सोशल मीडिया के जरिये करते थे..
वन्य प्राणियों के अंगों की तस्करी..
पुलिस ने किया गिरोह का पर्दाफाश..
वन्य प्राणियों के अंगों की तस्करी करने के लिए तस्कर गिरोह एक से बढ़कर एक नया तरीके अपनाते हैं । लेकिन इस बार सोशल मीडिया का प्रयोग करते हुए इन तस्करों ने अपने इस गोरखधंधे को नया प्लेटफार्म दिया है। जहां बकायदा कोडिंग के जरिए यह अपने ग्राहकों तक तस्कर किए जाने वाले वन्य प्राणियों के अंगों की जानकारी पहुंचाते थे। लेकिन पुलिस की सतर्कता के चलते इस बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। जहां तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर। पुलिस इनके सरगना तक पहुंचने का काम कर रही है।
कहां का है मामला कैसे चढ़े पुलिस के हत्थे
मामला मध्यप्रदेश के उज्जैन और शिवपुरी क्षेत्र से सामने आया है। वन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वन्य प्राणियों के अंगों की तस्करी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए स्पेशल टास्क स्ट्राइक फोर्स (वन्य प्राणी) एवं टाइगर स्ट्राइक फोर्स की इंदौर आवर सागर ब्रांच के द्वारा उज्जैन, शिवपुरी में कार्यवाही करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 2 किलो 700 ग्राम पैंगोलिन स्केलस साथ ही हाथी दांत के आभूषण जब्त कर प्रकरण दर्ज किया गया है।
यू ट्यूब प्लेटफार्म के जरिये गिरोह करता था... कारोबार...
वन्य प्राणियों के अंगों की तस्करी करने वाले बड़े गिरोह का भांडा फोड़ हुआ है। वन विभाग द्वारा जानकारी देते हुए यह स्पष्ट किया गया कि वन्य प्राणियों की तस्करी करने वाला यह शातिर गिरोह उनके अंगों की तस्करी करने के लिए सोशल मीडिया के यूट्यूब का इस्तेमाल किया करता था।अपने कोडिंग वाले वीडियो के जरिये यह गिरोह वन्य प्राणियों के अंगों की जानकारी प्रदेश एवं बाहरी क्षेत्रों से जुड़े कस्टमरों तक पहुंचाया करता था।स्पेशल टास्क फोर्स (वन्य प्राणी) के अंतर्गत गठित की गई फारेस्ट और साइबर सेल टीम की संयुक्त कार्यवाही के दौरान प्तचल की कैसे ये लोग तस्करी के लिए वीडियो बनाकर अपलोड किया करते थे।
यूट्यूब को भी भेजा गया नोटिस..
गिरोह के जरिये दिए जाने वाले लालच और अंधविश्वास में फंसे लोग अकसर भ्रमित होकर इनका शिकार बना करते थे आवर जाने अनजाने में इस अप्रदः का हिस्सा बन रहे थे।दिन प्रतिदिन इन वीडियो से संपर्क करने वाले लोगों की संख्या काफी बढ़ती जा रही थी। इस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए, यू ट्यूब के भारत एवं अमेरिका मुख्यालय को नोटिस जारी करते हुए उन्हें इस आपराधिक कृत्य के संबंध में उचित कार्यवाही करने की मांग की गई है। साथ ही यूट्यूब पर समय रहते कार्यवाही न किये जाने पर उन्हें एक प्रकरण के तहत आरोपी भी बनाया गया है।
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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
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