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ब्लैक फंगस में लगने वाले इंजेक्शन के नाम पर ठगी अस्पताल का कर्मचारी बताकर लिए 50 हजार


ब्लैक फंगस में लगने वाले इंजेक्शन के नाम पर ठगी 
अस्पताल का कर्मचारी बताकर लिए 50 हजार





  ग्वालियर मध्यप्रदेश

 ब्लड प्लाज्मा, रेमडेसिविर के बाद अब ब्लैक फंगस में लगने वाले इंजेक्शन के नाम पर ठगी की वारदात सामने आई है। ग्वालियर में जयारोग्य अस्पताल (JAH) का कर्मचारी बताकर ठग ने जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे अकाउंटेंट की बेटी से 50 हजार रुपए ठग ले गया। ठग ने 2.40 लाख रुपए में 30 इंजेक्शन दिलाने का झांसा दिया। 50 हजार रुपए एडवांस लिया और गायब हो गया। इंजेक्शन न मिलने से इस बीच पेशेंट की एक आंख तक निकालनी पड़ी। मामले की शिकायत के बाद आरोपी को शनिवार रात क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है।


जानिए क्या है पूरा मामला..

 दरसल टीकमगढ़ निवासी 55 वर्षीय रमाकांत मिश्रा ITI कॉलेज में बतौर अकाउंटेंट हैं। एक धोखेबाज की शर्मनाक हरकत के कारण रमाकांत को ब्लैक फंगस से अपनी एक आंख खोना पड़ी है। अभी वह जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं। रमाकांत 19 अप्रैल को कोविड संक्रमित हुए थे। इसके बाद वह ठीक हो गए, लेकिन अभी कुछ दिन पहले उनको ब्लैक फंगस की शिकायत हुई। फंगस बढ़ने पर बेटी रितु मिश्रा ने उन्हें 11 मई को अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया। ब्लैक फंगस से बचाव के लिए एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन की जरूरत थी। हॉस्पिटल प्रबंधन का कहना था कि उनके पास इंजेक्शन नहीं हैं। बाहर से इंतजाम करना पड़ेगा। यदि इंजेक्शन नहीं मिला तो फंगस को रोकने के लिए एक आंख निकालनी पड़ेगी।


मदद के लिए डाली सोशल मीडिया में पोस्ट

इस पर रितु ने इंजेक्शन के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली। उम्मीद थी कि कोई उनकी मदद जरूर करेगा। इसी बीच 18 मई को उसकी बहन वर्षा के मोबाइल पर एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने अपना नाम चेतन सविता बताया। उनसे कहा कि वह जयारोग्य डायग्नोसिस विभाग मे बतौर क्लर्क पदस्थ है। वह उसे इंजेक्शन दिलवा सकता है। इसके लिए हॉस्पीटल के कागजात और इंजेक्शन के लिए दिया गया डिमांड लेटर लेकर माधव डिसपेंसरी JAH में आ जाना।उसके कहे अनुसार युवती अपने दोस्त भानू प्रताप सेन के साथ JAH पहुंची। पत्थर वाली बिल्डिंग के सामने चेतन उन्हें मिल गया। 


2.40 लाख में हुआ 30 इंजेक्शन का सौदा

उनसे बोला कि 30 इंजेक्शन के 2.40 लाख रुपए लगेंगे। पिता की हालत खराब थी इसलिए रितु तैयार हो गई। उसने एडवांस मांगा तो दोस्त हर्षित अग्रवाल से फोन पे के जरिए उसके खाते में 50 हजार ट्रांसफर कर दिए। पैसे पहुंचने पर चेतन बोला कि शाम को आकर इंजेक्शन ले जाना। इसके बाद न तो उसने इंजेक्शन दिलवाए और न ही खुद मिला। बल्कि फोन उठाना भी बंद कर दिया। इसके बाद पीड़ित युवती ने मामले की शिकायत क्राइम ब्रांच में की।


पुलिस के हत्थे चढ़ा ठग..कइयों को बना चुका है शिकार..

 जिस पर शनिवार रात को दबिश देकर पुलिस पुलिस ने आरोपी चेतन सविता को गिरफ्तार कर लिया है। अभी उससे रुपए बरामद नहीं हुए हैं।जब समय पर इंजेक्शन नहीं मिला तो फंगस आंख तक पहुंच गया। इस दौरान ऑपरेशन कर पेशेंट रमाकात मिश्रा की एक आंख निकालनी पड़ी। अब उनकी हालत गंभीर बनी हुई और इंजेक्शन जल्द नहीं मिला तो दूसरी आंख या जान का खतरा बना हुआ है।पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के बाद उसके बारे में जानकारी जुटाई तो पता लगा वह बहुत शातिर है। इससे पहले भी कई लोगों को नौकरी के नाम पर ठग चुका है। साथ ही ठगी के पैसों को वह ब्याज पर चलाता है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।


अमित सांघी (एसपी ग्वालियर)

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