यहां बिना मास्क घूमने वालों को
मिली अनोखी सजा..
खुली जेल में लिखवा रहे
कोविड पर निबंध
कोरोना ही एक ऐसी बीमारी है जिसने अपने शुरुआती दौर से ही नित नए रंग दिखाना शुरू कर दिया था और अब तो आलम यह है की कोरोना के चलते कब क्या हो जाए यह कह पाना भी मुश्किल है। यह कोरोना का भय ही था जो आम आदमी के घरों से लेकर मंदिरों और मस्जिदों तक के दरवाजे बंद हो गए थे। लोगों के चेहरे नकाब से ढक गए और दिन में कईयों बार हाथों को साफ करने की आदत दैनिक दिनचर्या में शुमार हो गई। वर्तमान की बात करें तो भले ही दावा किया जा रहा है की जल्द ही वैक्सीन आम आदमी की पहुंच में होगी लेकिन जब तक कोई ठोस वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक आम आदमी को चेहरे पर मास्क लगाकर कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करना ही होगा। इसी शक्ति के बीच देश के हर राज्य और जिले में एक से बढ़कर एक अनूठे अभियानों के तहत लोगों को मास्क पहनने के लिए जागरूक किया जा रहा है इसी कड़ी में एक ऐसा भी नजारा देखने को मिला जहां मास्क ना पहनने पर ना केवल खुली जेल में बिठा कर रखा गया बल्कि कोरोना विषय पर पकड़े गए लोगों को निबंध लिखने की भी सजा सुनाई गई ।आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला
कहां का है मामला क्या है पूरी घटना
यह पूरा मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले से सामने आया है जहां बिना मां के शहर में घूमने वालों के खिलाफ पुलिस प्रशासन का अभियान ठंडा पड़ गया था।
लेकिन अचानक ही शनिवार से प्रशासन ने ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए रोको टोको अभियान को तेज कर दिया जिसके तहत शहर के अलग-अलग इलाकों में बिना मास्टर के घूम रहे लोगों को पकड़कर रूप से स्टेडियम स्थित अस्थाई जेल में बतौर सजा बंद किया गया
बिना मास्क के पकड़े जाने पर खुली जेल में बिठाकर लोगों से लिखवाया गया कोरोनावायरस पर निबंध
कोविड-19 के तहत ग्वालियर शहर में रोको टोको अभियान चलाया जा रहा जिसके चलते ग्वालियर के बाजारों में यदि कोई बिना मास्क के दिखाई देता है तो उसे रूप से स्टेडियम की अस्थाई खुली जेल में लाया जाता है बीते शनिवार को ऐसे ही 18 लोगों को खुली जेल में पहुंचाया गया और इनसे कोविड-19 पर निबंध भी लिखवाया गया।
जानिए अधिकतर लोगों ने क्या लिखा कोरोना के विषय में
बिना मास्क के पकड़े गए लोगों को जैसे ही अस्थाई जेल में बंद करते हुए उनसे कोरोना विषय पर निबंध लिखने को कहा गया वैसे ही पकड़े गए लोग प्रशासन की सजा को बेहद संजीदगी से लेने लगे इस दौरान अधिकांश लोगों ने अपने निबंध में लिखा कि कोरोना एक घातक बीमारी है उसने अपने जानकारी के हिसाब से निबंध में लिखा कि यह चीन से फैली हुई एक गंभीर महामारी है वही संक्रमण के विषय में लोगों ने लिखा कि उन्हें 2 गज की दूरी बनाए रखना चाहिए क्योंकि यदि लापरवाही की तो आपके साथ-साथ आपके स्वजन भी संक्रमण के कारण बीमार हो सकते हैं निबंध में कोरोना से बचाव के तरीके भी बताए गए साथ ही लोगों ने आगे से बिना मास्क के घर से नहीं निकलने का प्रण लिया।
एक गुस्साए युवक ने लिखा क्या उपचुनाव में नहीं था कोरोना
प्रशासन की सख्ती से जहां कुछ लोग सहमत थे तो वही कुछ लोगों को यह ज्यादती रास नहीं आई। ऐसे ही एक गुस्साए युवक ने अपने निबंध में लिखा कि बिना मात्र के घूमने पर मुझे पकड़कर खुली जेल में बंद कर दिया गया है कोरोना से बचने मास के जरूरी है लेकिन मेरा सवाल यह है कि जब प्रदेश में उपचुनाव था क्या तब कोरोनावायरस नहीं था जगह-जगह चुनावी सभाओं में भीड़ लग रही थी लोग बिना मास्क के के घूम रहे थे
लेकिन जैसे ही प्रदेश में उपचुनाव खत्म हुए तो अचानक कोरोनावायरस को लेकर सख्ती बरतने लगे मैं प्रधानमंत्री मोदी जी को बताना चाहता हूं कि सरकार व प्रशासन की इस दोहरी नीति से जनता काफी परेशान हो गई है हालांकि युवक ने अंत में अपने निबंध में लिखा कि मैं कोविड-19 के नियमों का सख्ती से पालन करूंगा।
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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
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