म.प्र कांग्रेस में 2023 की तैयारी..
नकुल और जयवर्धन..आमने/सामने..
अभी से शुरू हुई..भावी मुख्यमंत्री की जंग
सत्ता का मोह और वर्चस्व की लड़ाई सदियों से चली आ रही है। फिर चाहे वो रामायण हो...महाभारत हो..या साम्राज्य की लड़ाई..हर जगह सत्ता का मोह छुपा ही था। सदीयां बदली..काल बदले..बस नहीं बदला तो वो था सत्ता का मोह..
और यही आगे चलकर ...
डॉक्टर का बेटा डॉक्टर..
अभिनेता का बेटा अभिनेता..
और मंत्री का बेटा मंत्री..
बनने की होड़ में तब्दील हो गया।
विकास की कलम में आज हम बात करेंगे मध्यप्रदेश की राजनीतिक समीकरण की।
दिग्गज राजनीतिक विशेषयों की माने तो..मध्य प्रदेश कांग्रेस के दो दिग्गज राजनेताओं की नई पीढ़ी भी सत्ता के वर्चस्व के द्वंद्व में आमने-सामने आ चुकी है। हालांकि इस द्वन्द की भविष्यवाणी राजनीतिक महागुरूओं ने 2023 की जताई थी।लेकिन इसका आगाज 2020 में ही दिखाई देने लगा...
मैदान में आमने-सामने आ रहे दो दिग्गज पुत्र..
म.प्र कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह के चिरंजीव जयवर्धन सिंह और गांधी परिवार के चहेते पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के उत्तराधिकारी नकुल नाथ अब राजनीतिक महासमर मैदान में आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस में नाथ एंड कंपनी ने नकुल नाथ को 2023 के लिए मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित करना शुरू कर दिया है वहीं दूसरी ओर सिंह ब्रदर्स की ओर से जयवर्धन सिंह 2023 के लिए मुख्यमंत्री पद के दावेदार घोषित किए जा चुके हैं।
समर्थकों ने सोशल मीडिया में छेड़ी जंग..
सोशल मीडिया पर सिंह ब्रदर्स और नाथ कंपनी के समर्थकों के बीच खुली तकरार दिखाई देने लगी है। समर्थकों का बस चले तो वे अपने राजनेता को खुश करने की होड़ में आज ही मुख्यमंत्री की शपथ दिलवा दें।
हालांकि अभी यह तकरार थोड़ी दायरे में हैं लेकिन ये कांग्रेस है जनाब...
यहां दायरे और दीवारें कब टूट जाए,कुछ कहा नहीं जा सकता।
आखिर कैसे शुरू हुई..पद की दावेदारी
आपको बतादें की यह तकरार जयवर्धन सिंह के समर्थन में भोपाल में लगे होर्डिंग के जवाब में आए नकुल नाथ के बयान के बाद शुरू हुई है।
भोपाल में जयवर्धन के समर्थकों द्वारा लगाए गए एक होर्डिंग पोस्टर में जयवर्धन सिंह को मध्य प्रदेश का भावी मुख्यमंत्री बताया गया था। इस होर्डिंग के कारण कांग्रेस पार्टी के अंदर राजनीतिक सरगर्मी काफी तेज हो गयी। मामला इतना गर्म हो गया कि जयवर्धन सिंह को होर्डिंग लगाने वाले के खिलाफ पुलिस में शिकायत करनी पड़ी।
नकुल नाथ ने भी किया पलटवार
पोस्टर की घटना इतनी आसानी से तो खत्म हो नहीं सकती थी।लिहाजा कमलनाथ के पुत्र नकुल नाथ ने कुछ पत्रकारों को बुलाकर बयान दिया कि सन्निकट मध्य प्रदेश उपचुनाव में युवाओं का निर्णय मैं करूंगा। इसके साथ उन्होंने यह भी जोड़ा कि जीतू पटवारी, जयवर्द्घन सिंह, हरि बघेल, सचिन यादव अपने-अपने क्षेत्रों में युवाओं का नेतृत्व मेरे साथ करेंगे। इसी के साथ हालात बिगड़ गए हैं।
जानकारों की माने तो आगामी 2023 में मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी घमासान का एक नया अध्याय देखने को मिल सकता है। क्योंकि एक ओर जहां दौनो दिग्गज पुत्र आगामी मुख्यमंत्री का सपना संजोए बैठे है। वहीं दूसरी ओर दिग्विजय और कमलनाथ भी अपने पुत्रों की इस मंशा को साकार करने अपनी पूरी ताकत झोंकने को तैयार है। बहरहाल अंदुरुनी तौर पर तकरार तो जारी ही है।
अब देखना यह है कि यह तकरार क्या-क्या रंग दिखाती है।
नोट-विकास की कलम अपने पाठकों से अनुरोध करती है कि आप अपने सुझाव हम तक जरूर भेजें..
ताकि आने वाले समय मे हम आपकी मदद से और भी बेहतर कार्य कर सकें। साथ ही यदि आपको लेख अच्छा लगे तो इसे ओरों तक भी पहुंचाए।
विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
नकुल और जयवर्धन..आमने/सामने..
अभी से शुरू हुई..भावी मुख्यमंत्री की जंग
सत्ता का मोह और वर्चस्व की लड़ाई सदियों से चली आ रही है। फिर चाहे वो रामायण हो...महाभारत हो..या साम्राज्य की लड़ाई..हर जगह सत्ता का मोह छुपा ही था। सदीयां बदली..काल बदले..बस नहीं बदला तो वो था सत्ता का मोह..
और यही आगे चलकर ...
डॉक्टर का बेटा डॉक्टर..
अभिनेता का बेटा अभिनेता..
और मंत्री का बेटा मंत्री..
बनने की होड़ में तब्दील हो गया।
विकास की कलम में आज हम बात करेंगे मध्यप्रदेश की राजनीतिक समीकरण की।
दिग्गज राजनीतिक विशेषयों की माने तो..मध्य प्रदेश कांग्रेस के दो दिग्गज राजनेताओं की नई पीढ़ी भी सत्ता के वर्चस्व के द्वंद्व में आमने-सामने आ चुकी है। हालांकि इस द्वन्द की भविष्यवाणी राजनीतिक महागुरूओं ने 2023 की जताई थी।लेकिन इसका आगाज 2020 में ही दिखाई देने लगा...
मैदान में आमने-सामने आ रहे दो दिग्गज पुत्र..
म.प्र कांग्रेस की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह के चिरंजीव जयवर्धन सिंह और गांधी परिवार के चहेते पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के उत्तराधिकारी नकुल नाथ अब राजनीतिक महासमर मैदान में आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस में नाथ एंड कंपनी ने नकुल नाथ को 2023 के लिए मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित करना शुरू कर दिया है वहीं दूसरी ओर सिंह ब्रदर्स की ओर से जयवर्धन सिंह 2023 के लिए मुख्यमंत्री पद के दावेदार घोषित किए जा चुके हैं।
समर्थकों ने सोशल मीडिया में छेड़ी जंग..
सोशल मीडिया पर सिंह ब्रदर्स और नाथ कंपनी के समर्थकों के बीच खुली तकरार दिखाई देने लगी है। समर्थकों का बस चले तो वे अपने राजनेता को खुश करने की होड़ में आज ही मुख्यमंत्री की शपथ दिलवा दें।
हालांकि अभी यह तकरार थोड़ी दायरे में हैं लेकिन ये कांग्रेस है जनाब...
यहां दायरे और दीवारें कब टूट जाए,कुछ कहा नहीं जा सकता।
आखिर कैसे शुरू हुई..पद की दावेदारी
आपको बतादें की यह तकरार जयवर्धन सिंह के समर्थन में भोपाल में लगे होर्डिंग के जवाब में आए नकुल नाथ के बयान के बाद शुरू हुई है।
भोपाल में जयवर्धन के समर्थकों द्वारा लगाए गए एक होर्डिंग पोस्टर में जयवर्धन सिंह को मध्य प्रदेश का भावी मुख्यमंत्री बताया गया था। इस होर्डिंग के कारण कांग्रेस पार्टी के अंदर राजनीतिक सरगर्मी काफी तेज हो गयी। मामला इतना गर्म हो गया कि जयवर्धन सिंह को होर्डिंग लगाने वाले के खिलाफ पुलिस में शिकायत करनी पड़ी।
नकुल नाथ ने भी किया पलटवार
पोस्टर की घटना इतनी आसानी से तो खत्म हो नहीं सकती थी।लिहाजा कमलनाथ के पुत्र नकुल नाथ ने कुछ पत्रकारों को बुलाकर बयान दिया कि सन्निकट मध्य प्रदेश उपचुनाव में युवाओं का निर्णय मैं करूंगा। इसके साथ उन्होंने यह भी जोड़ा कि जीतू पटवारी, जयवर्द्घन सिंह, हरि बघेल, सचिन यादव अपने-अपने क्षेत्रों में युवाओं का नेतृत्व मेरे साथ करेंगे। इसी के साथ हालात बिगड़ गए हैं।
जानकारों की माने तो आगामी 2023 में मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी घमासान का एक नया अध्याय देखने को मिल सकता है। क्योंकि एक ओर जहां दौनो दिग्गज पुत्र आगामी मुख्यमंत्री का सपना संजोए बैठे है। वहीं दूसरी ओर दिग्विजय और कमलनाथ भी अपने पुत्रों की इस मंशा को साकार करने अपनी पूरी ताकत झोंकने को तैयार है। बहरहाल अंदुरुनी तौर पर तकरार तो जारी ही है।
अब देखना यह है कि यह तकरार क्या-क्या रंग दिखाती है।
नोट-विकास की कलम अपने पाठकों से अनुरोध करती है कि आप अपने सुझाव हम तक जरूर भेजें..
ताकि आने वाले समय मे हम आपकी मदद से और भी बेहतर कार्य कर सकें। साथ ही यदि आपको लेख अच्छा लगे तो इसे ओरों तक भी पहुंचाए।
विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार