सियासी दांवपेंच में रुकी..
एमपी की ऑक्सीजन..
जानिए कौन छीन रहा है...??
प्रदेश वासियों की सांसें..
महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार एक के बाद एक विवादों में फंसती जा रही है। सुशांत का मामला हो या फिर कंगना के दफ्तर ....इन सभी मामलों में उद्धव सरकार काफी विवादों में है। लेकिन इन सबके बीच महाराष्ट्र सरकार ने जो नया फैसला लिया है । वो अब उनकी साख पर काफी प्रभाव डाल सकता है। दरअसल
महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार ने बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच मध्यप्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई पर रोक लगा दी है। बात थोड़ी अटपटी जरूर है ...पर सच है...
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. प्रदीप व्यास ने आदेश जारी कर कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाई केवल महाराष्ट्र में ही होगी। उद्धव ठाकरे सरकार के इस फैसले से तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है । एक ओर जहां वैक्सीन के अभाव में ऑक्सीजन का एक एक सिलेंडर कोरोना पीड़ितो के लिए संजीवनी बूटी का काम कर रहा है। वहीं दूसरी ओर ऐसे में महाराष्ट्र सरकार के फरमान से प्रदेश के मरीजों की सांसें उखड़ने सी लगी है।
क्योंकि मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली आईनॉक्स कंपनी के प्लांट महाराष्ट्र में ही लगे हैं। वहीं से लगभग 15 जिलों में सीधे और दूसरे वेंडर के जरिए ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है। इंदौर, भोपाल सहित लगभग 15 जिलों में आईनॉक्स कंपनी 130 मीट्रिक टन रोजाना ऑक्सीजन सप्लाई करती है। कोरोनावायरस महामारी के चलते ऑक्सीजन मरीजों की जिंदगी के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। यदि ऑक्सीजन नहीं मिली तो मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ने लगेगी।
शिवराज ने संभाला मोर्चा...
ऑक्सीजन सप्लाई मुद्दे को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आपात बैठक बुलाई गयी। बैठक बयान देते हुए प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह ने कहा कि, "आज मैने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से बात की है और उनसे आग्रह किया है कि ऐसे संकट के समय ऑक्सीजन की सप्लाई नही रोकनी चाहिए। जिस पर उद्धव ठाकरे यथा उचित कोशिश करेंगे कि ऑक्सीजन की सप्लाई न रुके। हमने वैकल्पिक व्यवस्था भी की है, प्रारंभ मे एमपी मे आक्सीजन की उपलब्धता थी केवल 50 टन, जिसे बढ़ा कर 120 टन तक कर ली है। आने वाली तारीख 30 सितंबर तक 150 टन तक ऑक्सीजन की व्यवस्था कर लेंगे। खास बात यह है कि एमपी को महाराष्ट्र से 20 टन ऑक्सीजन मिलती थी।"
विश्वास सारंग के तीखे तेवर...
महाराष्ट्र सरकार द्वारा ऑक्सीजन की सप्लाई पर रोक लगाने के फैसले पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भड़क उठे हैं। उन्होंने कहा कि संघीय ढांचे में ऐसा नहीं चलता है। संघीय ढांचे में राज्यों को परस्पर एक दूसरे का सहयोग करना होता है अगर राज्य ऐसा व्यवहार करेंगे तो काम कैसे चलेगा। कोरोना में ऑक्सीजन सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से इस विषय में चर्चा करेंगे।
मध्य प्रदेश सरकार, महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जाएगी
मंगलवार को सीएम शिवराज की अध्यक्षता में वर्चुअल कैबिनेट बैठक हुई थी। जिसमें फैसला लिया गया था कि प्रदेश में ऑक्सीजन बेड की संख्या को बढ़ाकर 3700 किया जाएगा। इसके बाद प्रदेश में ऑक्सीजन बेड की संख्या 11700 हो जाएगी। साथ ही सरकार ने ऑक्सीजन के इंतजाम के लिए विकल्प तलाशने के निर्देश भी दिए थे। मीटिंग में कहा गया कि महाराष्ट्र से ऑक्सीजन नहीं मिलने पर वहां की सरकार से बात की जाएगी। इतना ही नहीं सरकार ने कोर्ट जाने की भी बात कही थी।
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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार