराज ने शैम्पेन की बोतल वाले बयान से किया पलटवार
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नारियल वाले बयान पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ जी ने मध्य प्रदेश और उसकी जनता के लिए जो विकास के काम ठप कर दिए उसे हमने फिर से शुरू किया। अब हम विकास के कार्य कर रहें तो इन्हें तकलीफ हो रही है और कुछ नहीं मिल रहा तो कह रहें कि हम नारियल लेके चलते हैं।
नारियल हिंदू संस्कृति में काफी अहमियत रखता है और यह एक सेवा का प्रतीक है। मैं नारियल लेकर चलता हूं, कोई शैम्पेन की बोतल तो लेके नहीं चलता हूं। जब भी जनता कमलनाथ के पास पहुंची तो उन्होंने मुख्यमंत्री होते हुए भी पैसे ना होने का हवाला देते हुए विकास कार्यों से अपना मुंह चुराना चाहा जबकि भाजपा की सरकार बनते ही शिवराज सिंह ने हमेशा जनता के विकास के कार्यों पर ध्यान दिया अब ऐसे में योजनाओं के शुभारंभ होने पर नारियल नहीं फूटेगा तो क्या शैंपेन की बोतल खुलेगी..
नारियल पॉलिटिक्स को लेकर अब कांग्रेस और भाजपा के विधायकों की भी बयानबाजी हुई शुरू
मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में जैसे ही बड़े चेहरों की बयानबाजी की जंग शुरू हुई उसी का अनुसरण करते हुए अब दोनों पार्टियों के छोटे और मझोले नेता भी इस तकरार में अपनी भूमिका निभाने बयान बाजी कर रहे हैं।
कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने कहा कि पिछली सरकार की सड़कों पर नारियल फोड़कर वाहवाही न लूटे शिवराज सिंह चौहान. उन्होंने कहा कि ये सड़कें कमलनाथ सरकार की हैं, नारियल का मान सम्मान रखें. सीएम शैम्पियन की बोतले फोड़े कोई दिक्कत नहीं, लेकिन नारियल का अपमान नहीं सहा जाएगा।
वहीं कांग्रेस की चुटकी पर मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि लोकतंत्र में जनता के सामने नतमस्तक होना इससे बड़ा सौभाग्य नहीं होता. कमलनाथ क्या जाने जिन्होंने जिंदगी भर नेहरू परिवार के सामने घुटने टेके हैं. वह जनता के सामने घुटने टेकने का माखौल उड़ाएंगे ही जनता ही हमारे लिए भगवान है और जनता के सामने झुकना सौभाग्य की बात है. कमलनाथ और कांग्रेस के नेता तो केवल तथाकथित नेहरू परिवार के सामने घुटने टेकते हैं सोनिया गांधी के सामने नाक रगड़ते हैं।