यहां डॉक्टर,इंजीनियर वकील
और सीए के खातों में पहुंची
"किसान सम्मान निधि"
केंद्र सरकार की किसानों को राहत देने वाली योजना "पीएम किसान सम्मान निधि" के वितरण को लेकर एक बार फिर से गड़बड़ी का मामला सामने आया है। यह योजना मुख्यतः उन गरीब किसानों के लिए शुरू की गई थी। जो कि आर्थिक तंगी से ग्रस्त हों। उन्हें केंद्र सरकार के द्वारा प्रतिवर्ष 6 हजार रुपयों की राहत राशि प्रदान की जाती है। लेकिन लंबे समय से इस योजना को लेकर कई शिकायतें दर्ज की गई है। जिनमे अपात्र लोगों के द्वारा इस योजना का लाभ उठाएं जाने की बात सामने आई थी।इसे लेकर केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए,पात्र हितग्राहियों के विवरण की विशेष जांच के आदेश सभी जिलों को दिए हुए है। इसी कार्यवाही के तहत एक बड़ा चौकाने वाला खुलासा हुआ है। जिसमे डॉक्टर, इंजीनियर ,वकील ,बड़े व्यापारी और सीए जैसे पदों में बैठे हुए लोगों के नाम सामने आए है। जिनके खातों में बाकायदा किसान सम्मान निधि की राशि आहरित की गई है।बहरहाल किसानों के डाटा सत्यापन के बाद इन अपात्र हितग्राहियों से किसान सम्मान निधि की राशि वापस लिए जाने की कवायद शुरू कर दी गयी है।
कहाँ का है मामला..कैसे हुआ कमाल..??
किसान सम्मान निधि योजना के जरिए अपात्र हितग्राहियों के खाते में योजना की राशि पहुंच जाने का यह मामला मध्य प्रदेश के व्यवसायिक गढ़ कहे जाने वाले इंदौर जिले से सामने आया है जहां पात्र हितग्राही किसानों के डाटा के सत्यापन के दौरान 145 ऐसे प्रकरण सामने आए हैं जहां संपन्न वकीलों बड़े व्यापारियों डॉक्टर इंजीनियर और सीए जैसे पदों पर बैठे लोगों ने इस योजना का लाभ लिया है। इनके नाम बकायदा पात्र हितग्राहियों की लिस्ट में शामिल थे और इनके खातों में किसान सम्मान निधि योजना की राहत राशि भी आहरित की गई है।
*पटवारी की करतूत को..* *किसान ने किया उजागर..* *फिर कलेक्टर ने सुनाया..* *अनोखा फरमान..*
यहां जानिए कैसे हुआ अपात्र हितग्राहियों का खुलासा
आपको बता दें कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना में अपात्र हितग्राहियों की बढ़ती तादाद को लेकर पहुंची शिकायतों के आधार पर केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को किसानों के डाटा सत्यापन के आदेश जारी किए थे इसी कड़ी में राज्य शासन ने अन्य जिलों की तरह इंदौर जिले को भी योजना के प्रकरणों की रैंडम ली जांच करने के निर्देश दिए हैं इस जांच के तहत जिले में 3637 किसानों का डाटा सत्यापन के लिए भेजा गया था इसमें से 3494 खातों का सत्यापन पूरा हो चुका है इसी दौरान 145 लोग अपात्र पाए गए हैं। जो कि लगातार किसान सम्मान निधि योजना का लाभ उठा रहे थे।
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*जानिए..ऐसा क्या हुआ कि.??* *10 सरकारी और निजी बैंक* *कर दिए गए सील..*
जमीन तो है पर खेती नहीं करते यह अपात्र हितग्राही
जांच के दौरान अपात्र पाए गए 145 प्रकरणों की अधिकारियों ने विस्तृत जांच की जब राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भौतिक सत्यापन किया तो पता चला कि अपात्र पाए गए 145 लोग पेशे से किसान ना होकर अन्य काम या नौकरी करते हैं। और इन सभी के नाम पर कृषि भूमि भी दर्ज है। इन सभी अपात्र हितग्राहियों में कोई बड़ा व्यापारी है तो कोई डॉक्टर कोई बड़ा इंजीनियर है तो कोई सीए और वकील है इस लिस्ट में आर्किटेक्ट और शिक्षक भी शामिल है इन लोगों ने कृषि भूमि खरीद कर जमीन में निवेश किया तो है लेकिन यह खेती नहीं करते।
*रेलवे स्टेशन बना* *हवाला कारोबारियों का अड्डा* *जीआरपीएफ ने पकड़े* *35 लाख 60 हजार...*
अपात्र हितग्राहियों से किसान सम्मान निधि की राशि वापस लेने की कवायद हुई शुरू
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अनुसार आयकर दाताओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलना चाहिए था। लेकिन कुछ लोगों ने जमीन खरीद कर केवल फॉर्म हाउस बना रखे थे और वे आयकर दाता भी हैं। उन्होंने बकायदा किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए अपना नाम पंजीकरण भी करा रखा था।
भू अभिलेख अधीक्षक अनिल मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि अधिकारियों के सत्यापन के बाद अपात्र पाए गए भूमि स्वामियों से पीएम किसान सम्मान निधि की राशि वापस लेने के लिए सतत संपर्क किया जा रहा है किनर पात्र हितग्राहियों में से कुछ लोगों ने पीएम सम्मान निधि की राशि वापस भी कर दी है।
*नचनियों के ठुमकों से झूमा गाँव..* *आखिर कहां है..??* *कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने वाले..*
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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
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