रेलवे स्टेशन बना
हवाला कारोबारियों का अड्डा
जीआरपीएफ ने पकड़े
35 लाख 60 हजार...
(वाजिद खान-जबलपुर)
एक शहर से दूसरे शहर यात्रा करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माध्यम माना जाने वाला रेलवे अब हवाला कारोबारियों की पहली पसंद बनता जा रहा है आपको बता दें कि हवाला कारोबार से जुड़े हुए गुर्गे रोजाना ही करोड़ों रुपए का आदान प्रदान रेलवे की सुविधाओं के माध्यम से कर रहे हैं। रेलवे स्टेशन इन दोनों हवाला कारोबारियों का गढ़ बनता नजर आ रहा है बीते दो माह हुई ताबड़तोड़ कार्यवाही के दौरान अब तक करोड़ों रुपए के हवाला कारोबार का खुलासा हो चुका है। और तो और रंगे हाथों पैसे ले जाते हुए संदिग्धों को रेलवे प्लेटफार्म पर भी दबोचा जा चुका है। लेकिन पैसों की जब्ती और आरोपी के पकड़े जाने के बावजूद भी अब तक किसी भी बड़े हवाला कारोबारी का नाम उजागर ना हो पाना प्रशासन की लचर व्यवस्था की गवाही खुद-ब-खुद दे रहा है। और इन सब के बीच एक बार फिर से रेलवे प्लेटफार्म पर एक और संदिग्ध व्यक्ति पकड़ा गया है जिसके बैग की तलाशी लेने पर लाखों रुपए नगद बरामद किए गए हैं आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला
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कहां का है मामला..?? क्या है पूरी कहानी--??
मामला मध्यप्रदेश के संस्कारधानी कहलाने वाले जबलपुर शहर का है जहां बीती कार्यवाहीयों पर नजर डाली जाए तो यह कहना अतिशयोक्ति ना होगी की जबलपुर का रेलवे स्टेशन हवाला कारोबारियों का गढ़ बन चुका है जबलपुर शहर में आरपीएफ के बाद अब जीआरपीएफ ने एक यात्री से प्लेटफार्म पर लाखों रुपए बरामद किए हैं प्राप्त जानकारी के अनुसार जीआरपी ने जबलपुर मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 5 से युवक के पास रखे 35 लाख 60 हजार रु से भरा बैग बरामद किया है,युवक जबलपुर मिलोनीगंज का रहने वाला है और रु लेकर हावड़ा जा रहा था।
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मुखबिर की निशानदेही पर पुलिस को मिली सफलता
प्राप्त जानकारी के अनुसार जीआरपी पुलिस को मुखबिर द्वारा सूचना मिली थी कि एक युवक संदिग्ध हालात में प्लेटफार्म में घूम रहा है और हावड़ा जाने की फिराक में है सूचना पर तुरंत कार्यवाही करते हुए जीआरपी पुलिस का स्टाफ प्लेटफार्म नंबर पांच पर पहुंचा और संदिग्ध नजर आने वाले युवक को रोककर पूछताछ की गई पूछताछ में युवक ने अपना नाम वीरेंद्र चौबे बताया वहीं युवक की तलाशी लेने पर उसके बैग में ₹3560000 नगद प्राप्त किए गए। उक्त रकम को एक तकिए के खोल के बीच में छुपा कर रखा गया था। उपरोक्त रकम के विषय में युवक कुछ भी खास जानकारी नहीं दे पाया लिहाजा उसे जीआरपी थाने में लाया गया। प्रारंभिक पूछताछ में हुए खुलासे से यह जानकारी प्राप्त हुई है कि उपरोक्त रकम पोद्दार ज्वेलर्स के संचालक रमेश अग्रवाल की बताई जा रही है।
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रकम को पहुंचाने के पीछे कमीशन का खेल
जीआरपी पुलिस की पूछताछ में युवक ने बताया उसके द्वारा उक्त रकम को लेकर हावड़ा पहुंचाने का काम तय हुआ था । लाखों की रकम के लेनदेन का खुलासा करते हुए पकड़े गए संदिग्ध व्यक्ति ने बताया कि यह रकम पौद्दार ज्वेलर्स संचालक रमेश अग्रवाल के द्वारा दी गई थी और वो कमीशन में इन रु को ले जा रहा था। हालांकि जीआरपी की पूछताछ के दौरान पकड़े गए आरोपी वीरेंद्र चौबे के पास से रु का किसी भी तरह से हिसाब-किताब नही मिला है।
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इतनी बड़ी रकम का नहीं है कोई.. माई बाप..
संबंधित अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार संदिग्ध व्यक्ति से प्राप्त लाखों की रकम का कोई भी हिसाब किताब नहीं है और जिन रुपयों के लेन-देन का हिसाब किताब नहीं होता वे रुपए हवाला की श्रेणी में आते हैं यही कारण है कि इस रकम को भी हवाला के कारोबार से जोड़कर देखा जा रहा है वहीं पकड़े गए संदिग्ध के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही की जा रही है इसके साथ ही पुलिस अब उन सूत्रों को पता लगाने की कोशिश कर रही है जिनके पास हावड़ा में इन रुपयों की डिलीवरी देनी थी।
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सूचना पर पहुंची आयकर विभाग की टीम ने संभाला मोर्चा
जबलपुर की जीआरपी पुलिस ने रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर 5 से पकड़े गए संदिग्ध व्यक्ति वीरेंद्र चौबे और उससे प्राप्त 3560000 रुपयों की जानकारी आयकर विभाग को दे दी है सूचना पर पहुंची आयकर विभाग की टीम ने मोर्चा संभालते हुए पकड़ी गई रकम और संदिग्ध वीरेंद्र चौबे को अपनी हिरासत में लेते हुए पूछताछ शुरू कर दी है अब आगे की कार्यवाही आयकर विभाग के द्वारा ही की जाएगी।
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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
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