अधिकारी पेड़ काटने पहुंचे तो..
पेड़ों को बचाने अर्धनग्न अवस्था में..
पेड़ों से चिपक गया यह शख्स..
(अमित श्रीवास्तव-सिवनी)
सन 1970 के दशक में चला चिपको आंदोलन तो आपको याद ही होगा जहां पेड़ों की कटाई के विरोध में सैकड़ों लोग पेड़ों से चिपक कर खड़े हो गए थे। और पेड़ों की कटाई को रोका गया था ।आखिरकार पेड़ों की कटाई करने वालों को झुकना पड़ा यह आंदोलन इतना कारगर था की भारत में 1980 का वन संरक्षण अधिनियम और यहां तक कि केंद्र सरकार में पर्यावरण मंत्रालय का गठन भी इसी आंदोलन की देन है। 1970 के दशक का वही नजारा 2020 में भी देखने को मिला। जहां एक प्रकृति प्रेमी शख्स ने अर्धनग्न अवस्था में पेड़ से चिपक कर उसके काटे जाने का विरोध किया। व्यक्ति लगातार 3 घंटों तक पेड़ से चिपक कर खड़ा रहा और इस दौरान कई आला अधिकारी व्यक्ति को पेड़ के पास से हट जाने का निवेदन करते रहे। लेकिन इस प्रकृति प्रेमी व्यक्ति ने किसी की एक न सुनी और पेड़ को ना काटे जाने की जिद पकड़े रहा आइए जानते हैं क्या है मामला और कौन है यह प्रकृति प्रेमी इंसान...
आगे पढ़ें :- *रंगदारी टेक्स न देने पर* *बदमाशों ने मारी* *ऑटो चालक को चाकू*
कहां का है मामला कौन है यह प्रकृति प्रेमी इंसान
मामला मध्य प्रदेश के सिवनी जिले से हैं जहां पर लखनादौन नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले रघुनाथ कॉलोनी में रहने वाला गोविंद दीक्षित पेशे से तो किराना व्यवसाई है। लेकिन प्रकृति के प्रति उसका अगाध प्रेम आज उसकी एक और ही पहचान बन चुका है। कुछ लोग भले ही गोविंद की हरकतों पर ठाहाके लगा कर हंस सकते हैं या कुछ लोग उसे मानसिक रूप से विक्षिप्त भी कह सकते हैं। लेकिन यह उसका पर्यावरण और प्रकृति से अगाध प्रेम ही था कि जैसे ही उसे एक पुराने वृक्ष के काटे जाने की खबर मिली वह पहले तो उस वृक्ष को बचाने के लिए लोगों से गुहार करता रहा लेकिन जब बात ना बनी तो अर्धनग्न होकर घंटों काटे जाने वाले पेड़ से चिपका रहा और अपने स्तर पर पेड़ों को बचाने का हर संभव प्रयास करता रहा।
यहां विस्तार से समझिये पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर पंचायत लखनादौन के द्वारा शॉपिंग कांप्लेक्स के निर्माण के दौरान वहां पर लगे हुए विशालकाय वृक्षों को परिषद के द्वारा काटे जाने का काम किया जा रहा है। इस बात की भनक जैसे ही किराना व्यवसाई गोविंद दीक्षित को लगी तो उसने पर्यावरण को बचाने के लिए पहले तो मौके पर खड़े अधिकारियों और कर्मचारियों से पेड़ को ना काटे जाने की गुहार लगाई लेकिन नगर पंचायत के कर्मचारी जब नहीं माने तो गोविंद ने मजबूरन अर्धनग्न होकर पेड़ से चिपक कर पर्यावरण की रक्षा करने का व्रत ठान लिया।
लगातार तीन घंटों से अर्धनग्न होकर पेड़ों से चिपका है गोविंद
आपको बता दें कि पहले तो गोविंद ने पंचायत के अधिकारियों और कर्मचारियों को काफी निवेदन किया कि वह पेड़ों की कटाई ना करें लेकिन जब उसकी इन बातों पर किसी ने ध्यान नहीं दिया तो मजबूरन पेड़ों को बचाने के लिए वह अर्धनग्न होकर पेड़ों से चिपक गया प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो 3 घंटो तक यह युवक पेड़ से सटा हुआ खड़ा रहा। जिसे मनाने के लिए नगर पंचायत की टीम तो आई किंतु युवक का यह कहना है कि पेड़ों की रक्षा की जानी चाहिए । वह हमारे मानव जीवन का मूल आधार है। शॉपिंग कांप्लेक्स का निर्माण हो इससे कोई आपत्ति नहीं है किंतु निर्माण की आड़ में प्रकृति से खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए।
*बीरबल की खिचड़ी हो गया..* *छपारा-आदेगांव का निर्माणाधीन पुल..* *जानिए कब बनकर होगा तैयार..??*
नायब तहसीलदार के आश्वासन पर गोविंद ने तोड़ा अनशन
प्रकृति प्रेमी गोविंद को समझाने के लिए अधिकारियों की पूरी फौज मौके पर पहुंच गई लेकिन गोविंद के दिए गए तर्क इतने महत्वपूर्ण थे कि अधिकारियों को भी घंटों मशक्कत करनी पड़ी लेकिन फिर भी गोविंद अपनी बातों पर आ रहा आपको बता दें कि नगर परिषद के द्वारा शहर में 75 शटर के शॉपिंग काम्प्लेक्स के निर्माण हेतु सड़क के किनारे लगे बड़े पेड़ो को काटा जा है । 3 से 4 घंटे तक चली गहरी बातचीत के बाद मौके पर पहुंची नायब तहसीलदार पूजा राय ने गोविंद को आश्वस्त कराया कि उक्त सन्दर्भ में विचार किया जाएगा और पर्यावरण की रक्षा के लिए पूरा प्रयास किया जावेगा। फिलहाल यह शहर विकास का कार्य है जिसमें गोविंद को अड़चन डालने के बजाय सहयोग करना चाहिए नायब तहसीलदार की बातों को मानते हुए गोविंद ने अपना अनशन तोड़ा।
नोट-विकास की कलम अपने पाठकों से अनुरोध करती है कि आप अपने सुझाव हम तक जरूर भेजें..
ताकि आने वाले समय मे हम आपकी मदद से और भी बेहतर कार्य कर सकें। साथ ही यदि आपको लेख अच्छा लगे तो इसे ओरों तक भी पहुंचाए।
विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
If you want to give any suggestion related to this blog, then you must send your suggestion.