खरीदी केंद्र की लापरवाही..
गेहूं बेचने के बाद भी..
किसान कर रहे तकवारी..
अमित श्रीवास्तव-सिवनी
मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने कहा है खरीदी केंद्रों में किसानो को किसी भी तरह की परेशानी नही होगी, लेकिन उनके ही कर्मचारियों की लापरवाही के चलते किसानों को परेशान होना पड़ रहा है अपने तुले हुए अनाज की तकवाली के लिए उन्हें रात रात भर खरीदी केंद्रों में काटनी पड़ रही है। क्यों कि खरीदी प्रभारी के द्वारा उनके बिल वाउचर को अभी तक ऑनलाइन नही चढ़ाया गया है। जबकि गेंहू के तुले हुए हफ्ते बीत चुके हैं।
देखना ना भूले हमारा विशेष कार्यक्रम खास मुलाकात.. जहां जनता के सवालों का देते हैं, विशेषज्ञ जवाब
कहां का है.. यह पूरा मामला....
मामला मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के धनोरा विकासखंड के सकरी ग्राम का है,जहां स्थित समर्थन मूल्य गेहूं खरीदी केंद्र में किसानों का गेहूं खरीदने के बाद न तो उनके बिल काटे गए ना ही किसानों का गेहूं खरीदने के बाद समिति प्रबंधक ने अपनी जिम्मेदारी पर लिया । परिणाम स्वरूप किसान अपनी उपज गेहूं बेचने के बाद भी केंद्र में रात दिन रुक कर उस गेहूं की तकवारी कर रहा है।
जानिए कैसे होती है... हाईवे के ढाबों में डीजल-पेट्रोल की चोरी..
तकरीबन 30 किसानों की आफत बना खरीदी केंद्र
बताया जाता है कि 30 किसानों का 5000 किविंटल गेहूं खरीदने के बाद अब तक समिति ने उनके बिल वाउचर ऑनलाइन नहीं चढ़ाया है. ना ही किसानों को खरीदी हुई गेहूं के बारे में लिखित में कुछ दिया है । जिससे किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। इतना ही नहीं खरीदी केंद्र में किसानों के लिए किसी भी तरह की सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गई हैं ।खुले आ
समान के नीचे उन्हें अपना गेहूं रखना पड़ रहा है।
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विकास की कलम से बात कर..
किसानों ने लगाया आरोप..
उपरोक्त किसानों की समस्याओं को सुनकर जब विकास की कलम किसानों से मुलाकात करने पहुंची तब बातचीत के दौरान किसानों ने बताया कि
उनसे हमाली का पैसा भी लिया जा रहा है। सरकार द्वारा खरीदी केंद्र में तय किए गए मानकों को दरकिनार करते हुए हर किसान से हर बोरी पर तीन सौ ग्राम अतिरिक्त गेहूं तौल पर लिया जा रहा है। जिससे किसान को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है जबकि सरकार के द्वारा किसानों को कई तरह की सुविधाओं देने की बात खरीदी केंद्रों पर कहीं जा रही है ।लेकिन जमीनी स्तर पर देखें तो किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
यहां पढ़ें:- श्रमिक ट्रेन में बैठ कर आए मजदूरों ने स्टेशन पर की लाखों की लूट
सब की मिलीभगत से होता है यह कारोबार
जब हमारे संवाददाता ने खरीदी केंद्र प्रभारी आरोपो के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने भी हमारे कैमरे के सामने ये बात स्वीकार की कुछ किसानों से तुलाई का पैसा भी लिया गया है। किसानों के द्वारा एस डी एम को भी शिकायत की गई है लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिससे अब किसानों में आक्रोश पनप रहा है।
गौरतलब है कि बीते एक माह से किसान कोरोना की मार झेल रहा है। इसके ऊपर सोने पर सुहागा यह हुआ की, वह अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई समर्थन मूल्य पर विक्रय हेतु खरीदी केंद्र ले आया । जहां उसके अनाज की तुलाई तो हो गई। लेकिन अभी तक कोई भी व्यक्ति इस अनाज की जिम्मेदारी लेने तैयार नहीं है। तुलाई के बाद किसान को ना तो कोई पर्ची दी गई, ना ही कोई भुगतान की पावती। लिहाजा तुलाई के बाद पढ़ा हुआ सैकड़ों क्विंटल गेहूं अभी भी किसान के सर पर है। जिस की रखवाली के लिए दिन रात एक कर के किसान खरीदी केंद्र पर ही डटा हुआ है।
जरूर पढ़िए:- यहां मजदूर की मौत खोल गई अवैध उत्खनन की पोल । पुलिस और माइनिंग विभाग भी कटघरे में
नोट-विकास की कलम अपने पाठकों से अनुरोध करती है कि आप अपने सुझाव हम तक जरूर भेजें..
ताकि आने वाले समय मे हम आपकी मदद से और भी बेहतर कार्य कर सकें। साथ ही यदि आपको लेख अच्छा लगे तो इसे ओरों तक भी पहुंचाए।
विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार
गेहूं बेचने के बाद भी..
किसान कर रहे तकवारी..
अमित श्रीवास्तव-सिवनी
मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने कहा है खरीदी केंद्रों में किसानो को किसी भी तरह की परेशानी नही होगी, लेकिन उनके ही कर्मचारियों की लापरवाही के चलते किसानों को परेशान होना पड़ रहा है अपने तुले हुए अनाज की तकवाली के लिए उन्हें रात रात भर खरीदी केंद्रों में काटनी पड़ रही है। क्यों कि खरीदी प्रभारी के द्वारा उनके बिल वाउचर को अभी तक ऑनलाइन नही चढ़ाया गया है। जबकि गेंहू के तुले हुए हफ्ते बीत चुके हैं।
देखना ना भूले हमारा विशेष कार्यक्रम खास मुलाकात.. जहां जनता के सवालों का देते हैं, विशेषज्ञ जवाब
कहां का है.. यह पूरा मामला....
मामला मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के धनोरा विकासखंड के सकरी ग्राम का है,जहां स्थित समर्थन मूल्य गेहूं खरीदी केंद्र में किसानों का गेहूं खरीदने के बाद न तो उनके बिल काटे गए ना ही किसानों का गेहूं खरीदने के बाद समिति प्रबंधक ने अपनी जिम्मेदारी पर लिया । परिणाम स्वरूप किसान अपनी उपज गेहूं बेचने के बाद भी केंद्र में रात दिन रुक कर उस गेहूं की तकवारी कर रहा है।
जानिए कैसे होती है... हाईवे के ढाबों में डीजल-पेट्रोल की चोरी..
तकरीबन 30 किसानों की आफत बना खरीदी केंद्र
बताया जाता है कि 30 किसानों का 5000 किविंटल गेहूं खरीदने के बाद अब तक समिति ने उनके बिल वाउचर ऑनलाइन नहीं चढ़ाया है. ना ही किसानों को खरीदी हुई गेहूं के बारे में लिखित में कुछ दिया है । जिससे किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। इतना ही नहीं खरीदी केंद्र में किसानों के लिए किसी भी तरह की सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गई हैं ।खुले आ
समान के नीचे उन्हें अपना गेहूं रखना पड़ रहा है।
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विकास की कलम से बात कर..
किसानों ने लगाया आरोप..
उपरोक्त किसानों की समस्याओं को सुनकर जब विकास की कलम किसानों से मुलाकात करने पहुंची तब बातचीत के दौरान किसानों ने बताया कि
उनसे हमाली का पैसा भी लिया जा रहा है। सरकार द्वारा खरीदी केंद्र में तय किए गए मानकों को दरकिनार करते हुए हर किसान से हर बोरी पर तीन सौ ग्राम अतिरिक्त गेहूं तौल पर लिया जा रहा है। जिससे किसान को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है जबकि सरकार के द्वारा किसानों को कई तरह की सुविधाओं देने की बात खरीदी केंद्रों पर कहीं जा रही है ।लेकिन जमीनी स्तर पर देखें तो किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
यहां पढ़ें:- श्रमिक ट्रेन में बैठ कर आए मजदूरों ने स्टेशन पर की लाखों की लूट
सब की मिलीभगत से होता है यह कारोबार
जब हमारे संवाददाता ने खरीदी केंद्र प्रभारी आरोपो के बारे में जानकारी ली तो उन्होंने भी हमारे कैमरे के सामने ये बात स्वीकार की कुछ किसानों से तुलाई का पैसा भी लिया गया है। किसानों के द्वारा एस डी एम को भी शिकायत की गई है लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जिससे अब किसानों में आक्रोश पनप रहा है।
गौरतलब है कि बीते एक माह से किसान कोरोना की मार झेल रहा है। इसके ऊपर सोने पर सुहागा यह हुआ की, वह अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई समर्थन मूल्य पर विक्रय हेतु खरीदी केंद्र ले आया । जहां उसके अनाज की तुलाई तो हो गई। लेकिन अभी तक कोई भी व्यक्ति इस अनाज की जिम्मेदारी लेने तैयार नहीं है। तुलाई के बाद किसान को ना तो कोई पर्ची दी गई, ना ही कोई भुगतान की पावती। लिहाजा तुलाई के बाद पढ़ा हुआ सैकड़ों क्विंटल गेहूं अभी भी किसान के सर पर है। जिस की रखवाली के लिए दिन रात एक कर के किसान खरीदी केंद्र पर ही डटा हुआ है।
जरूर पढ़िए:- यहां मजदूर की मौत खोल गई अवैध उत्खनन की पोल । पुलिस और माइनिंग विभाग भी कटघरे में
नोट-विकास की कलम अपने पाठकों से अनुरोध करती है कि आप अपने सुझाव हम तक जरूर भेजें..
ताकि आने वाले समय मे हम आपकी मदद से और भी बेहतर कार्य कर सकें। साथ ही यदि आपको लेख अच्छा लगे तो इसे ओरों तक भी पहुंचाए।
विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
लेखक विचारक पत्रकार