क्या.. आपका भी इनसे पड़ा है पाला..
रिश्वतखोरी की दीमक से
खोखला हो रहा।..
जबलपुर विकास प्राधिकरण...
सरकारी दफ्तरों में तो अक्सर यह नजारा देखा जाता है कि बिना चढ़ोत्तरी के यहां कोई भी काम करवा पाना नामुमकिन होता है। सरकारी गद्दी में बैठे ये अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर अक्सर लोगों को परेशान करने का काम करते है।पर क्या हो कि जब इनकी रिश्वतखोरी की हवस इतनी बढ़ जाये कि सामने वाले कि जान के लाले पड़ जाए।आइए जानते है ऐसे ही रिश्वतखोर अधिकारियों की कहानी पीढित की जुबानी...
जबलपुर विकास प्राधिकरण का कार्यालय बना रिश्वतखोरों का अड्डा..
जैसे कि एक बार यदि लकड़ी में दीमक लग जाए तो वह अंदर ही अंदर पूरी लकड़ी को खोखला कर देती है ठीक वैसे ही रिश्वतखोरी की लत यदि किसी अधिकारी को लग जाए तो धीरे-धीरे पूरा विभाग ही खोखला हो जाता है।
ऐसे ही कुछ हालात जबलपुर विकास प्राधिकरण के कार्यालय के है। जहां पर अधिकारियों को भ्रष्टाचार और घूसखोरी की ऐसी लत लग गई है। कि बिना नजराना लिए काम ही नहीं किया जा रहा। प्राधिकरण में काम करने वाले ठेकेदार इन अधिकारियों की आए दिन होने वाली डिमांड से सबसे ज्यादा प्रताड़ित है। भ्रष्टाचार की डिमांड पूरी ना होने पर इन ठेकेदारों के भुगतान रोक दिए जाते हैं... और उन्हें महीनों चप्पल घिसवाई जाती है।
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विभागीय ठेकेदार संजय चौकसे ने किया खुलासा
अधिकारियों की रिश्वतखोरी से जुड़ा यह सनसनीखेज मामला सोमवार की सुबह सामने आया। जहां प्राधिकरण में काम करने वाले एक अधिकृत ठेकेदार संजय चौकसे द्वारा अधिकारियों की डिमांड से तंग आकर यह पूरा खुलासा किया है। ठेकेदार संजय चौकसे ने जबलपुर विकास प्राधिकरण के 5 अधिकारियों पर भुगतान रोक दिए जाने एवं भुगतान करवाने के एवज में ₹5 लाख की घूस मांगने के सनसनीखेज आरोप लगाये है।
5 लाख की रिश्वत दो.. तब निकालेंगे बिल
पीड़ित ठेकेदार संजय चौकसे ने बताया कि उन्होंने जबलपुर विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले एक पार्क के सौंदर्यीकरण का पूरा काम किया है। पहले उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए कुछ बिल पास कर दिए गए लेकिन पच्चीस लाख रुपए का आखिरी बिल अधिकारियों ने भुगतान के लिए रोक दिया। जब इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों से बातचीत की तब प्राधिकरण के अधिकारियों ने उनसे पांच लाख की रिश्वत की मांग की और रिश्वत मिलने के बाद ही पच्चीस लाख रुपए के भुगतान करने की गारंटी दी । इस पर ठेकेदार संजय चौकसे ने बताया कि ऐसा करना उनके लिए संभव नहीं है। लेकिन अधिकारियों ने साफ कह दिया कि जब तक रिश्वत नहीं मिलेगी... तब तक उनके बकाया बिल का भुगतान नहीं करेंगे...
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पीड़ित ने मुख्यमंत्री राज्यपाल और कलेक्टर को लिखा पत्र
रिश्वतखोर अधिकारियों की बढ़ती हुई डिमांड और रोजाना की प्रताड़ना से तंग आकर परेशान ठेकेदार संजय चौकसे ने पहले तो प्राधिकरण के सभी वरिष्ठ अधिकारियों से काफी निवेदन किया लेकिन चोर चोर मौसेरे भाई की तर्ज पर पीड़ित ठेकेदार की कहीं सुनवाई नहीं हुई और ना ही उन्हें कोई भुगतान किया गया।
जब पानी सर से ऊपर जाने लगा तो पीड़ित ठेकेदार ने अधिकारियों से आर-पार की जंग का मन बना लिया और फिर मुख्यमंत्री राज्यपाल जबलपुर कलेक्टर और जबलपुर एसपी को एक पत्र लिख डाला जिसमें पीड़ित ने अपनी खराब आर्थिक हालत और मानसिक स्थिति का बयान किया है पत्र में उसने यह उल्लेख किया है की 25 लाख रुपये फंस जाने के कारण उसकी आर्थिक और मानसिक स्थिति काफी गड़बड़ हो चुकी है। सर पर कर्ज होने के कारण वह काफी परेशान है । और अगर उसे न्याय ना मिला तो वह पूरे परिवार के साथ आत्महत्या कर लेगा।
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हंगामा बढ़ते देख सामने आए सीईओ जांच कराकर जल्द भुगतान कराने का दिया आश्वासन
जबलपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की प्रताड़ना की खबर लगते ही कांग्रेस के पदाधिकारी जबलपुर विकास प्राधिकरण के कार्यालय के सामने जमा हो गए और उन्होंने अधिकारियों के भ्रष्टाचार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। हंगामा बढ़ता हुआ देखकर प्राधिकरण के सीईओ राजेंद्र राय सामने आए और उन्होंने प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस नेता अमरीश मिश्रा से उनकी मांगों संबंधी ज्ञापन लिया और उन्हें आश्वासन दिया कि इस मामले की जांच कराकर ठेकेदार का तुरंत भुगतान किया जाएगा।
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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
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