राम-काज ने बदले...
कांग्रेस के सुर...
बड़ी देर कर दी-मेहरबान आते आते..
बेगि बिलंबु न करिअ नृप साजिअ सबुइ समाजु।
सुदिन सुमंगलु तबहिं ,जब रामु होंहि जुबराजु।।
अयोध्याकाण्ड दोहा 04
भगवान के राज्याभिषेक में गुरु वशिष्ठ जी ने कहा, जिस समय ,जिस दिन श्री राम युवराज बनेंगे,वही दिन समय मुहूर्त शुभ होगा। इस लिए भगवान के कार्य मे मुहूर्त के कारण बिलंब नही होना चाहिए,शीघ्र से शीघ्र श्री राम भगवान का कार्य होना चाहिए।
भारत में रहने वाले करोड़ों हिंदुओं की तपस्या जल्द ही पूरी होने जा रही है।हिदुओं के आराध्य भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण की सभी बाधाएं दूर हो चुकी है और भारत के यशश्वी प्रधानमंत्री इस भव्य निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमिपूजन करने जा रहे हैं। यह राम नाम का प्रताप ही है...की
उल्टा नाम जपा जग जाना ।
बाल्मीकि भये ब्रम्ह समाना ।।
और अब लगातार मंदिर निर्माण पर सवाल खड़े करने वाली राजनीतिक पार्टी कांग्रेस के नेताओं के अचानक मंदिर निर्माण को लेकर सुर बदल गए हैं। अब सभी राम काज में सहमति और सहयोग का राग अलाप कर रहे है। जानकारों की माने तो इस बदले सुर के कई मायने हो सकते है। और इस मानसिक परिवर्तन को आगामी उपचुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का लगातार विरोध करने वाले और भाजपा को कठघरे में खड़ा करने वाली कांग्रेस के मध्यप्रदेश के दो बड़े नेताओं का हृदय परिवर्तन हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने मंदिर निर्माण के समर्थन में ट्वीट किये हैं।
लोगों की आकांक्षाएं पूरी हुईं- कमलनाथ
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने वीडियो संदेश में कहा, 'मैं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का स्वागत करता हूं। देशवासियों को इसकी बहुत दिनों से अपेक्षा और आकांक्षा थी।' उन्होंने कहा, 'राम मंदिर का निर्माण हर भारतवासी की सहमति से हो रहा है। ये सिर्फ भारत में ही संभव है।' सिंह ने ट्वीट किया, 'रामहि केवल प्रेमु पिआरा। जानि लेउ जो जान निहारा॥ भावार्थ:-श्री रामचन्द्रजी को केवल प्रेम प्यारा है, जो जानने वाला हो (जानना चाहता हो), वह जान ले।
दिग्विजय सिंह ने लगाई ट्वीट की झड़ी..
“रामहि केवल प्रेम पिआरा, जानि लेउ जो जान निहारा” अर्थात भगवान श्रीराम को केवल प्रेम ही प्यारा है जो जानने वाला हो(जानना चाहता हो) वह जान ले।”हमारी आस्था के केंद्र भगवान राम ही हैं, और आज समूचा देश भी राम भरोसे ही चल रहा है। इसीलिए हम सबकी आकांक्षा है कि जल्द से जल्द एक भव्य राम मंदिर अयोध्या में राम जन्म भूमि पर बने और राम लला वहाँ विराजें। स्व राजीव गांधी जी भी यही चाहते थे”।
हम बोलेगा-तो बोलोगे-की बोलता है..
दिग्विजय सिंह ने मुहूर्त को लेकर भी ट्वीट किया
” रही बात मुहूर्त कि तो देश में 90 प्रतिशत से भी ज्यादा हिंदू ऐसे होंगे जो मुहूर्त, ग्रह, दशा, ज्योतिष, चौघड़िया आदि धार्मिक विज्ञान को मानते हैं। मैं तटस्थ हूँ इस बात पर कि 5 अगस्त को शिलान्यास का कोई मुहूर्त नहीं है। ये सीधे सीधे धार्मिक भावनाओं और मान्यताओं से खिलवाड है।”
संदेशों की इस श्रृंखला में पूर्व मंत्री पवैया भी शामिल...
बाबरी मस्जिद ढांचा गिराने वाले अभियान में शामिल रहे, राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्श करने वाले प्रखर हिंदू वादी नेता एवं भाजपा के पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने पलटवार करते हुए ट्वीट कर करारा जवाब दिया है।
पवैया ने अपने ट्वीट में लिखा " श्री राम मंदिर निर्माण के लिए कांग्रेसियों का समर्थन या विरोध का अब मायना ही क्या है। फैसला आने के पहले इनमें से कौन ऐसा माई का लाल है जिसने राम मंदिर गर्भ गृह पर ही बनने का दावा किया हो। आतंकियों के वध पर रोने वाले आप कार सेवकों के बलिदान पर एक शब्द भी नहीं बोले थे।" गौरतलब है कि कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा था "मैं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का स्वागत करता हूँ। देशवासियों को इसकी बहुत दिनों से अपेक्षा और आकांक्षा थी। राम मंदिर का निर्माण हर भारतवासी की सहमति से हो रहा है,ये सिर्फ भारत में ही संभव है।
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विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
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