बच्चों को मिलेगी..
भारी स्कूल बैग से राहत..
स्कूल बैग नीति में बदलाव..
छोटी सी उमर और कई किलो का स्कूल बैग.... वह बच्चे जो अपना खुद का भार नहीं सह पाते और लड़खड़ाते कदमों से स्कूल की दहलीज पहुंचते हैं उनके कंधों पर भारी भरकम स्कूल बैग का बोझ देख हर कोई हैरान हो जाता है। लेकिन क्या करें आखिरकार बच्चों को पढ़ाना भी जरूरी है लिहाजा अविभावक सब कुछ देखते हुए भी खामोश रह जाते है। हाई क्लास का एजुकेशन दिलाने के चक्कर में जाने अनजाने में स्कूल प्रबंधन और अविभावक अपने नन्हे नन्हे बच्चों के कंधों पर भारी भरकम स्कूल बैग का बोझ डाल तो देते हैं पर उन मासूमों पर क्या गुजरती है इसके विषय में आज तक किसी ने सवाल जवाब नहीं किया। लेकिन अब स्कूली बच्चों को इस समस्या से जल्द ही निजात मिल सकेगा क्योंकि शिक्षा मंत्रालय द्वारा बच्चों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए अपनी नीतियों में कई प्रभावशाली बदलाव किए हैं और निश्चित ही यह बदलाव बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए काफी लाभप्रद सिद्ध होंगे।
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नई स्कूल बैग नीति के तहत हुई घोषणा
बच्चों के कंधों में भारी-भरकम स्कूल बैग के बोझ वाले विषय को काफी गंभीरता से लेते हुए देश के शिक्षा मंत्रालय ने अपनी नई स्कूल बैग नीति के तहत संशोधन करते हुए बच्चों को बेवजह के बोझ से निजात दिलाते हुए राहत पहुंचाने का काम किया है। और आधिकारिक तौर पर इस समस्या से निपटने के लिए कई उपायों की घोषणा भी की है। आपको बता दें कि अब नई नीति के तहत पहली कक्षा से दसवीं कक्षा तक के छात्रों के स्कूल बैग का भात उनके शरीर के वजन के अनुपात के 10% से अधिक नहीं होगा साथ ही बच्चों को मानसिक तनाव से उबरते हुए होमवर्क की समय सीमा भी कक्षा वार तय की गई है
देशभर में किया जाएगा सख्ती से पालन
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने अपनी नई स्कूल बैग नीति का शक्ति से पालन किए जाने को सुनिश्चित करते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नवीन शैक्षणिक सत्र से इन आदेशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इन आदेशों की प्रॉपर मॉनिटरिंग के लिए एक विशेष दल को भी निर्धारित किया जाएगा जिसका काम शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की गई नई स्कूल बैग नीति का सही ढंग से पालन हो रहा है या नहीं इस नजर रखना होगा।
भारी भरकम होमवर्क पर भी लगेगी लगाम
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के द्वारा जारी की गई नई नीति के तहत कक्षा दूसरी तक के विद्यार्थियों को होमवर्क के बोझ से निजात दिलाई गई है यानी कक्षा दूसरी तक के विद्यार्थियों को स्कूल प्रबंधन द्वारा किसी भी तरह का कोई होमवर्क नहीं दिया जाएगा वही कक्षा 3 से 6 के लिए साप्ताहिक 2 घंटे तक का होमवर्क दिए जाने का उल्लेख किया गया है नई नीति के अनुसार कक्षा 6 से 8 के लिए प्रतिदिन 1 घंटे का होमवर्क और कक्षा 9 से 12 के लिए अधिकतम 2 घंटे का होमवर्क ही दिया जाएगा
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स्कूल बैग के बोझ को नापने लगाई जाएगी तो तौल मशीन
शिक्षा मंत्रालय ने अपने आदेशों का सख्ती से पालन कराए जाने के तहत यह आदेश दिया है की बच्चों के बस्ते का वजन चेक करने के लिए स्कूल प्रबंधन को स्कूल प्रांगण में तोल मशीन की सुविधा उपलब्ध करानी होगी। साथी नियमित रूप से बच्चों के स्कूल बैग के वजन के निगरानी भी करनी होगी।
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नए सत्र में किताबों में छापा जाएगा वजन
बच्चों के स्कूलों में उपयोग की जाने वाली किताबों के भजन को सुनिश्चित करने के लिए बुक पब्लिशर को नियमित तौर पर किताबों के पीछे उसका वजन भी छापना होगा पहली कक्षा के छात्रों के लिए कुल 3 किताबें होंगी जिसका वजन 1078 ग्राम होगा वही 12वीं में पढ़ने वाले छात्रों के लिए कुल 6 किताबें होंगी जिनका वजन 4182 ग्राम तक ही होगा स्कूली छात्रों के बैग में किताबों का वजन 500 ग्राम से 3.5 ग्राम तक रहना सुनिश्चित किया गया है जबकि कॉपियों का वजन 200 ग्राम से 2.5 किलोग्राम रहेगा । इसके साथ ही लंच बॉक्स और पानी की बोतल का वजन भी स्कूल बैग के भार में शामिल होगा । नई स्कूल बैग नीति में ट्रॉली वाले बैग पर सख्ती से रोक लगा दी गई है ।
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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
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