तीन माह से ज्यादा समय बीत गया
आधे मीटरों में भी नहीं लगा क्यूआर कोड
जबलपुर। मीटर रीडिंग की बदली हुई व्यवस्था को सुचारू कर पाने में बिजली महकमा अब भी नाकाम है. जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को चुकाना पड़ रहा है. गलत रीडिंग से लेकर धोखाधड़ी तक हर के मामले सामने आ रहे हैं. बिजली विभाग ने ३० सितम्बर तक सभी बिजली उपभोक्ताओं के मीटर में क्यूआर कोड लगाने का निर्देश दिया था. अब जब डेडलाईन खत्म हो रही है, तब भी ५० फीसदी घरों में क्यूआरकोड नहीं लगा है. गौरतलब है की पूर्व बिजली कंपनी की ओर से बिजली बिल के संबंध में आने वाली समस्या को दूर करने के लिए क्यूआरकोड की व्यवस्था शुरू की गई थी। दावा किया गया था कि दो माह के अंदर इसे जिले में सौ फीसदी लागू कर दिया जाएगा। लेकिन तीन माह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी १.५ लाख से अधिक मीटरों में यह व्यवस्था नहीं हो पाई है। बिजली कंपनी महज ५० प्रतिशत उपभोक्ताओं के मीटर में ही क्यूआर कोड लगा पाई है। आंकड़ों मुताबिक शहर में ३.६७ लाख बिजली उपभोक्ता हैं। इनमें करीब एक लाख ८५ हजार उपभोक्ताओं के परिसर में ही अभी तक क्यूआर कोड लग पाया है। पूर्व क्षेत्र कंपनी ने ३० सितंबर तक इस काम को पूरा करने के निर्देश दिए हुए हैं। लेकिन जिस गति से काम हो रहा है उससे तय अवधि में क्यू आर कोड लग पाना मुमकिन नहीं दिख रहा है।
बारिश में खराब हो गया क्यूआरकोड........
बिजली कंपनी द्वारा क्यूआरकोड लगाने का काम जून में शुरू किया गया था। बिजली कंपनी ने रीडिंग के दौरान ही इसे चस्पा किया था। कई घरों में क्यूआर कोड ऐसे स्थान पर लगाए गए, जहां बारिश का पानी आता है। इससे वे खराब हो गए। अब दोबारा बिजली कंपनी को मशक्कत करनी होगी। गढ़ा निवासी राजेश जगराती ने कहा कि उनके यहां बॉक्स पर कोड चस्पा किया गया। लेकिन बारिश के चलते वह खराब हो गया।