शौचालय में कारावास..
एक साल से कैद थी पीड़िता..
पति ने शौचालय में किया था कैद...
हम लाख ही नारी सशक्तिकरण के बड़े-बड़े दावे कर ले लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर है यही कारण है कि कहीं पर दबी कूची जुबान से तो कहीं पर खुलेआम महिलाओं का शोषण (अत्ययाचार) हो रहा है सुबह के अखबार का पहला पन्ना खोलते ही एक न एक खबर महिलाओं पर होने वाले अत्याचार से जुड़ी होती है जिसमें अक्सर महिलाओं पर होने वाले अत्याचार की कहानी सुनने और पढ़ने मिल ही जाती है ऐसी ही एक कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिसमें बीते डेढ़ साल से एक महिला को उसी के पति ने शौचालय में कारावास देते हुए।महिला को कैद करके रखा था ।लेकिन एक जिम्मेदार महिला अधिकारी के प्रयासों के चलते पीड़िता को आखिरकार कैद से मुक्ति मिली।
1 साल तक पत्नी को शौचालय में किया कैद
मामला सुनने में जितना रोचक है हकीकत में उतना ही दर्दनाक और घिनौना भी है। यह पूरा मामला देश की राजधानी दिल्ली के नजदीक हरियाणा के पानीपत क्षेत्र का है। जहां ऋषि पुर गांव में एक सिरफिरे शख्स ने अपनी ही पत्नी को बीते 1 साल से भी ज्यादा समय से घर के शौचालय में कैद करके रखा था। इस महिला पर हुए अत्याचार का अंदाजा आप सिर्फ इस बात से लगा ले कि जिस जगह पर आप कुछ मिनटों से ज्यादा नहीं बैठ पाएंगे उस जगह पर महिला को बीते 1 साल से कैद करके रखा गया था।
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महिला अधिकारी की जागरूकता के चलते पीड़िता को मिली जेल से मुक्ति
पीड़िता पर हो रहे अत्याचार की खबर मिलते ही महिला सुरक्षा और बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने अपनी टीम के साथ पीड़िता के घर पर दबिश दी और उसे कैद से मुक्ति दिलाई। पत्रकारों से चर्चा के दौरान महिला अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि उन्हें कुछ गांव वालों से इस बात की जानकारी मिली थी कि उक्त महिला को शौचालय में बंद करके रखा गया है । जिसके बाद अविलंब कार्रवाई करते हुए बुधवार को महिला को बचाया गया.
"मुझे जानकारी मिली थी कि एक महिला एक साल से अधिक समय से शौचालय में बंद है. मैं अपनी टीम के साथ वहां पहुंची. जब हम वहां पहुंचे, तो हमने पाया कि यह सच था. ऐसा लगता है कि महिला ने कई दिनों से कुछ नहीं खाया था. वो बेहद कमजोर थी."(रजनी गुप्ता)
दोषी पति महिला को बता रहा मानसिक रूप से विक्षिप्त
आला अधिकारियों की टीम पहुंचते ही दोषी पति की करतूत सबके सामने आ गई। इस पूरे मामले को बिगड़ते देख पति नरेश ने खुद को बेकसूर बताते हुए अपनी पत्नी को मानसिक रूप से विक्षिप्त बताया है।महिला के ऊल जलूल हरकत करने के कारण ही उसे बंद करके रखा गया था। उसने यह भी बताया कि कई बार महिला को बाहर बैठने के लिए कहा गया लेकिन वह जानबूझकर शौचालय के अंदर जाकर बैठ जाती थी उसे कई बार डॉक्टरों के यहां भी ले जाने का प्रयास किया गया लेकिन महिला डॉक्टर के पास जाने से भी मना करती रही।
वहीं इस पूरे मामले में महिला अधिकारी ने कहा कि दोषी पति द्वारा पीड़ित महिला मानसिक रूप से बीमार बताया जाना सच नहीं लगता है। हमने उससे बात की, जिससे यह स्पष्ट था कि वह मानसिक रूप से अस्थिर नहीं है. हम इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि वह मानसिक रूप से बीमार है या नहीं, लेकिन वह शौचालय के अंदर बंद थी. हमने उसे बचाया और उसके बाल धोए. हमने पुलिस में शिकायत भी दर्ज की है।अब पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी। बहरहाल पति अभी तक महिला के मानसिक रूप से विक्षिप्त होने के कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया है।
पुलिस ने दर्ज किया मामला अब पति से हो रही है पूछताछ
पानीपत के सनोली पुलिस थाने के प्रभारी सुरेंद्र दहिया ने बताया, ‘महिला को शौचालय में बंद करके रखा गया था। जब इसकी वजह के बारे में पति नरेश कुमार से पूछा गया तो उसने दावा किया कि महिला को गत तीन साल से मानसिक स्वास्थ्य की समस्या है। बहरहाल नरेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही उसके के खिलाफ पत्नी से क्रूरता करने और अवैध रूप से बंद कर रखने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा-498 ए और 342 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। हरियाणा राज्य महिला आयोग की टीम ने बुधवार को पानीपत जाकर महिला का हालचाल जाना। थाना प्रभारी ने बताया कि दंपति की कई साल पहले शादी हुई थी और दोनों के तीन बच्चे हैं जिनमें से दो बेटियां हैं।
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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार