आरोग्य सेतु एप को लेकर बड़ा खुलासा,
जिसे जानकर आप भी चकरा जाएंगे..
कोरोना काल के दौरान यदि मास्क और सेनेटाइजेशन के बाद सबसे ज्यादा अहमयित किसी को मिली थी तो वह है आरोग्य सेतु ऐप...सरकारी संस्थाओं द्वारा पूरे जोरो शोर के साथ इस ऐप को प्राथमिकता से डाउनलोड कराने की कवायत भी की गई। इस एप की महत्वता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। कि देश के प्रधान मंत्री तक खुद इस ऐप को डाउनलोड करने की अपील जनता से कर रहे है। इस ऐप के बिना बस ,मैट्रो और हवाई यात्रा तक करना नामुमकिन हो चुका है।लेकिन अब इस ऐप को लेकर जो खुलासा हुआ है वह काफी चिंतनीय है। प्राप्त जानकारी के अनुसार तमाम सरकारी वेबसाइटों को डिजाइन करने वाली संस्था नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) को खुद ही नहीं पता कि इस एप को आखिर किसने बनाया है।जिसे लेकर चीफ इन्फॉर्मेशन कमिशन ने फटकार लगाते हुए तमाम पब्लिक इन्फॉर्मेशन ऑफिसरों (CPIOs)को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।
कैसे हुआ इस ऐप को लेकर खुलासा
आरोग्य सेतु एप को लेकर हुआ यह बड़ा खुलासा एक RTI के जरिए हुआ है। जिसमें याचिकाकर्ता सौरभ दास द्वारा आरोग्य सेतु एप के निर्माण के विषय में जानकारी मांगी गई थी। इस विषय को लेकर उन्होंने चीफ इनफॉरमेशन कमिशन (CIC) में शिकायत भी दर्ज कराई थी। दास ने ऐप के शुरुआती प्रस्ताव मिली मंजूरी की डिटेल्स, साथ ही इस काम में मौजूदा कंपनियों और सरकारी मंत्रालयों की सहभागिता के विषय में सूचना मांगी थी। याचिका में एप डेवलपमेंट से जुड़े लोगों के मध्य हुए सूचनाओं के आदान-प्रदान की प्रतियां भी मांगी गई थी। शुरुआती तौर पर उनकी याचिका को महीनों तक अलग-अलग सरकारी मंत्रालयों के बीच घुमाया गया। याचिका पर एनआईसी(NIC) ने स्पष्ट रूप से कह दिया कि इस ऐप के क्रिएशन से जुड़ी पूरी फाइल सेंटर के पास नहीं है।वहीं आईटी मंत्रालय ने इस आरटीआई को नेशनल ई गवर्नेंस डिविजन को प्रेषित कर दिया । जहां से जवाब आया कि जो सूचना मांगी गई है वह उनके विभाग से जुड़ी हुई ही नहीं है।
जब ऐप की जानकारी नहीं है पास..
तो फिर ऐप में एनआईसी का नाम क्यों..?
सेंट्रल इनफॉरमेशन कमिशन(CIC) ने याचिकाकर्ता के तथ्यों को आधार बनाकर नेशनल इनफॉर्मेटिक सेंटर (NIC) से बातचीत के दौरान पूछा कि यदि आरोग्य सेतु एप के वेबसाइट पर उनका नाम है तो फिर उनके पास आपके डेवलपमेंट को लेकर मांगी गई जानकारियां क्यों नहीं है इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमीशन ने करोड़ों लोगों द्वारा उपयोग की जाने वाली इस कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग ऐप को लेकर दायर की गई RTI का स्पष्ट जवाब ना देने पर संबंधित विभागों को फटकार भी लगाई है।
वहीं इस पूरे मामले में हंगामा मस्ती देख सरकार ने इस मसले पर अपनी सफाई भी दी है। केंद्र सरकार के अनुसार आरोग्य सेतु एप भारत सरकार का एक प्रोडक्ट है। जिसे इंडस्ट्री के बेस्ट माइंस और शिक्षाविदों के साथ सहयोग के जरिए बनाया गया है।
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सूचना निकाय ने सरकार के जवाब पर जारी किया नोटिस
इस पूरे मामले को लेकर सूचना निकाय ने सरकार के द्वारा दिए गए गोलमोल जवाब पर एक नोटिस भी जारी किया है। इस नोटिस के दौरान आयोग ने यह स्पष्ट किया है की, अधिकारियों द्वारा सूचना देने से इनकार किए जाने को स्वीकार नहीं किया जाएगा । आपको बता दें कि इस पूरे मसले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता सौरव दास ने सूचना आयोग के पास एक लिखित शिकायत दी थी कि, ऐपके डेवलपमेंट को लेकर कई विभाग स्पष्ट सूचना देने में असफल रहे हैं सूचना आयोग ने भी संबंधित इकाइयों कोका रोड कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए यह पूछा है की आंखें सूचना देने में रुकावट पैदा करने और आरटीआई आवेदन पर गोलमोल जवाब देने के इल्जाम में उन पर एक्शन क्यों ना लिया जाए।
राहुल गांधी ने सबसे पहले लगाए थे एप को लेकर आरोप
भले ही इस ऐप को लेकर यह खुलासा अभी हुआ है लेकिन इस बात की भनक विपक्ष को शायद पहले ही लग चुकी थी तभी तो इस कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग ऐप को लेकर विपक्ष में बैठे राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला था कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोग्य सेतु एप को लोगों पर नजर रखने वाला एक सिस्टम करार दिया था। जिसे किसी प्राइवेट ऑपरेटर से लिया गया बताया जा रहा था लेकिन मोदी सरकार ने राहुल गांधी के सारे आरोपों को सिरे से खारिज किया था।
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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
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