आखिरकार कब तक सहती शबीना..
उठाया बेसबॉल का डंडा और पति को पहुंचा दिया... यमपुरी...
महिला अत्याचारों और यौन उत्पीड़न के खिलाफ महिलाओं ने खुद आवाज उठाना शुरू कर दिया है। वह दिन गए... जब चुपचाप महिला अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों को सहती थी। और ता जिंदगी मार पिटाई को ही अपना भाग्य समझती थी बल्कि आज की महिला ना सिर्फ आवाज उठाना जान गई है बल्कि अपने ही अंदाज में शोषण करने वाले को सबक सिखाना भी सीख गई है। ऐसी ही एक घटना का जिक्र आज हम करेंगे जहां लंबे समय से पति के अत्याचारों को सहते सहते ...एक दिन पत्नी के सब्र का बांध टूट गया और उसने कानून को अपने हाथ में लेते हुए अपने ही पति को यमपुरी (मौत के घाट पहुंचा दिया।
कहां का है मामला...??
क्या है पूरी वारदात...???
पति के अत्याचारों के खिलाफ पत्नी के एक्शन की खबर मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले से हैं जहां पर हनुमान ताल थाना अंतर्गत आने वाले क्षेत्र ठक्कर ग्राम में पत्नी ने अपने ही पति को बेसबॉल के डंडे से पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया घटना की सूचना लगने पर निकटवर्ती थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव पंचनामा कार्यवाही करते हुए पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया मामले की पड़ताल पर जब पत्नी से बातचीत की गई। तो पत्नी ने अपना जुर्म कबूल कर पति की हत्या किया जाना स्वीकार किया।
पुलिस को बताई पूरी कहानी कैसे दिया वारदात को अंजाम
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार थक्करग्राम में रहने वाले कसीमुद्दीन का एक अन्य महिला से अफेयर था। जिसकी जानकारी पत्नी शबीना को भी थी। लेकिन पति के खौफ के चलते वह सब कुछ सह रही थी। शनिवार - रविवार की दरमियानी रात पति पत्नी में अवैध संबंधों को लेकर विवाद हो गया। इस दौरान कसीमुद्दीन ने शबीना के साथ मारपीट कर दी। इसके बाद जवाबी हमले में शबीना ने बेसबॉल के डंडे से उसके सिर और गर्दन पर वार किए जिसमें उसे गहरी चोट पहुंची और कुछ समय बाद उसकी सांसें थम गईं।
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शबीना ने पुलिस को किया गुमराह...
लेकिन बाद में किया इकबाले-जुर्म..
पुलिस पूछताछ के शुरुआती दौर में घबराई हुई शबीना ने अपनी मनगढ़ंत कहानी के जरिए पुलिस की जांच को काफी गुमराह किया लेकिन मौका ए वारदात पर मिले साक्ष्य शबीना की बताई कहानी से मेल नहीं खा रहे थे ।
लिहाजा पुलिस ने अपने सख्त लहजे में शबीना से दोबारा पूछताछ की और शबीना ने सारा सच बयान किया।पुलिस को गुमराह करने के लिए शबीना ने कहानी बनाई की रात को अंधेरे में सीढ़ियों से उतरते वक़्त गिर गया था। जिसके कारण उसे चोट लगी थी। बहरहाल शबीना ने कसीमुद्दीन के अत्याचार से तो मुक्ति तो पा ली । लेकिन कानून के शिकंजे ने उसे जकड़ लिया।कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब का प्रस्ताव विधान-सभा नया अध्यादेश ला MSP शामिल करने की मांग*
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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
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