बच्चों से भीख मंगवाने वालों की आयी शामत..
कलेक्टर की पहल से सवरेंगी सैकड़ों जिंदगी...
कलेक्टर द्वारा भिक्षावृत्ति एवं बालश्रम उन्मूलन हेतु किये..4 दल गठित
आप शहर के किसी भी कोने में खड़े हो जाइए गाहे बगाहे आपकी नज़रों के सामने एक बेहद दयनीय चेहरा आ ही जायेगा। जो अपनी मजबूरी का हवाला जाहिर करते हुए आपसे पैसों की मांग करेगा। और अक्सर आपने इनकी मदद के लिए अपनी जेब से पैसे निकालकर दिए भी होंगे। दरअसल हम बात कर रहे है भिक्षावृत्ति की जो आजकल व्यवसाय बन गया है। इनकी बाकायदा एक गैंग सक्रिय है।जिनमे बच्चों को आजकल ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है।
जिला कलेक्टर ने उठाया भिक्षावृत्ति एवं बालश्रम उन्मूलन का जिम्मा..
शहर में बेलगाम होते जा रहे इस गिरोह पर अंकुश लगाने साथ ही इन गतिविधियों में लिप्त नाबालिक बच्चों को एक बेहतर जिंदगी दिलाने की आस से शहर के कलेक्टर भरत सिंह यादव ने भिक्षावृत्ति एवं बालश्रम उन्मूलन का जिम्मा उठाया है।
कलेक्टर ने किया 4 दलों का गठन
कलेक्टर भरत यादव ने जिले में बाल भिक्षावृत्ति एवं बाल श्रम रोकथाम, उन्मूलन हेतु अधिकारियों एवं कर्मचारियों का अलग-अगल चार दल गठित कर दिया है। गठित दल 14 जुलाई तक सार्वजनिक स्थलों पर सतत् अभियान चलाकर बाल श्रम व बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम हेतु कार्यवाही करेगी।
गठित दलों में बाल कल्याण समिति, श्रम, गृह, नगर निगम, चाइल्ड लाइन एवं समेकित बाल संरक्षण योजना के अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल हैं।
शहर के चप्पे चप्पे पर होगी दलों की नज़र
कलेक्टर श्री यादव ने गठित दलों में शामिल कर्मियों को निर्देशित किया है कि वे 14 जुलाई तक सार्वजनिक स्थलों में घूम-घूमकर भिक्षावृत्ति करने वाले बालकों के परिवार की आर्थिक, सामाजिक पृष्ठभूमि की जांच करें। साथ ही ऐसे बालक-बालिका जिनके परिवार नहीं है, उनको तत्काल बाल कल्याण समिति के आदेश से स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाईन के अनुसार क्वारेंटाइन किये जाने के उपरांत गृह में प्रवेशित कराना सुनिश्चित किया जाये।
बच्चों से भीख मंगवाने वालों की अब खैर नहीं
कलेक्टर ने निर्देश में कहा है कि बालकों से भिक्षावृत्ति कराने वाले परिवारों और समूहों का चिन्हांकन कर किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्यवाही करें। बालकों का स्कूल, छात्रावासों में प्रवेश सुनिश्चित करायें। साथ ही बालकों के जीवन यापन में असमर्थ परिवारों को शासन की अन्य योजनाओं के माध्यम से रोजगार की सुविधा उपलबध कराने की व्यवस्था की जाये।
नोट-विकास की कलम अपने पाठकों से अनुरोध करती है कि आप अपने सुझाव हम तक जरूर भेजें..
ताकि आने वाले समय मे हम आपकी मदद से और भी बेहतर कार्य कर सकें। साथ ही यदि आपको लेख अच्छा लगे तो इसे ओरों तक भी पहुंचाए।
विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
कलेक्टर की पहल से सवरेंगी सैकड़ों जिंदगी...
कलेक्टर द्वारा भिक्षावृत्ति एवं बालश्रम उन्मूलन हेतु किये..4 दल गठित
आप शहर के किसी भी कोने में खड़े हो जाइए गाहे बगाहे आपकी नज़रों के सामने एक बेहद दयनीय चेहरा आ ही जायेगा। जो अपनी मजबूरी का हवाला जाहिर करते हुए आपसे पैसों की मांग करेगा। और अक्सर आपने इनकी मदद के लिए अपनी जेब से पैसे निकालकर दिए भी होंगे। दरअसल हम बात कर रहे है भिक्षावृत्ति की जो आजकल व्यवसाय बन गया है। इनकी बाकायदा एक गैंग सक्रिय है।जिनमे बच्चों को आजकल ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है।
जिला कलेक्टर ने उठाया भिक्षावृत्ति एवं बालश्रम उन्मूलन का जिम्मा..
शहर में बेलगाम होते जा रहे इस गिरोह पर अंकुश लगाने साथ ही इन गतिविधियों में लिप्त नाबालिक बच्चों को एक बेहतर जिंदगी दिलाने की आस से शहर के कलेक्टर भरत सिंह यादव ने भिक्षावृत्ति एवं बालश्रम उन्मूलन का जिम्मा उठाया है।
कलेक्टर ने किया 4 दलों का गठन
कलेक्टर भरत यादव ने जिले में बाल भिक्षावृत्ति एवं बाल श्रम रोकथाम, उन्मूलन हेतु अधिकारियों एवं कर्मचारियों का अलग-अगल चार दल गठित कर दिया है। गठित दल 14 जुलाई तक सार्वजनिक स्थलों पर सतत् अभियान चलाकर बाल श्रम व बाल भिक्षावृत्ति रोकथाम हेतु कार्यवाही करेगी।
गठित दलों में बाल कल्याण समिति, श्रम, गृह, नगर निगम, चाइल्ड लाइन एवं समेकित बाल संरक्षण योजना के अधिकारी एवं कर्मचारी शामिल हैं।
शहर के चप्पे चप्पे पर होगी दलों की नज़र
कलेक्टर श्री यादव ने गठित दलों में शामिल कर्मियों को निर्देशित किया है कि वे 14 जुलाई तक सार्वजनिक स्थलों में घूम-घूमकर भिक्षावृत्ति करने वाले बालकों के परिवार की आर्थिक, सामाजिक पृष्ठभूमि की जांच करें। साथ ही ऐसे बालक-बालिका जिनके परिवार नहीं है, उनको तत्काल बाल कल्याण समिति के आदेश से स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाईन के अनुसार क्वारेंटाइन किये जाने के उपरांत गृह में प्रवेशित कराना सुनिश्चित किया जाये।
बच्चों से भीख मंगवाने वालों की अब खैर नहीं
कलेक्टर ने निर्देश में कहा है कि बालकों से भिक्षावृत्ति कराने वाले परिवारों और समूहों का चिन्हांकन कर किशोर न्याय अधिनियम के तहत कार्यवाही करें। बालकों का स्कूल, छात्रावासों में प्रवेश सुनिश्चित करायें। साथ ही बालकों के जीवन यापन में असमर्थ परिवारों को शासन की अन्य योजनाओं के माध्यम से रोजगार की सुविधा उपलबध कराने की व्यवस्था की जाये।
नोट-विकास की कलम अपने पाठकों से अनुरोध करती है कि आप अपने सुझाव हम तक जरूर भेजें..
ताकि आने वाले समय मे हम आपकी मदद से और भी बेहतर कार्य कर सकें। साथ ही यदि आपको लेख अच्छा लगे तो इसे ओरों तक भी पहुंचाए।
विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार