जंगलों में सक्रिय है शिकारी..
लेकिन वन विभाग की नहीं टूट रही नींद
झाड़ियों में छिपाकर रखा बम खाने से
मवेशी का जबड़ा फटा...
(आलेख तिवारी-निवास-मंडला)
जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए शिकारी अक्सर वन विभाग के अधिकारियों से ज्यादा चुस्त और तंदुरुस्त दिखाई देते हैं यही कारण है कि बेधड़क जंगलों में शिकार के लिए शिकारी जाल बिछा रहे हैं और वन विभाग अक्सर किसी बड़ी अप्रिय घटना होने के बाद ही अपनी नींद से जागता है। आज की खबर में हम ऐसे ही शिकारियों का जिक्र करेंगे जिनके फैलाए जाल में फस कर एक मवेशी काफी गंभीर रूप से घायल हो गया घटना की खबर लगते ही आसपास के चरवाहे मौके पर पहुंचे और उस मवेशी को प्राथमिक उपचार के लिए क्षेत्रीय पशु चिकित्सालय भेजा।
कहां की है घटना क्या है वारदात
घटना मध्यप्रदेश के मंडला जिले से हैं जहां पश्चिम वन मंडल निवास के अंतर्गत ग्राम जिल्हेटी से लगा हुआ वीट क्रमांक 660 मे कल शाम जंगल से चर कर लौट रही मवेसियों के झुण्ड मे से एक मवेशी ने झाड़ियों के बीच व जंगल के मुनारे से 30 मीटर की दूरी मे जंगली सूअर के शिकार करने के उद्देश्य से छिपाकर रखे गए। बम को निगलने की कोशिश की । उसी वक़्त वह बम मवेशी के जबड़े मे भयानक विस्फोटक के साथ फट गया।
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बम के फटने से सहम गए चरवाहे
जंगली सूअर के शिकार के लिये शिकारियों द्वारा झाड़ियों के बीच सुअर मार बम छिपाकर रखा गया था। वहीं झाड़ियों के पास चढ़ते हुए एक मवेशी ने उक्त बम को चबाने का प्रयास किया इस दौरान बम के फटने की घटना घटित हुई।
उक्त विस्फोट की आवाज सुनकर मवेशी चरवाहा भी सन्न रह गए। कुछ देर बाद चरवाहों ने नजदीक जाकर देखा तब उन्हें समझ में आया कि यह तो सुअर मार बम है । चरवाहों ने कुछ ही दुरी मे बकरी चरा रहे व्यक्ति के माध्यम से पशुमालिक को इस घटना की जानकारी दी। घटना की जानकरी सुनकर पशुमालिक भी घटना स्थल पर पहुंचा ओर अपने मवेशी को किसी तरीके से हकालते हुये घर ले आया।
पत्रकारों ने वन विभाग को घटना से कराया अवगत
जंगल में बम के विस्फोट होने की घटना घटित हुई लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वन विभाग का अमला इस पूरी घटना से अंजान रहा। दूसरे दिन सुबह उक्त घटना की जानकारी मिलते ही पत्रकार मौके पर पहुंचे व पहुंचने के बाद घटना की पूरी जानकारी वन विभाग निवास की टीम को दी । चूंकि मामला पत्रकारों तक पहुंच चुका था। लिहाजा
तत्काल ही अधिकारीयों द्वारा पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुये एक्शन लिया गया। घटना स्थल पर अपनी पूरी टीम के सांथ पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने पशु मालिक और ग्रामीणों से घटना की विस्तृत जानकारी ली।
वन विभाग की टीम ने घटनास्थल पर पहुंच कर साक्ष्य किए एकत्र..
वन विभाग के अधिकारियों द्वारा ग्रामीण जनों की उपस्थिति में घटनास्थल की विस्तृत छानबीन की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार वन विभाग के अधिकारियों को मौके पर घटना स्थल से कुछ ही दूरी पर ख़ून के निसानो के सांथ एक नायलोन का फटा हुआ थैला मिला । साथ ही जमीन पर भी कुछ ख़ून के निशान भी पाये गये। टीम द्वारा गहन छानबीन करने के पश्चात् मौक़े पर घटना स्थल का पंचनामा बनाकर घायल पशु का प्राथमिक उपचार भी कराया गया।
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बड़ा सवाल... आखिर कौन है इस पूरी घटना का जिम्मेदार..??
उक्त घटना का जिम्मेदार आखिर कौन है फिलहाल इस बात का पता नहीं चल पाया और न ही सूअर का शिकार करने वालों को वन विभाग की टीम बेनकाब कर पाई है। वही इस पूरी घटना में घायल हुये पशु का निचला जवडा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है जिसके कारण पशु घास पानी आदि नही खा पी सकेगा, जानकारों की माने तो पशु का बच पाना मुश्किल समझ आ रहा है। जिसकी हालत देखने से पता चलता है पशु की 2.या 3 दिन ही मृत्यु हो जाएगी।
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क्षेत्रीय सांसद प्रतिनिधि ने अधिकारियों को ठहराया घटना का जिम्मेदार
उन्होंने घटना की निंदा करते हुए कहा कि वन परिक्षेत्र में शिकारी कुछ ज्यादा ही सक्रिय हो चले हैं वहीं दूसरी ओर वन विभाग का अमला सिर्फ हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है आज शिकारी के बिछाए जाल में एक मवेशी फसा है कल को कोई इंसान फसे गा तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे शीघ्र अति शीघ्र मामले की जांच कर दोषियों को बेनकाब करें ताकि आगे होने वाली अप्रिय घटना पर लगाम लगाया जा सके।
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