दारू को दवा बनाकर,कोरोना का इलाज
डॉ भिसे ने ठीक किये 50 मरीज..
अहमदनगर -महाराष्ट्र
देश दुनिया में व्याप्त कोरोनावायरस के हाहाकार के बीच वैसे तो समय-समय पर कई नई नई दवाओं की चर्चाएं सामने आ रही है। लेकिन आज हम जिस बारे में बात करने जा रहे हैं वह बात एक ओर जहां अधिकतर लोगों के चेहरे पर एक अनजानी सी मुस्कान छोड़ देगी तो कईयों के दिमाग में सवालों का समुंदर हिलोरे मारने लगेगा। आपको बता दें कि विकास की कलम ऐसे किसी भी दावे की पुष्टि नहीं करती लेकिन बात ही कुछ ऐसी थी की हम अपने पाठकों से साझा किए बगैर रह ना सके।
अगर हम आपसे कहे कि शराब पिलाकर भी कोरोना का इलाज किया जा सकता है। तो एक पल के लिए आप भी अचंभित हो जाएंगे। लेकिन ऐसे ही अजीबोगरीब इलाज के जरिए कोरोना संक्रमण से ग्रसित 50 मरीजों को ठीक भी किया जा चुका है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला और क्या कहती है शोध....
कहां का है मामला..??
क्या है पूरी कहानी..???
कोरोना संक्रमित मरीजों को उपचार के दौरान शराब पिलाकर पूर्णता स्वस्थ किए जाने का यह अनोखा मामला महाराष्ट्र के अहमदनगर से सामने आया है जहां पर रहने वाले डॉक्टर अरुण भिसे ने अपने 50 मरीजों को शराब पिलाकर कोरोना संक्रमण से निजात दिलाने का दावा किया है।
इस अनोखे इलाज के पीछे क्या है डॉक्टर का तर्क
डॉ अरुण भिसे की थ्योरी पर गौर किया जाए तो कुछ हद तक उनके बताए गए विचार तर्कसंगत भी नजर आते हैं। लेकिन कुछ जगहों पर विरोधाभास की स्थितियां भी निर्मित होती है।डॉ अरुण भिसे के अनुसार कोरोना से संक्रमित होने पर मरीज को सबसे पहले विशेष चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए। यदि संक्रमण की स्थिति गंभीर हो तो डॉक्टरों द्वारा बताई गई दवाइयों का सेवन शुरू कर देना चाहिए। कोरोना के शुरुआती लक्षणों को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर अरुण भिसे बताते हैं कि आपको जिस दिन से भी स्वाद मिलना बंद हो जाए और आप की भोजन करने की इच्छा समाप्त होने लगे उसी दिन से तत्काल उन चीजों का सेवन शुरू कर देना चाहिए जिनमें 40% से अधिक अल्कोहल की मात्रा हो। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि शराब में अच्छी खासी अल्कोहल की मात्रा होती है । अतः 30 मिलीलीटर शराब और 30 मिलीमीटर पानी को मिलाकर मरो मरीज को दिए जाने से लाभ पहुंचता है।
अल्कोहल है कोरोना का दुश्मन -डॉ भिसे
कोरोना संक्रमित मरीजों का शराब पिलाकर उपचार करने वाले डॉक्टर अरुण भिसे ने जानकारी देते हुए बताया है कि कोरोना वायरस की ऊपरी परत लिपिड की है जो अल्कोहल के संपर्क में आने से नष्ट हो जाती है इसी वजह से सैनिटाइजर से हाथ धोने की सलाह दी जाती है शराब के सेवन के बाद अल्कोहल रक्त वाहिकाओं की सहायता से महत्व 30 सेकंड के अंदर पूरे शरीर में पहुंच जाता है। जिसके बाद वह फेफड़ों से होता हुआ वायु मार्ग से बाहर भी निकल जाता है। पूरी प्रक्रिया के दौरान शरीर में मौजूद कोरोनावायरस बहुत हद तक निष्क्रिय हो जाता है। अपने एक और तर्क में डॉक्टर भिसे बताते हैं कि कोरोना संक्रमित होने पर पीड़ित मरीज काफी तनाव में रहता है इस दौरान शराब का सेवन मरीज के तनाव को भी कम करता है।
इस अजीबोगरीब इलाज से अब तक स्वस्थ हुए 50 मरीज
डॉ अरुण भिसे की माने तो उनके पास आने वाले प्रत्येक कोरोना संक्रमित मरीज को वह इसी अजीबोगरीब इलाज की सलाह देते हैं उन्होंने अब तक 40 से 50 मरीजों को उपचार के दौरान शराब का सेवन करने की भी सलाह दी है। उन्होंने अपने मरीजों को दवाइयों के सेवन के साथ साथ एक निश्चित मात्रा में शराब पीने की भी समझाइश दी है। ताज्जुब की बात तो यह है की डॉक्टर साहब के इस अनोखे उपचार के जरिए अब तक 40 से 50 मरीज पूर्णता स्वस्थ हो चुके हैं इनमें से 10 मरीज ऐसे भी हैं जिनका गंभीर रूप से कोरोना संक्रमण का उपचार किया जा रहा था। और तो और डॉक्टर साहब की सलाह मानने वालों में से अब तक किसी भी मरीज कि ना तो तबीयत बिगड़ी और ना ही मौत हुई है।
विकास की कलम की अपील
विकास की कलम अपने जागरूक पाठकों से अपील करती है कि यह जानकारी संबंधित व्यक्ति और अन्य लोगों से एकत्र कर आप सबके बीच रखी गई है। व्यक्तिगत तौर पर विकास की कलम ऐसी किसी भी चिकित्सकीय तकनीक से कोरोना के इलाज की पैरवी नहीं करती। विकास की कलम अपने पाठकों को सलाह देती है की वह उच्च स्तरीय चिकित्सकीय परामर्श के आधार पर ही उपचार की बातों पर ध्यान दें । हमारा उद्देश्य सिर्फ आपके पास घटित हो रही तमाम जानकारियों को साझा करना है ना की किसी तरह का भ्रम या गलत जानकारी प्रसारित करना। पाठक अपने स्वविवेक के साथ ही अपना निर्णय लेवे।