सार्वजनिक रूप से नहीं हो सकेगी छठ पूजा, दिल्ली हाईकोर्ट ने भी दी सहमति..
(नई दिल्ली-डेस्क)
एक तो कोरोनावायरस की मार ऊपर से प्रदूषण का बढ़ा हुआ स्तर यह दोनों स्थितियां ही संक्रमण के फैलने का सबसे बड़ा कारक बन रही है और ऐसे में त्योहारों का मौसम सोने पर सुहागे का काम कर रहा है। त्योहारों की आड़ में यदि सार्वजनिक रूप से भीड़ खट्टी होती है तो कोरोना संक्रमण के भारी दुष्परिणाम देखने को मिल सकते है। यही कारण है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने कोविड-19 के मद्देनजर दिल्ली सरकार द्वारा सार्वजनिक स्थलों तालाबों, नदी तटों और अन्य स्थलों पर छठ पूजा के आयोजन पर लगाए गए प्रतिबंध में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
दिल्ली सरकार के फैसले के खिलाफ लगी थी जनहित याचिका
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएम) के अध्यक्ष द्वारा जारी प्रतिबंध के आदेश के बाद एक याचिकाकर्ता द्वारा दिल्ली सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका लगाई गई थी जिसमें यह पक्ष रखा गया था कि लोगों को उनकी आस्था के अनुरूप सार्वजनिक तौर पर त्योहार मनाने और खास तौर पर छठ पूजा किए जाने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। लेकिन हालातों के मद्देनजर उपरोक्त याचिका को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। डीडीएमए ने अपने आदेश में कहा था कि 20 नवंबर को छठ पूजा के लिए सार्वजनिक स्थलों पर कोई भीड़ जुटने की अनुमति नहीं होगी।
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याचिका हुई खारिज,ये रहा फैसला..
न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद वाली एक पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पूजा के लिए लोगों को जमा होने की अनुमति देने से संक्रमण का प्रसार हो सकता है। यह कहते हुए पीठ ने याचिका खारिज कर दी। पीठ ने कहा कि मौजूदा समय में इस तरह की याचिका जमीनी सच्चाई से परे है।
एक बार फिर से शुरू हुई आस्था की राजनीति
कोरोना महामारी के चलते छठ पर्व को लेकर 'आस्था की राजनीति' गरमा रही है। दिल्ली, महाराष्ट्र और ओडिशा में सार्वजनिक स्थलों पर पूजा करने पर रोक है। इसे लेकर राजनीतिक पैंतरेबाजी भी शुरू हो गई है। दिल्ली और महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं ने वहां की प्रदेश सराकरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जबकि, दिल्ली में तो हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के निर्णय को सही ठहराते हुए सार्वजनिक स्थलों पर पूजा की अनुमति देने से मना कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जिंदा रहेंगे तो कोई पर्व कभी भी मना सकेंगे। पर भाजपा सांसद रवि किशन ने पूजा पर रोक को दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचल और बिहार के लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाने वाला बताया। दूसरी ओर, भाजपा या एनडीए शासित राज्यों में वहां की सरकारें आंशिक प्रतिबंधों के साथ लोगों से घर पर ही छठ मनाने की अपील कर रही हैं।
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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
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