हुक्का पानी बंद करना यानी सामाजिक बहिष्कार करना खाप पंचायत में या अक्सर हरियाणा राजस्थान में सुना जाता था। पर यह कुपर्था ना केवल इन प्रदेशों में वरन भारत के सभी राज्य में विद्यावान है। हम आपको बता दें की देश के कई प्रदेशों में सामाजिक बहिस्कार करना अपराध की श्रेणी में आता है जिसमे इस कानून के तहत अगर किसी ज़िला अधिकारी को सामाजिक बहिष्कार से जुड़े किसी काम की जानकारी मिलती है तो वह उसे आदेश देकर तुरंत रोक सकता है।
*यूपी में बड़ा हादसा:* *पीलीभीत में बस और पिकअप वैन में भीषण टक्कर* *8 की मौत और 32 घायल*
क़ानून तोड़ने वाले को तीन साल की सज़ा या एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है, या फिर दोनों भी। क़ानून सिर्फ एक व्यक्ति ने तोड़ा हो या किसी समूह ने सज़ा एक बराबर ही दी जाएगी। सामाजिक बहिष्कार का अपराध जमानती है। जल्दी न्याय मिल सके इसके लिए यह निर्धारित किया गया है कि चार्जशीट दाखिल करने की तारीख से छह महीने की अवधि के भीतर परीक्षण पूरा करना होगा।
*देश की जागरूक जनता के सहयोग से* *भारत में लग रही कोरोना पर लगाम* *एक्टिव केस अब 8 लाख से कम*
ताजा मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर से सामने आया है जहाँ पुश्तैनी जमीन के किसी विवाद को लेकर कांग्रेस नेता और कुरैशी समाज के अध्यक्ष अमीन कुरैशी ने एक परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया है अब वह परिवार जन सामाजिक बहिष्कार की प्रताड़ना को झेल रहे है पीड़ित परिवार का आरोप है की पुलिस इस मामले में कुछ न करते हुए चुप्पी सादे बैठी है जबकि वह लोग पुलिस के सभी आला अधिकारीयों से गुहार लगा चुके है।
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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
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