सड़ांध मारता 243 क्विंटल गेंहू..
किसकी है ये करतूत.....
सिवनी जिले का है.... मामला...
अमित श्रीवास्तव/सिवनी
मामला सिवनी जिले के एक ऐसी खरीदी केंद्र का है... जहाँ 243 किविंटल गेहूं हुआ खराब, जिन खरीदी केंद्र में सरकार अनाज के रखरखाव के लिए लाखों रुपये खर्च करती है कि अनाज सुरक्षित रहे। हमारे देश का अन्न दाता अपना रात दिन के पसीने की फसल इन खरीदी केंद्रों तक लाता है। लेकिन व्यापक स्तर पर अनाज के सुरक्षा इंतजाम नही होने से अनाज खराब हो गया, ये तो हम एक खरीदी केंद्र की बात कर रहे सिवनी जिले में और भी कई खरीदी केंद्र है जहाँ पर सेकड़ो किविंटल अनाज खरीदी केंद्र की लापरवाही की भेंट चढ़ चुका है।
ऐसी बर्बादी पहले नही देखी...
गेहूं की ऐसी बर्बादी शायद आपने कहीं नहीं देखी होगी। जैसी गणेशगंज खरीदी केंद्र में हुई है.... बताया जाता है कि जो खरीदी केंद्र का चयन खेत में किया गया था। बारिश आने में सैकड़ों क्विंटल गेहूं सड़ कर दुर्गंध मारने लगा है। जिसमें खरीदी केंद्रों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जब मौसम विभाग पहले ही चेतावनी दे चुका था कि इस बार मानसून जल्दी आएगा तो फिर व्यापक इंतजाम
क्यों नहीं किए गए। मेहनत से उगाये गए गेहूं को खरीदी केंद्र में जिस तरह से लापरवाही भेंट चढ़ाया गया है। उसे देखकर अन्नदाता किसानों की आत्मा तक रो बैठी है।
जेसीबी लगाकर उठाया सड़ा गेंहू..
जिस गेहूं की रोटी से लोग अपना पेट भरा करते हैं। उसके रखरखाव करने में कितनी लापरवाही बरती गई है उसे देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। गेहूं सड़ जाने के बाद जेसीबी मशीन से उसे ठिकाने लगाया जा रहा है इतना ही नहीं समिति प्रबंधक द्वारा इसकी सूचना अपने विभाग के अधिकारियों को दी गई है। इस पूरे मामले में बड़ा सवाल यह है कि इतने बड़े पैमाने में खरीदी केंद्र में खुले आसमान के खेत में रखे गेहूं को लापरवाही पूर्वक छोड़ दिया गया बारिश आने पर सैकड़ों किविंटल गेहूं सड़ गया ।
सड़े गेहूं को ठीकाने लगाने की भी बात आई सामने
इतना ही नहीं कई खरीदी केंद्रों ने सड़े हुए गेहूं को साफ गेहूं में मिलाकर गोदामों में पहुंचाने का भी प्रयास किया है। गोदाम मालिकों के द्वारा उक्त गेहूं को वापस किया गया है।इसमें खरीदी केंद्रों की मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों की भी लापरवाही उजागर होती है। जिनके द्वारा पहले से ही कोई कार्यवाही नहीं की गई खरीदी केंद्रों में गेहूं सड़ने की भारी मात्रा बताई जा रही है गेहूं को किन अधिकारियों के सामने ठिकाने लगाया गया है । जिस की सही मात्रा कितनी है यह सब जांच का विषय है ।
एक दूसरे पर फोड़ रहे ठीकरा
जिले में भारी मात्रा में खरीदी केंद्रों में गेहूं लापरवाही की भेंट चढ़ा है। लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से इन लापरवाहो पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। गणेशगंज सोसाइटी के खरीदी केंद्र का गेहूं कई स्कूलों में भी भर दिया गया है। जो भी दुर्गंध मार रहा है खरीदी केंद्र प्रभारी सिर्फ परिवहन करता को दोषी ठहरा कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं बड़ा सवाल यह है कि खरीदी केंद्रों पर खरीदे हुए गेहूं को सुरक्षित रखने की पूर्ण जिम्मेदारी खरीदी केंद्र प्रभारियों की होती है जिनके द्वारा बड़ी लापरवाही बरती गई है जिस पर प्रशासन के द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
नोट-विकास की कलम अपने पाठकों से अनुरोध करती है कि आप अपने सुझाव हम तक जरूर भेजें..
ताकि आने वाले समय मे हम आपकी मदद से और भी बेहतर कार्य कर सकें। साथ ही यदि आपको लेख अच्छा लगे तो इसे ओरों तक भी पहुंचाए।
विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
किसकी है ये करतूत.....
गेहूं उपार्जन में शिवराज सरकार ने देश मे अपनी पीठ थपथपाई, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयाँ कर रही है.....गणेशगंज खरीदी केन्द्र में 243 किविंटल गेहूं हुआ खराब...अनाज इतना खराब हो चुका है कि जानवर भी नही खा रहे...प्रबंधक अब अपनी नाकामी छुपाने के लिए उच्च अधिकारियों से मांग रहे मार्गदर्शन....
सिवनी जिले का है.... मामला...
अमित श्रीवास्तव/सिवनी
मामला सिवनी जिले के एक ऐसी खरीदी केंद्र का है... जहाँ 243 किविंटल गेहूं हुआ खराब, जिन खरीदी केंद्र में सरकार अनाज के रखरखाव के लिए लाखों रुपये खर्च करती है कि अनाज सुरक्षित रहे। हमारे देश का अन्न दाता अपना रात दिन के पसीने की फसल इन खरीदी केंद्रों तक लाता है। लेकिन व्यापक स्तर पर अनाज के सुरक्षा इंतजाम नही होने से अनाज खराब हो गया, ये तो हम एक खरीदी केंद्र की बात कर रहे सिवनी जिले में और भी कई खरीदी केंद्र है जहाँ पर सेकड़ो किविंटल अनाज खरीदी केंद्र की लापरवाही की भेंट चढ़ चुका है।
ऐसी बर्बादी पहले नही देखी...
गेहूं की ऐसी बर्बादी शायद आपने कहीं नहीं देखी होगी। जैसी गणेशगंज खरीदी केंद्र में हुई है.... बताया जाता है कि जो खरीदी केंद्र का चयन खेत में किया गया था। बारिश आने में सैकड़ों क्विंटल गेहूं सड़ कर दुर्गंध मारने लगा है। जिसमें खरीदी केंद्रों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जब मौसम विभाग पहले ही चेतावनी दे चुका था कि इस बार मानसून जल्दी आएगा तो फिर व्यापक इंतजाम
क्यों नहीं किए गए। मेहनत से उगाये गए गेहूं को खरीदी केंद्र में जिस तरह से लापरवाही भेंट चढ़ाया गया है। उसे देखकर अन्नदाता किसानों की आत्मा तक रो बैठी है।
जेसीबी लगाकर उठाया सड़ा गेंहू..
जिस गेहूं की रोटी से लोग अपना पेट भरा करते हैं। उसके रखरखाव करने में कितनी लापरवाही बरती गई है उसे देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। गेहूं सड़ जाने के बाद जेसीबी मशीन से उसे ठिकाने लगाया जा रहा है इतना ही नहीं समिति प्रबंधक द्वारा इसकी सूचना अपने विभाग के अधिकारियों को दी गई है। इस पूरे मामले में बड़ा सवाल यह है कि इतने बड़े पैमाने में खरीदी केंद्र में खुले आसमान के खेत में रखे गेहूं को लापरवाही पूर्वक छोड़ दिया गया बारिश आने पर सैकड़ों किविंटल गेहूं सड़ गया ।
सड़े गेहूं को ठीकाने लगाने की भी बात आई सामने
इतना ही नहीं कई खरीदी केंद्रों ने सड़े हुए गेहूं को साफ गेहूं में मिलाकर गोदामों में पहुंचाने का भी प्रयास किया है। गोदाम मालिकों के द्वारा उक्त गेहूं को वापस किया गया है।इसमें खरीदी केंद्रों की मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारियों की भी लापरवाही उजागर होती है। जिनके द्वारा पहले से ही कोई कार्यवाही नहीं की गई खरीदी केंद्रों में गेहूं सड़ने की भारी मात्रा बताई जा रही है गेहूं को किन अधिकारियों के सामने ठिकाने लगाया गया है । जिस की सही मात्रा कितनी है यह सब जांच का विषय है ।
एक दूसरे पर फोड़ रहे ठीकरा
जिले में भारी मात्रा में खरीदी केंद्रों में गेहूं लापरवाही की भेंट चढ़ा है। लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से इन लापरवाहो पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। गणेशगंज सोसाइटी के खरीदी केंद्र का गेहूं कई स्कूलों में भी भर दिया गया है। जो भी दुर्गंध मार रहा है खरीदी केंद्र प्रभारी सिर्फ परिवहन करता को दोषी ठहरा कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं बड़ा सवाल यह है कि खरीदी केंद्रों पर खरीदे हुए गेहूं को सुरक्षित रखने की पूर्ण जिम्मेदारी खरीदी केंद्र प्रभारियों की होती है जिनके द्वारा बड़ी लापरवाही बरती गई है जिस पर प्रशासन के द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
नोट-विकास की कलम अपने पाठकों से अनुरोध करती है कि आप अपने सुझाव हम तक जरूर भेजें..
ताकि आने वाले समय मे हम आपकी मदद से और भी बेहतर कार्य कर सकें। साथ ही यदि आपको लेख अच्छा लगे तो इसे ओरों तक भी पहुंचाए।
विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार