अयोध्या भूमिपूजन कार्यक्रम में हुआ फेरबदल.. जानिए किन प्रमुख मुद्दों पर हुआ बदलाव..
हिंदुस्तान में 5 अगस्त को एक बेहद ऐतिहासिक आयोजन होने जा रहा है।
रामजन्म भूमि अयोध्या में होने वाले श्रीराम मंदिर के शिलान्यास और भूमि पूजन के कार्यक्रम की सभी तैयारियां जोरों पर है। इसआयोजन को सफल करने सैकड़ों लोगों की टीम दिन रात एक कर आयोजन में किसी भी तरह की कसर न छुटे यह प्रयास कर रही है।
यह हर एक हिंदुस्तानी के लिए गौरव-सम्मान-और भव्य उत्सव का क्षण होगा। जिसकी साक्षी पूरी दुनिया बनने जा रही है।
इस आयोजन को लेकर शुरूआत से ही कई बार मंत्रणा हो चुकी है लेकिन आयोजन तिथि निकट आते आते तक आयोजन में कुछ अहम बदलाव किए गए है। 5 अगस्त को होने वाले इस भव्य ऐतिहासिक आयोजन में सभी की सुविधाओं और भावनाओं को ध्यान मेराखते हुए फेरबदल किया गया है।
अब आयोजन स्थल पर संस्कृति विभाग की ओर से प्रदर्शनी नहीं लगाई जाएगी। संत-महात्माओं और अन्य प्रमुख लोगों के बैठने के लिए आयोजन स्थल पर अब दो पंडाल बनेंगे। इनमें करीब 600 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। पंडालों में कुर्सियां सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए लगाई जाएंगी।
संतों की शिकायत पर हुआ बदलाव
आपको बतादें की यह फैसला अयोध्या के संत महात्माओं की लगातार आ रही शिकायत के बाद लिया गया है।पहले आयोजन स्थल पर सिर्फ 200 लोगों के लिए व्यवस्था की जा रही थी।जिसे लेकर संत समाज काफी आहत हुआ था। उन्हें
आयोजन में शामिल न हो पाने पर अपनी उपेक्षा का भी मलाल था। राम मंदिर का शिलान्यास एक बेहद महत्वपूर्ण आयोजन है ऐसे में विभिन्न अखाड़ों, मठों व मंदिरों के संतों को इस ऐतिहासिक आयोजन से सीधे रूबरू होने का अवसर नहीं मिल पा रहा था।
मंच से होगा चार दिग्गजों का सम्बोधन
श्रीराम मंदिर के शिलान्यास और भूमि पूजन के कार्यक्रम स्थल पर एक छोटा मंच भी बनाया जाएगा। इसी मंच से देश के मुखिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आम जनमानस को संबोधित करेंगे।
साथ ही इस ऐतिहासिक क्षण में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत और अयोध्या ट्रस्ट के प्रमुख चंपतराय लोगों को संबोधित करेंगे। आयोजन वाले दिन यानी 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ठीक सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर अयोध्या पहुंचेंगे ।उनका यह अलप प्रवास लगभग 3 घंटे का होगा। अयोध्या आगमन के तत्काल बाद वे रामलला के अस्थायी मंदिर में दर्शन करेंगे एवं उसके बाद हनुमानगढ़ी जाएंगे और फिर आयोजन स्थल पहुंचेंगे।
तो..जगमगा उठेगी..अयोध्या..
संस्कृति विभाग ने अयोध्या के घाटों और मंदिरों को उस दिन दीपों से जगमगाने की तैयारी तेज कर दी है। उस दिन वहां दीपोत्सव की ही तरह का नजारा होगा। इससे पहले चार अगस्त को अयोध्या के हर प्रमुख मंदिर परिसर में अखंड रामायण पाठ शुरू होगा जो अगले दिन भूमि पूजन पर सम्पन्न होगा।
दो दिन पूर्व से ही शुरू हो जायेगे धार्मिक आयोजन..
पांच अगस्त को भूमि पूजन से पहले ही पूजन स्थल पर सावन शुक्ल पूर्णिमा तदनुसार तीन अगस्त से वैदिक आचार्यों के निर्देशन में पंचांग पूजन का शुभारम्भ किया जाएगा। चार अगस्त को पुन: रामार्चा का पूजन किया जाएगा। जबकि पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्य पूजन करेंगे। इसी क्रम में मंदिर-मंदिर अनुष्ठान शुरू होगा। इस अनुष्ठान के अन्तर्गत सभी मंदिरों में श्रीरामचरितमानस का संकल्पित अखंड रामायण पाठ शुरू होगा। इसकी पूर्णाहुति चार अगस्त को होगी।
अयोध्या के हर घर मे होगा उत्सव का माहौल
इसके बाद पांच अगस्त को भूमि-पूजन के निर्धारित मुहूर्त पर दोपहर साढ़े 11 से साढ़े 12 बजे के मध्य हरि संकीर्तन का आयोजन किया जाएगा। अयोध्या के प्रत्येक मंदिर व घर में यह आयोजन सुनिश्चित कराने के लिए विहिप के केन्द्रीय पदाधिकारी व संतों की संयुक्त टीम स्थान-स्थान पर योजनाबद्ध ढंग से सम्पर्क कर रही है। यह टीम सम्बन्धितों से यह आग्रह भी कर रही है कि पांच सौ वर्षों की प्रतीक्षा के बाद आई इस शुभ घड़ी पर अधिक से अधिक स्थानों पर सामूहिक आयोजन हों जिससे किसी भी प्रकार की आशंका निर्मूल सिद्ध हो जाए और जनमानस भी आनंदित हो।
नोट-विकास की कलम अपने पाठकों से अनुरोध करती है कि आप अपने सुझाव हम तक जरूर भेजें..
ताकि आने वाले समय मे हम आपकी मदद से और भी बेहतर कार्य कर सकें। साथ ही यदि आपको लेख अच्छा लगे तो इसे ओरों तक भी पहुंचाए।
विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
हिंदुस्तान में 5 अगस्त को एक बेहद ऐतिहासिक आयोजन होने जा रहा है।
रामजन्म भूमि अयोध्या में होने वाले श्रीराम मंदिर के शिलान्यास और भूमि पूजन के कार्यक्रम की सभी तैयारियां जोरों पर है। इसआयोजन को सफल करने सैकड़ों लोगों की टीम दिन रात एक कर आयोजन में किसी भी तरह की कसर न छुटे यह प्रयास कर रही है।
यह हर एक हिंदुस्तानी के लिए गौरव-सम्मान-और भव्य उत्सव का क्षण होगा। जिसकी साक्षी पूरी दुनिया बनने जा रही है।
इस आयोजन को लेकर शुरूआत से ही कई बार मंत्रणा हो चुकी है लेकिन आयोजन तिथि निकट आते आते तक आयोजन में कुछ अहम बदलाव किए गए है। 5 अगस्त को होने वाले इस भव्य ऐतिहासिक आयोजन में सभी की सुविधाओं और भावनाओं को ध्यान मेराखते हुए फेरबदल किया गया है।
अब आयोजन स्थल पर संस्कृति विभाग की ओर से प्रदर्शनी नहीं लगाई जाएगी। संत-महात्माओं और अन्य प्रमुख लोगों के बैठने के लिए आयोजन स्थल पर अब दो पंडाल बनेंगे। इनमें करीब 600 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। पंडालों में कुर्सियां सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए लगाई जाएंगी।
संतों की शिकायत पर हुआ बदलाव
आपको बतादें की यह फैसला अयोध्या के संत महात्माओं की लगातार आ रही शिकायत के बाद लिया गया है।पहले आयोजन स्थल पर सिर्फ 200 लोगों के लिए व्यवस्था की जा रही थी।जिसे लेकर संत समाज काफी आहत हुआ था। उन्हें
आयोजन में शामिल न हो पाने पर अपनी उपेक्षा का भी मलाल था। राम मंदिर का शिलान्यास एक बेहद महत्वपूर्ण आयोजन है ऐसे में विभिन्न अखाड़ों, मठों व मंदिरों के संतों को इस ऐतिहासिक आयोजन से सीधे रूबरू होने का अवसर नहीं मिल पा रहा था।
मंच से होगा चार दिग्गजों का सम्बोधन
श्रीराम मंदिर के शिलान्यास और भूमि पूजन के कार्यक्रम स्थल पर एक छोटा मंच भी बनाया जाएगा। इसी मंच से देश के मुखिया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आम जनमानस को संबोधित करेंगे।
साथ ही इस ऐतिहासिक क्षण में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत और अयोध्या ट्रस्ट के प्रमुख चंपतराय लोगों को संबोधित करेंगे। आयोजन वाले दिन यानी 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ठीक सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर अयोध्या पहुंचेंगे ।उनका यह अलप प्रवास लगभग 3 घंटे का होगा। अयोध्या आगमन के तत्काल बाद वे रामलला के अस्थायी मंदिर में दर्शन करेंगे एवं उसके बाद हनुमानगढ़ी जाएंगे और फिर आयोजन स्थल पहुंचेंगे।
तो..जगमगा उठेगी..अयोध्या..
संस्कृति विभाग ने अयोध्या के घाटों और मंदिरों को उस दिन दीपों से जगमगाने की तैयारी तेज कर दी है। उस दिन वहां दीपोत्सव की ही तरह का नजारा होगा। इससे पहले चार अगस्त को अयोध्या के हर प्रमुख मंदिर परिसर में अखंड रामायण पाठ शुरू होगा जो अगले दिन भूमि पूजन पर सम्पन्न होगा।
दो दिन पूर्व से ही शुरू हो जायेगे धार्मिक आयोजन..
पांच अगस्त को भूमि पूजन से पहले ही पूजन स्थल पर सावन शुक्ल पूर्णिमा तदनुसार तीन अगस्त से वैदिक आचार्यों के निर्देशन में पंचांग पूजन का शुभारम्भ किया जाएगा। चार अगस्त को पुन: रामार्चा का पूजन किया जाएगा। जबकि पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मुख्य पूजन करेंगे। इसी क्रम में मंदिर-मंदिर अनुष्ठान शुरू होगा। इस अनुष्ठान के अन्तर्गत सभी मंदिरों में श्रीरामचरितमानस का संकल्पित अखंड रामायण पाठ शुरू होगा। इसकी पूर्णाहुति चार अगस्त को होगी।
अयोध्या के हर घर मे होगा उत्सव का माहौल
इसके बाद पांच अगस्त को भूमि-पूजन के निर्धारित मुहूर्त पर दोपहर साढ़े 11 से साढ़े 12 बजे के मध्य हरि संकीर्तन का आयोजन किया जाएगा। अयोध्या के प्रत्येक मंदिर व घर में यह आयोजन सुनिश्चित कराने के लिए विहिप के केन्द्रीय पदाधिकारी व संतों की संयुक्त टीम स्थान-स्थान पर योजनाबद्ध ढंग से सम्पर्क कर रही है। यह टीम सम्बन्धितों से यह आग्रह भी कर रही है कि पांच सौ वर्षों की प्रतीक्षा के बाद आई इस शुभ घड़ी पर अधिक से अधिक स्थानों पर सामूहिक आयोजन हों जिससे किसी भी प्रकार की आशंका निर्मूल सिद्ध हो जाए और जनमानस भी आनंदित हो।
नोट-विकास की कलम अपने पाठकों से अनुरोध करती है कि आप अपने सुझाव हम तक जरूर भेजें..
ताकि आने वाले समय मे हम आपकी मदद से और भी बेहतर कार्य कर सकें। साथ ही यदि आपको लेख अच्छा लगे तो इसे ओरों तक भी पहुंचाए।
विकास की कलम
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विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
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