सरकारी जमीन में
सरपंच का ढाबा..
फिर पीले पंजे ने कर दिया न्याय
(हाशिम खान -सिवनी)
एक बार गद्दी में बैठने के बाद जो सरकारी जमीन को अपनी संपत्ति समझने लगते हैं ऐसे राजनेताओं अधिकारियों और कर्मचारियों को सबक सिखाने के लिए सरकार ने एक नया ही दांव पेंच शुरू किया है। अब सरकारी कर्मचारियों की सांठगांठ और रसूख के दम पर किए गए कब्जे को प्रदेश में बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है यही कारण है कि भू माफिया हो या फिर कोई अधिकारी यदि सरकारी जमीन पर कब्जा किया है तो फिर पीले पंजे का तांडव होना लाजमी है।
सिवनी जिले में ढ़हाया गया सरपंच का अतिक्रमण
माफिया अभियान के तहत शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का ढाबा बनाने वाले सरपंच उनके भाई के ढाबे में प्रशासन ने चलाया बुलडोजर करीब 97 लाख की भूमि किया मुक्त। तहसीलदार प्रभात मिश्रा ने बताया कि चारागाह की जमीन पर अतिक्रमण कर ढाबा बनाया गया था जिसकी लगातार शिकायतें मिल रही थी जिस पर माफिया अभियान के तहत यह कार्यवाही की गई है सिवनी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत गोरखपुर के राष्ट्रीय राजमार्ग से लगी भूमि पर यह अतिक्रमण था जिसको माफिया अभियान के तहत मुक्त कराया गया।
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