अवैध आश्रम ज़मीदोज़,
विरोध करने पर हुई जेल
मध्यप्रदेश में एक बार फिर सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने की कार्यवाही से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो चली है। क्योंकि इस बार पीला पंजा जिस व्यकित की तथाकथित संपत्ति पर चला है। वह पिछले लंबे समय से अपने राजनीतिक संबंधों के लिए काफी चर्चा में रहा है। क्या भाजपा और क्या कांग्रेस इनके इशारे पर अच्छे-अच्छे राजनेताओं के पसीने छूट जाते हैं। लेकिन इस बार पांसा थोड़ा उल्टा पड़ चुका है । और अब ना तो रसूख काम आ रहा है और ना ही संबंध ।
आइए जानते हैं कि आखिर कौन है यह रसूखदार जिनकी संपत्ति पर चल रहा है सरकारी पीला पंजा...
कहां का है मामला क्या है घटना
इस पूरे मामले की पृष्ठभूमि राजनीतिक रसूख से ओतप्रोत नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा के साथ जुड़ी हुई है। प्रदेश सरकार में बड़े बड़े मंत्रियों को सीधे चुनौती दे डालने वाले कंप्यूटर बाबा रविवार की सुबह अपने ही आश्रम को ना बचा पाए और सरकारी पीले पंजे ने देखते ही देखते कंप्यूटर बाबा के जंबूडी हप्सी गांव में सरकारी जमीन में अवैध रूप से निर्मित आश्रम को धारा शाही कर दिया। गौरतलब हो कि इंदौर जिले के जम्मूडी हप्सी गांव स्थित गोमटगिरी मैं कंप्यूटर बाबा द्वारा 46 एकड़ की सरकारी जमीन पर कब्जा करते हुए अवैध रूप से एक भव्य आश्रम का निर्माण एवं संचालन किया जा रहा था। जिस पर कार्यवाही करते हुए इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशन में ADM अजय शर्मा सहित भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अवैध आश्रम को धरा शाही किया गया और जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया।
कार्यवाही के दौरान विवाद बढ़ने और विरोध की स्थिति बढ़ने पर बाबा समेत 7 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया गया है।
महीनों पहले भेजा गया था नोटिस लेकिन रसूख के चलते नहीं हुई थी कार्यवाही
आपको बता दें कि हातोद तहसील के जंबूडी हप्सी गांव की सरकारी जमीन क्रमांक 610/1 एवं 610/2 पर कंप्यूटर बाबा ने अवैध रूप से अतिक्रमण कर आश्रम बना रखा था। SDM शाश्वत शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि उपरोक्त विषय में आश्रम प्रबंधन को 2 महीने पहले ही नोटिस देकर उनसे जमीन खाली करने की बात लगातार कही जा रही थी। लेकिन बावजूद इसके आश्रम प्रबंधन ने ना तो कोई जवाब दिया और ना ही भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया जिसे लेकर रविवार की तड़के सुबह जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने का कार्य किया गया।
80 करोड़ की जमीन अतिक्रमण मुक्त अब बनेगी गौशाला
जानकारों की माने तो जिस भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण किया गया था ।उस भूमि की कीमत ₹80 करोड़ से भी अधिक बताई जा रही है। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि कंप्यूटर बाबा को पहले भी ₹2000 का अर्थदंड लगाते हुए शासकीय भूमि से बेदखल करने का आदेश पारित किया गया था। कंप्यूटर बाबा ने यहां आश्रम शेड और पक्के निर्माण कर लिए थे। शासकीय योजनाओं की बात करें तो वर्ष 2000 में जिला योजना समिति ने यह जमीन गौशाला निर्माण के लिए आरक्षित की थी जिला प्रशासन अतिक्रमण से मुक्त हुई इस भूमि को धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करेगा जिसे लेकर मास्टर प्लान पहले ही बनाया जा चुका है।
बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं कंप्यूटर बाबा
शासकीय भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर अतिक्रमण हटाने के दौरान बाबा और उनके अनुयायियों के विरोध को भागते हुए प्रशासन के साथ भारी पुलिस बल भी मौके पर पहुंचा था अतिक्रमण हटाने के दौरान बाबा ने कार्यवाही का विरोध किया तो पुलिस अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया और पुलिस अभिरक्षा में उन्हें और छह लोगों को सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। वहीं सूत्रों की मानें तो जिला प्रशासन को कंप्यूटर बाबा के खिलाफ कई शिकायतें प्राप्त हुई है जहां आश्रम की अवैध जमीन सुपर कॉरिडोर में वन क्षेत्र में अवैध कब्जा और एयरपोर्ट क्षेत्र के आसपास भी कई विवादित जमीनों में कब्जा किए जाना शामिल है। वहीं प्रशासन को कंप्यूटर बाबा से जुड़े अनेक बैंक अकाउंटो की जानकारी भी प्राप्त हुई है जिनमें असामान्य रूप से जमा की गई राशियों की विशेष जांच भी की जा रही है इसके साथ ही इस पूरे मामले में आयकर विभाग को भी शामिल किया गया है इन सब बातों को देखकर यही कहा जा सकता है कि आने वाले समय में कंप्यूटर बाबा के ऊपर काफी मुसीबतों का पहाड़ टूटने वाला है।
जानिए राजनीतिक गलियारों में क्यों चर्चित है कंप्यूटर बाबा
कमलनाथ सरकार से पूर्व में जब भाजपा की सरकार थी उस दौरान कंप्यूटर बाबा की नज़दीकियां भाजपा से कुछ ज्यादा ही थी जिसके चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान कंप्यूटर बाबा को मंत्री का दर्जा दिया था लेकिन चुनाव आए तो बाबा भी पलट गए और उन्होंने अपना रुख कांग्रेस के खेमे में कर लिया परिणाम स्वरूप 15 महीने तक चली कमलनाथ सरकार में उन्हें नर्मदा क्षिप्रा और मंदाकिनी नदियों के संरक्षण के लिए गठित न्यास का अध्यक्ष भी बनाया गया। हाल ही में बीते उपचुनाव के दौरान उन्होंने कांग्रेस पार्टी का खुलकर समर्थन किया। जिसके तहत उन्होंने लोकतंत्र बचाओ यात्रा निकाली जो मुख्य तौर पर 22 विधानसभाओं से होकर गुजरी इस यात्रा के दौरान कंप्यूटर बाबा ने कांग्रेस से भाजपा में दल बदल कर गए राजनेताओं को गद्दार बताते हुए उनका समर्थन ना करने की अपील भी की
लोकसभा के पिछले चुनाव के दौरान भोपाल सीट से कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के समर्थन में कंप्यूटर बाबा कई बड़े अनुष्ठान कर चुके हैं।
यहां आश्रम में चला बुलडोजर तो वहां दिग्विजय की ट्वीट वार शुरू..
कांग्रेस के कद्दावर नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह को जैसे ही कंप्यूटर बाबा के आश्रम में हुई कार्यवाही की जानकारी लगी वैसे ही उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया ट्विटर के जरिए जाहिर की दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि इंदौर में बदले की भावना से कंप्यूटर बाबा का आश्रम वा मंदिर बिना किसी नोटिस के तोड़ा जा रहा है यह राजनीतिक प्रतिशोध की चरम सीमा है मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।
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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
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