बचखें रईयो फेरी वालन से...
जे फेरी वालो तो डकैत निकलो..
जबलपुर की गलियों में अपने कंधे में कालीन और चद्दर टांगे लोगों को तो आपने अक्सर देखा ही होगा... जो बेहद कम दामों पर चादरें और कालीन बेचने की बात करते हैं। ये लोग अक्सर बेहद मिलनसार होने का ढोंग रचाते हैं और कालीन बेचने के बहाने घंटों आपके घर के सामने मजमा लगाए रहते हैं। कभी यह खुद को व्यापारी बताते हुए धंधे में हुए नुकसान की भरपाई के नाम पर अपने कालीन को सस्ता बेचना बताते हैं तो कभी घर वापस जाना है और कम दामों पर माल बेचकर अपने गांव लौट जाने की बात करते हैं। ये शातिर लोग बातों ही बातों में आपके घर और उसके आसपास के क्षेत्र में यह जानने की कोशिश करते हैं की कौन सा घर सूना पड़ा है या फिर किस घर में कितने सदस्य हैं और वे कब आते और कब जाते हैं।
असल में वे सिर्फ आपके क्षेत्र में सूने घरों की रेकी कर रहे होते हैं बात बेहद अजीब है लेकिन सच है....
जबलपुर पुलिस के खुलासे ने किए कान खड़े...
बेहद गरीब गांव देहात की वेशभूषा में दिखने वाले यह लोग शहर की गलियों में फेरी लगाकर कालीन और चादरें बेचने का ढोंग रचाते हैं। आपने भी अक्सर इन लोगों को देखा होगा लेकिन इन पर कुछ विशेष ध्यान नहीं दिया होगा।
परंतु जबलपुर पुलिस ने खुलासा किया है कि बांग्लादेश के डकैत इसी तरह शहर की रेकी करते थे। कालीन और चादरें बेचने के नाम पर उन्होंने पूरे शहर में सर्वे किया और फिर डकैती डाली। इस तरह की वारदात उन्होंने केवल जबलपुर शहर में नहीं की बल्कि मध्य प्रदेश सहित भारत के कई शहरों में की है। बांग्लादेशी डकैतों का एक गिरोह केरल पुलिस की गिरफ्त में है।
जबलपुर में हुई डकैती का हुआ खुलासा
जबलपुर में नेपियर टाउन क्षेत्र में रहने वाले रूपकला कलर लैब के संचालक निखिल अग्रवाल के घर 7 मई 2018 की रात हुई डकैती के मुख्य आरोपी मानिक सरकार उर्फ मोटू सरकार को केरल के कुन्नूर जीआरपी ने दबोच लिया है।
मोटू सरकार को उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह शासकीय कार्य में बाधा पहुँचाने के साथ मारपीट कर रहा था। कुन्नूर पुलिस को भी मोटू सरकार की तलाश कुन्नूर क्षेत्र में हुई एक डकैती के मामले में थी। इसी मोटू के पास से वह मोबाइल भी बरामद हो गया जो कि उसने अपने गिरोह के साथ सोने-चाँदी के जेवरों के साथ लूटा था।
जबलपुर एसपी अमित सिंह ने दी जानकारी
इस पूरे प्रकरण में में एसपी अमित सिंह ने जानकारी दी है कि मोटू सरकार बांग्ला देश के चटगाँव हिथलिया ग्राम का रहने वाला है। वो जो मोबाइल जेवर व नकदी के साथ ले गया था उसकी लोकेशन बांग्ला देश की ही बताई जा रही थी। जब मोटू को कुन्नूर जीआरपी ने पकड़ा तो उन्होंने मोटू की तस्वीर साझा की थी।
यह फोटो का मिलान जब निखिल अग्रवाल के घर पर मिले सीसीटीवी फुटेज से किया तो वह मिल गया। इसके बाद यह तय हो गया कि जबलपुर मेें हुई कम से कम 5 डकैतियों का राज खुल जाएगा। ओमती पुलिस का एक दल कुन्नूर रवाना कर दिया गया है। यह दल जेल जाकर मोटू सरकार से पूछताछ कर उसके बाकी साथियों की तलाश करेगा।
जबलपुर शहर में हुई यह खास डकैतियाँ..
- 07 मई, 2018 को ओमती थाना अंतर्गत नेपियर टाउन निवासी कलर लैब संचालक निखिल अग्रवाल के घर बंधक बनाकर 80 लाख की डकैती।
- 11 नवम्बर 2016 को संजीवनी नगर थाना क्षेत्र निवासी अधिवक्ता हर्षवर्धन शुक्ला के घर 10 लाख की डकैती।
- 14 मई 2016 को ओमती थाना क्षेत्र में बार संचालक रामअवतार गुप्ता के घर 15 लाख की डकैती।
- 13 मई 2016 को मदन महल थाना अंतर्गत स्नेह नगर निवासी मनोज सिंह के घर डकैती का प्रयास
- 21 अप्रैल 2015 को केंट थानांतर्गत चौथा पुल निवासी लिज्जत पापड़ की प्रमुख पुष्पा बेरी को बंधक बनाकर 20 लाख की डकैती।
प्रोडक्शन वारंट हुआ जारी, बांग्लादेश से
जबलपुर लाए जाएंगे डकैत..
नेपियर टाउन निवासी कलर लैब संचालक के घर डकैती डालने से पूर्व गिरोह के सदस्यों ने कंधे पर कालीन व चादरें टांगकर शहर में फेरी लगाई थी। डकैती की ज्यादातर घटनाओं में बांग्लादेशी गिरोह ने यही रणनीति अपनाई थी। इधर, बांग्लादेशी डकैत मानिक सरकार को केरल से जबलपुर लाने की प्रक्रिया आसान हो गई है। ओमती पुलिस के आवेदन पर न्यायालय ने मानिक के खिलाफ प्रॉडक्शन वारंट जारी कर दिया है। वारंट की तामीली के लिए पुलिस आरक्षक को केरल भेजा गया है।
दूसरे बांग्लादेशी डकैत मोहम्मद इलियास के खिलाफ प्रॉडक्शन वारंट जारी कराने के बाद 11 फरवरी को एसआई सतीश झारिया के नेतृत्व में पुलिस टीम को केरल भेजा जाएगा। जबलपुर में हुई डकैती की कई घटनाओं में संदेही मानिक व इलियास को यहां लाकर पूछताछ की जाएगी।
होटल, लॉज, धर्मशाला, ढाबों में बढ़ाई चेकिंग
बांग्लादेशी डकैतों से मिले इनपुट के बाद पुलिस ने होटल, लॉज, धर्मशाला व ढाबों की चैकिंग बढ़ा दी है। दरअसल, डकैत गिरोह के सदस्य जिस शहर में वारदात करने पहुंचते हैं वहां रेलवे स्टेशन समेत उक्त स्थानों पर डेरा डालते हैं। हालांकि केरल गिरोह के प्रमुख बदमाशों की केरल में गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेशी गिरोह भूमिगत हो गया है फिर भी पुलिस आश्रय स्थलों पर डेरा डाले लोगों पर कड़ी नजर रख रही है।
देश भर में कई डकैतियों के खुल सकते है राज...
बांग्लादेशी डकैतों का गिरोह जबलपुर समेत प्रदेश के कई शहरों में वारदात कर चुका है। जांच अधिकारी ने बताया कि बांग्लादेशी गिरोह के सदस्यों से पूछताछ के लिए देश के कई शहरों से पुलिस टीम केरल पहुंच रही है।
विकास की कलम की अपील
विकास की कलम अपने जागरूक पाठकों से यह अपील करती है कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस जानकारी को सार्वजनिक करने में सहयोग प्रदान करें। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को यदि वह अपने क्षेत्र में घूमता हुआ पाए, तो तत्काल ही उसकी शिकायत नजदीकी पुलिस थाने में करें ।वर्तमान के समय में कबाड़ बेचने वाले, रद्दी पेपर खरीदने वाले, कपड़ों के बदले बर्तन देने वाले और सस्ते दामों में कालीन- चादर बेचने वालों पर विशेष ध्यान दें खासतौर पर घरों में रहने वाली महिलाओं को सचेत करें कि यदि इनमें से कोई भी व्यक्ति संदिग्ध नजर आए तो सबसे पहले इसकी शिकायत दर्ज कराएं । अक्सर देखा गया है कि इन लोगों का शिकार घरों में रहने वाली महिलाएं ही होती हैं।
विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
(लेखक विचारक पत्रकार)
जे फेरी वालो तो डकैत निकलो..
जबलपुर की गलियों में अपने कंधे में कालीन और चद्दर टांगे लोगों को तो आपने अक्सर देखा ही होगा... जो बेहद कम दामों पर चादरें और कालीन बेचने की बात करते हैं। ये लोग अक्सर बेहद मिलनसार होने का ढोंग रचाते हैं और कालीन बेचने के बहाने घंटों आपके घर के सामने मजमा लगाए रहते हैं। कभी यह खुद को व्यापारी बताते हुए धंधे में हुए नुकसान की भरपाई के नाम पर अपने कालीन को सस्ता बेचना बताते हैं तो कभी घर वापस जाना है और कम दामों पर माल बेचकर अपने गांव लौट जाने की बात करते हैं। ये शातिर लोग बातों ही बातों में आपके घर और उसके आसपास के क्षेत्र में यह जानने की कोशिश करते हैं की कौन सा घर सूना पड़ा है या फिर किस घर में कितने सदस्य हैं और वे कब आते और कब जाते हैं।
असल में वे सिर्फ आपके क्षेत्र में सूने घरों की रेकी कर रहे होते हैं बात बेहद अजीब है लेकिन सच है....
जबलपुर पुलिस के खुलासे ने किए कान खड़े...
बेहद गरीब गांव देहात की वेशभूषा में दिखने वाले यह लोग शहर की गलियों में फेरी लगाकर कालीन और चादरें बेचने का ढोंग रचाते हैं। आपने भी अक्सर इन लोगों को देखा होगा लेकिन इन पर कुछ विशेष ध्यान नहीं दिया होगा।
परंतु जबलपुर पुलिस ने खुलासा किया है कि बांग्लादेश के डकैत इसी तरह शहर की रेकी करते थे। कालीन और चादरें बेचने के नाम पर उन्होंने पूरे शहर में सर्वे किया और फिर डकैती डाली। इस तरह की वारदात उन्होंने केवल जबलपुर शहर में नहीं की बल्कि मध्य प्रदेश सहित भारत के कई शहरों में की है। बांग्लादेशी डकैतों का एक गिरोह केरल पुलिस की गिरफ्त में है।
जबलपुर में हुई डकैती का हुआ खुलासा
जबलपुर में नेपियर टाउन क्षेत्र में रहने वाले रूपकला कलर लैब के संचालक निखिल अग्रवाल के घर 7 मई 2018 की रात हुई डकैती के मुख्य आरोपी मानिक सरकार उर्फ मोटू सरकार को केरल के कुन्नूर जीआरपी ने दबोच लिया है।
मोटू सरकार को उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह शासकीय कार्य में बाधा पहुँचाने के साथ मारपीट कर रहा था। कुन्नूर पुलिस को भी मोटू सरकार की तलाश कुन्नूर क्षेत्र में हुई एक डकैती के मामले में थी। इसी मोटू के पास से वह मोबाइल भी बरामद हो गया जो कि उसने अपने गिरोह के साथ सोने-चाँदी के जेवरों के साथ लूटा था।
जबलपुर एसपी अमित सिंह ने दी जानकारी
इस पूरे प्रकरण में में एसपी अमित सिंह ने जानकारी दी है कि मोटू सरकार बांग्ला देश के चटगाँव हिथलिया ग्राम का रहने वाला है। वो जो मोबाइल जेवर व नकदी के साथ ले गया था उसकी लोकेशन बांग्ला देश की ही बताई जा रही थी। जब मोटू को कुन्नूर जीआरपी ने पकड़ा तो उन्होंने मोटू की तस्वीर साझा की थी।
यह फोटो का मिलान जब निखिल अग्रवाल के घर पर मिले सीसीटीवी फुटेज से किया तो वह मिल गया। इसके बाद यह तय हो गया कि जबलपुर मेें हुई कम से कम 5 डकैतियों का राज खुल जाएगा। ओमती पुलिस का एक दल कुन्नूर रवाना कर दिया गया है। यह दल जेल जाकर मोटू सरकार से पूछताछ कर उसके बाकी साथियों की तलाश करेगा।
जबलपुर शहर में हुई यह खास डकैतियाँ..
- 07 मई, 2018 को ओमती थाना अंतर्गत नेपियर टाउन निवासी कलर लैब संचालक निखिल अग्रवाल के घर बंधक बनाकर 80 लाख की डकैती।
- 11 नवम्बर 2016 को संजीवनी नगर थाना क्षेत्र निवासी अधिवक्ता हर्षवर्धन शुक्ला के घर 10 लाख की डकैती।
- 14 मई 2016 को ओमती थाना क्षेत्र में बार संचालक रामअवतार गुप्ता के घर 15 लाख की डकैती।
- 13 मई 2016 को मदन महल थाना अंतर्गत स्नेह नगर निवासी मनोज सिंह के घर डकैती का प्रयास
- 21 अप्रैल 2015 को केंट थानांतर्गत चौथा पुल निवासी लिज्जत पापड़ की प्रमुख पुष्पा बेरी को बंधक बनाकर 20 लाख की डकैती।
प्रोडक्शन वारंट हुआ जारी, बांग्लादेश से
जबलपुर लाए जाएंगे डकैत..
नेपियर टाउन निवासी कलर लैब संचालक के घर डकैती डालने से पूर्व गिरोह के सदस्यों ने कंधे पर कालीन व चादरें टांगकर शहर में फेरी लगाई थी। डकैती की ज्यादातर घटनाओं में बांग्लादेशी गिरोह ने यही रणनीति अपनाई थी। इधर, बांग्लादेशी डकैत मानिक सरकार को केरल से जबलपुर लाने की प्रक्रिया आसान हो गई है। ओमती पुलिस के आवेदन पर न्यायालय ने मानिक के खिलाफ प्रॉडक्शन वारंट जारी कर दिया है। वारंट की तामीली के लिए पुलिस आरक्षक को केरल भेजा गया है।
दूसरे बांग्लादेशी डकैत मोहम्मद इलियास के खिलाफ प्रॉडक्शन वारंट जारी कराने के बाद 11 फरवरी को एसआई सतीश झारिया के नेतृत्व में पुलिस टीम को केरल भेजा जाएगा। जबलपुर में हुई डकैती की कई घटनाओं में संदेही मानिक व इलियास को यहां लाकर पूछताछ की जाएगी।
होटल, लॉज, धर्मशाला, ढाबों में बढ़ाई चेकिंग
बांग्लादेशी डकैतों से मिले इनपुट के बाद पुलिस ने होटल, लॉज, धर्मशाला व ढाबों की चैकिंग बढ़ा दी है। दरअसल, डकैत गिरोह के सदस्य जिस शहर में वारदात करने पहुंचते हैं वहां रेलवे स्टेशन समेत उक्त स्थानों पर डेरा डालते हैं। हालांकि केरल गिरोह के प्रमुख बदमाशों की केरल में गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेशी गिरोह भूमिगत हो गया है फिर भी पुलिस आश्रय स्थलों पर डेरा डाले लोगों पर कड़ी नजर रख रही है।
देश भर में कई डकैतियों के खुल सकते है राज...
बांग्लादेशी डकैतों का गिरोह जबलपुर समेत प्रदेश के कई शहरों में वारदात कर चुका है। जांच अधिकारी ने बताया कि बांग्लादेशी गिरोह के सदस्यों से पूछताछ के लिए देश के कई शहरों से पुलिस टीम केरल पहुंच रही है।
विकास की कलम की अपील
विकास की कलम अपने जागरूक पाठकों से यह अपील करती है कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस जानकारी को सार्वजनिक करने में सहयोग प्रदान करें। किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को यदि वह अपने क्षेत्र में घूमता हुआ पाए, तो तत्काल ही उसकी शिकायत नजदीकी पुलिस थाने में करें ।वर्तमान के समय में कबाड़ बेचने वाले, रद्दी पेपर खरीदने वाले, कपड़ों के बदले बर्तन देने वाले और सस्ते दामों में कालीन- चादर बेचने वालों पर विशेष ध्यान दें खासतौर पर घरों में रहने वाली महिलाओं को सचेत करें कि यदि इनमें से कोई भी व्यक्ति संदिग्ध नजर आए तो सबसे पहले इसकी शिकायत दर्ज कराएं । अक्सर देखा गया है कि इन लोगों का शिकार घरों में रहने वाली महिलाएं ही होती हैं।
विकास की कलम
चीफ एडिटर
विकास सोनी
(लेखक विचारक पत्रकार)