गौ केबिनेट की बैठक में बदलाव
गौ अभ्यारण की जगह मंत्रालय में होगी
वर्च्युअल बैठक...
गौ संरक्षण और गौ सेवा की दिशा में प्रभावशाली कदम उठाते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने एक शक्तिशाली गौ केबिनेट के गठन करने का संकल्प लिया है।
गायों को बचाने और उसे उपयोगी बनाने के लिए बनी 'गौ-कैबिनेट' कमेटी की पहली बैठक अब रविवार को भोपाल में ही वर्चुअल तरीके से होगी। आगर-मालवा के गौ-अभयारण्य में इसी दिन एक्सपर्ट की बैठक होगी, जिसमें सिर्फ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल होंगे। पहले कैबिनेट कमेटी की बैठक भी गौ-अभयारण्य में ही प्रस्तावित थी. लेकिन कैबिनेट कमेटी के सदस्यों के उनके क्षेत्रों में होने की वजह से कार्यक्रम बदल दिया गया। गत 18 नवंबर को मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके कहा था कि कैबिनेट कमेटी की बैठक अभयारण्य में होगी।
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बहरहारल, पहली गौ-केबिनेट कमेटी की बैठक में पशुपालन के साथ गायों की प्रदेश में स्थिति का ब्यौरा पेश किया जाएगा। कितनी गायें लावारिस हैं, दूध उत्पादन में मप्र की क्षमता क्या है, सभी गायों को संरक्षित करने के लिए कितनी गौशालाओं की जरूरत होगी, एनजीओ, सामाजिक संस्थाओं या औद्योगिक संगठनों की भागीदारी कैसे बढ़ाई जा सकती है, इन सब बिंदुओं पर प्रेजेंटेशन होगा। यह भी विचार होगा कि सरकारी गौशालाओं को कैसे निजी लोगों को दिया जा सके, ताकि उसका सही तरीके से संचालन हो सके। इसके बाद मुख्यमंत्री आगर-मालवा के सालरिया में गौ-अभयारण्य जाएंगे। यहां पशुपालन से जुड़े विश्वविद्यालयों के कुलपति, पशुपालन पर काम कर रहे देशभर के 14 प्रमुख एक्सपर्ट और कुछ लोगों के साथ बैठक रखी गई है, जिसमें मुख्यमंत्री शामिल होंगे। गौकैबिनेट के सदस्य बैठक में नहीं जाएंगे।
गौ-कर की कवायद भी तेज इस बीच प्रस्तावित 'काऊ सेस' (गौ-कर) के बारे में भी शासन स्तर पर कवायद तेज हो गई है। वित्त और वाणिज्यिककर विभाग से कहा गया है कि वह बताए कि किस वस्तु पर यह सेस लग सकता है। प्राथमिकता प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री और वाहनों के रजिस्ट्रेशन शुल्क पर होगी। राशि का आंकलन किया जा रहा है कि कितना सेस लगाया जाए। यह गौशालाओं और गायों के संरक्षण के लिए जरूरी बजट के आधार पर राशि तय होगी।
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गौरतलब हो कि को कैबिनेट के अध्यक्ष माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान है सदस्यों में गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा विजय शाह कमल पटेल डॉक्टर महेंद्र सिंह सिसोदिया और प्रेम सिंह पटेल शामिल है स्व सहायता समूहों को गौशालाओं के रखरखाव का जिम्मा दिया जा रहा है शासन ने शासकीय जमीन पर गौशालाओं को बनाने के संबंध में पॉलिसी पर भी काम शुरू कर दिया है कम से कम 1 एकड़ जमीन को पैमाना बनाया जा रहा है भूमि बाजार से कितनी राशि पर आवंटित करना है इस पर भी जल्द ही निर्णय आ जाएगा।
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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
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