सिंधिया की सभा में
किसान की मौत
सभा थी इतनी जरूरी की
दब गया मौत का मातम
किसानों के नाम पर वोट मांगने वाले किसानों को लेकर कितने संवेदनशील हैं इस बात का अंदाजा सिर्फ इससे लगाइए की एक चुनावी सभा में एक किसान की मौत हो जाती है लेकिन उसकी मौत का मातम चुनावी सभा के शोरगुल में दब कर रह जाता यह बात और है कि उसे श्रद्धांजलि देने 1 मिनट का मौन रखा जाता है लेकिन फिर उसी मंच से किसानों के हमदर्द बनने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। यही तो चुनाव का जादू है जनाब जहां सिर्फ बातें होती हैं लेकिन कभी कबार ऐसी घटनाएं भी हो जाती है जो राजनेताओं के चेहरे से नकाब उतार जाते हैं आज हम एक ऐसी ही घटना अपने पाठकों के सामने रखने जा रहे हैं।
सिंधिया की सभा में हुई किसान की मौत
उप चुनाव सर पर हैं और दोनों ही पार्टियां अपने आप को जनता का हितैषी साबित करने के लिए विधानसभा में आम सभा कर जनता से रूबरू हो रहे हैं इसी कड़ी में चुनाव प्रचार के दौरान खंडवा जिले में मांधाता विधानसभा सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की आम सभा आयोजित की गई । जिसमें एक किसान की मौत हो गई। सभा के शुरू होने से पूर्व ही किसान की मौत हो चुकी थी मानवता के लहजे से किसान को श्रद्धांजलि के तौर पर आम सभा को रद्द किया जाना था लेकिन तयशुदा कार्यक्रम के तहत सिंधिया मंच पर आए 1 मिनट का श्रद्धांजलि मौन हुआ और फिर मंच से फर्राटे दार भाषण की बारिश हो गई चारों ओर नेताजी के जय घोष और तालियों की गड़गड़ाहट गूंजने लगी और इन सब के बीच किसान की मौत का मातम दबकर रह गया
कौन था किसान.... कैसे हुई मौत..??
मरने वाले किसान का नाम जीवन सिंह उम्र 70 साल बताई गई है। बताया गया है कि किसान जीवन सिंह चांदपुर के रहने वाले थे। वह ज्योतिरादित्य सिंधिया को सुनने के लिए आए थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंच पर पहुंचने से पहले ही कुर्सी पर बैठे-बैठे उनकी मृत्यु हो गई। माना जा रहा है कि उन्हें हार्ट अटैक आया होगा। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनके लिए 1 मिनट का मौन धारण किया और फिर अपना भाषण शुरू कर दिया। भाषण में उन्होंने फिर दोहराया कि अन्नदाता की सेवा करना सिंधिया परिवार की परंपरा है।
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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
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